Earthquake in Bihar:digi desk/BHN/बिहार/ बिहार में अब से कुछ देर पहले भूकंप के हलके झटके महसूस किए गए है। राज्य के अन्य कई शहरों में भी भूकंप के झटके लगने से लोग सहम गए है और तत्काल घरों को छोड़कर बाहर सड़कों पर आ गए। राजधानी पटना के अलावा पूर्णिया, भागलपुर अररिया और किशनगंज में भूकंप के हल्के शॉक लोगों ने महसूस किए हैं। फिलहाल किसी के हताहत होने या नुकसान होने की सूचना नहीं है।
इस कारण से आते हैं धरती पर भूकंप
गौरतलब है कि हमारी पृथ्वी चार परतों से बनी हुई है, जिसे इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट कहा जाता है। इसमें से क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं। ये 50 किलोमीटर के लगभग की मोटी परत कई हिस्सों में वर्गीकृत है और इसे टैक्टोनिक प्लेट्स कहा जाता है। यह धरती की टैक्टोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर हिलती रहती हैं, जब ये प्लेट बहुत ज्यादा हिल जाती हैं तो धरती की ऊपरी सतह पर भूकंप महसूस होता है।
ऐसे होती है भूकंप की गणना
भूकंप की तीव्रता का अंदाजा उसके एपीसेंटर से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों के आधार पर किया जाता है और इन तरंगों से कई सैकड़ों किलोमीटर तक कंपन होता है और धरती में दरारें भी हो जाता है। अगर भूकंप की गहराई कम हो तो बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है जिससे भयानक तबाही होती है, लेकिन यदि इसकी गहराई ज्यादा होती है तो धरती की सतह पर ज्यादा नुकसान नहीं होता। समुद्र में भूकंप आने पर तेज लहरें उठने लगती है, जिसे सुनामी कहा जाता है। भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए रिक्टर स्केल का उपयोग किया जाता है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। इस रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है।