Hanuman ji wrote hanumad ramyan:digi desk/BHN/ पौराणिक कथाओं और इतिहासकारों के अनुसार सबसे पहली रामायण महर्षि वाल्मीकि ने लिखी है। सब हम सब भी यही जानते हैं। अबतक वाल्मीकि रामायण के अलावा दुनिया में 24 से ज्यादा भाषाओं में 200 से अधिक रामायण लिखी गई हैं। भारत के साथ ही अन्य 9 देशों की भी अपनी-अपनी रामायण हैं। देश में महर्षि वाल्मीकि की रामायण के अलावा गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखि रामचरित मानस भी सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। लेकिन बेहद कम लोग जानते हैं कि सबसे पहली रामायण वाल्मीकि ने नहीं लिखी हैं। दरअसल सबसे पहली रामायण भगवान राम के परम भक्त हनुमान जी ले लिखी है। आइए जानते हैं क्या है पूरी कहानी।
हनुमद रामायण के नाम से जाना जाता है
हनुमान जी द्वारा लिखी रामायण को हनुमद रामायण के नाम से जाता है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक लंका पति रावण का वध कर भगवान राम अयोध्या लौट आए। तब हनुमान जी राम से आज्ञा लेकर हिमालय पर तपस्या करने चले गए थे। उन्होंने भगवान शिव जी की आराधना करते हुए शिलाओं पर अपने प्रभु भगवान राम को याद करते हुए अपने नाखूनों से रामायण लिखी थी।
वाल्मीकि हो गए थे निराश
मान्यता है कि एक दिन हनुमान शिला पर लिखी अपनी रामायण को उठाकर भगवान भोलेनाथ को दिखाने कैलाश पर्वत गए। वहां कुछ देर बाद महर्षि वाल्मीकि भी अपनी रामायण लेकर शिवजी के पास पहुंच गए। वहां पर पहले से हनुमान जी की हनुमद रामायण देखकर वाल्मीकि बेहद निराश हो गए थे। हनुमान जी ने उनसे दुख का कारण पूछा। तब महर्षि ने कहा कि आपके द्वारा लिखी गई रामायण के सामने मेरी रामायण कुछ भी नहीं है।
समुद्र में फेंक दी हनुमद रामायण
महर्षि वाल्मीकि की बात सुनकर हनुमान जी को भी अच्छा नहीं लगा। उन्होंने एक एक कंधे पर हनुमद रामायण लिखी शिला को उठाया और दूसरे कंधे पर वाल्मीकि को बिठाया है। वह समुद्र के पास गए। जहां हनुमान जी ने अपनी लिखी रामायण को समुद्र में फेंक दिया। इस तरह हनुमद रामायण हमेशा के लिए समुद्र में अर्पित हो गई।