- सौम्या चौरसिया को 10 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेजा गया
- जुलाई 2024 में सौम्या के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी
- गिरफ्तारी के बाद सौम्या विशेष न्यायाधीश की कोर्ट में हुई पेश
रायपुर। कोयला घोटाले में फंसी और रायपुर सेंट्रल जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। आय से अधिक संपत्ति के मामले में EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो) ने शुक्रवार को सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें गिरफ्तार कर विशेष न्यायाधीश निधि शर्मा की कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 10 दिनों की कस्टोडियल रिमांड पर भेज दिया गया है।
10 दिनों तक गहन पूछताछ
इस कस्टोडियल रिमांड के दौरान EOW के अधिकारी सौम्या चौरसिया से आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में विस्तार से पूछताछ करेंगे। सूत्रों के अनुसार, जांच के दायरे में सौम्या के कई रिश्तेदार और करीबी लोग भी आ सकते हैं, जिनके माध्यम से अवैध संपत्ति अर्जित की गई होने की संभावना है। EOW इस दौरान उनकी संपत्तियों, बैंक खातों और लेन-देन की पूरी जांच करेगी।
तीन नई एफआईआर दर्ज
गौरतलब है कि 2 जुलाई 2024 को निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू और समीर विश्नोई के साथ ही सौम्या चौरसिया के खिलाफ तीन नई एफआईआर दर्ज की गई थीं। इन एफआईआर में कोयला घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग और आय से अधिक संपत्ति के आरोप शामिल हैं। इस मामले में जांच एजेंसियां लगातार सक्रिय हैं और अधिकारियों का मानना है कि सौम्या के खिलाफ ठोस सबूत जुटाए गए हैं, जो इस मामले में उनके खिलाफ कार्रवाई को और मजबूत बना सकते हैं।
ईडी द्वारा पहले भी गिरफ्तारी
सौम्या चौरसिया, जो कांग्रेस सरकार में एक प्रभावशाली अफसर मानी जाती थीं, को कोयला घोटाला और मनी लांड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया था। ईडी की जांच में यह बात सामने आई थी कि सौम्या ने अपनी पद का दुरुपयोग करते हुए बड़ी मात्रा में अवैध संपत्ति अर्जित की थी। गिरफ्तारी के बाद से ही वह रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं, और अब EOW द्वारा की गई नई गिरफ्तारी से उनकी समस्याएं और बढ़ गई हैं।
भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री के कार्यकाल में सौम्या चौरसिया पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे। माना जाता है कि उन्होंने अपनी ताकत और पद का दुरुपयोग कर कई गैरकानूनी सौदों में भाग लिया, जिससे उन्होंने करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित की। EOW और ईडी की जांच में अब तक उनकी संपत्तियों, बैंक खातों और अघोषित संपत्तियों का खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियां उनकी संपत्ति के स्रोतों का पता लगाने में जुटी हुई हैं और यह माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में और भी खुलासे हो सकते हैं।