When will the central government give a new relief package on corona: digi desk/BHN/ देश में कोरोना वायरस बेकाबू होते जा रहा है। सरकार के सामने इसे रोकना अब चुनौती बन गई है। हर दिन मौतों का आंकड़ा बढ़ते ही जा रहा है। वहीं कई राज्यों में लॉकडाउन लग गया है। ऐसे में कोविड-19 के कारण अर्थव्यवस्था को खतरा हुआ तो आर्थिक राहत पैकेज मिल सकता है। नीति आयोग का कहना है कि उपभोक्ता और निवेश के मामले में अनिश्चितता तैयार रहने की आवश्यकता है। आयोग ने कहा कि जरूरत पड़ी तो सरकार राजकोषीय से हालात को सामान करेगी। गौरतलब है कि मोदी सरकार ने साल 2020 में कोरोना संक्रमण के दौरान 20 लाख करोड़ रुपए का राहत पैकेज की घोषणा की थी।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा, ‘कोविड-19 के बढ़ते केस के कारण स्थिति कठिन होती जा रही है।’ इसके कारण प्रदेश सरकारें लॉकडाउन लगाने पर मजबूर है। कुमार ने कहा कि देश पूरी तरह से कोरोना को हारने की स्टेज पर था, लेकिन ब्रिटेन और अन्य देशों के स्ट्रेन के चलते हालात मुश्किल हो गए हैं। साथ ही उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था इस वित्तीय वर्ष 11 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद जताई है।
उन्होंने कहा कि सर्विस क्षेत्र समेत कई सेक्टर पर महामारी का प्रभाव पड़ने से आर्थिक गतिविधियों पर इसका अप्रत्यक्ष प्रभाव दिखाई देगा। ऐसे में निवेशक और उपभोक्ता दोनों को तैयार रहना होगा। राजीव कुमार ने बताया, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अर्थव्यवस्था को गति देने कई कदम उठाए हैं। आरबीआई ने बेंचमार्क ब्याज दर को चार प्रतिशत पर छोड़ दिया था। हालांकि एक आक्रामक रुख बनाए हुए है।
बता दें कि पिछले साल कोरोना संक्रमण शुरू होने पर मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था को गति देने पैकेज की घोषणा की थी। इसमें करीब 27.1 लाख करोड़ पैकेज का ऐलान किया गया था। चालू वित्तवर्ष में इकोनॉमी को बढ़ाने पर राजीव ने कहा कि यह करीब 11 प्रतिशत होगा। इससे पहले रिजर्व बैंक ने भी नीति समीक्षा करते हुए 10.5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया है।