मुंबई
महाराष्ट्र की डीजीपी रश्मि शुक्ला को हटा दिया गया है। कई दलों ने डीजीपी की शिकायत की थी। इसके बाद चुनाव आयोग ने यह कार्यवाही की है।चुनाव आयोग ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि वह कैडर के अगले सबसे सीनियर अधिकारी को उनका प्रभार सौंपे। मंगलवार दोपहर 1 बजे तक तीन आईपीएस अधिकारियों का पैनल भेजने का निर्देश दिया गया है।
कांग्रेस की शिकायत पर की गई कार्रवाई
महाराष्ट्र कांग्रेस की शिकायत पर रश्मि शुक्ला को हटाया गया है। महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा था और रश्मि शुक्ला को हटाने की मांग की थी। नाना पटोले ने अपने पत्र में कहा था कि वह एक विवादित अधिकारी हैं और उन्होंने बीजेपी का पक्ष लिया है। नाना पटोले ने कहा था कि उनके पद पर बने रहने से पारदर्शी तरीके से चुनाव कराने पर संदेह पैदा होगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने भी इससे पहले अधिकारियों को निष्पक्ष और उचित व्यवहार करने की चेतावनी दी थी। मुख्य चुनाव आयुक्त ने विधानसभा चुनाव के तारीख की घोषणा के दौरान कहा था कि अधिकारी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते समय गैर पक्षपाती व्यवहार करें।
रश्मि शुक्ला महाराष्ट्र की पहली महिला डीजीपी हैं। वह 1988 बैच की महाराष्ट्र कैडर की अधिकारी रह चुकी हैं। रश्मि शुक्ला SSB की महानिदेशक भी रह चुकी है। जब महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी की सरकार थी। उस दौरान रश्मि शुक्ला खुफिया विभाग की प्रमुख थीं।
महाराष्ट्र में कुछ वरिष्ठ राजनीतिक नेताओं के फोन टैपिंग के मामले सामने आए थे, जिनमें उनके खिलाफ तीन मुकदमे दर्ज किए गए थे। उन पर मुंबई में एक एफआईआर दर्ज है, जिसमें संजय राउत और एकनाथ खडसे के फोन टैप करने का आरोप है।
संजय राउत ने लगाए थे आरोप
2 दिन पहले ही संजय राउत ने रश्मि शुक्ला को निशाने पर लिया था और कहा था कि वह सीधे-सीधे भाजपा के लिए काम करती हैं। संजय राउत ने कहा था कि महाराष्ट्र की पुलिस दबाव में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं पर जबरन केस किया जा रहा है और फर्जी आधार कार्ड से वोटर लिस्ट में धांधली की जा रही है। संजय राउत ने कहा था कि रश्मि शुक्ला के बारे में बहुत ही गंभीर आरोप है और आज वह डीजीपी हैं।