उमरिया,भास्कर हिंदी न्यूज़/ बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व पतौर रेंज के बमेरा-कसेरू मार्ग पर मादा तेंदुए ने एक बछड़े का शिकार किया, लेकिन वे उसे खा नहीं सका। क्योंकि जैसे ही उसने शिकार किया वैसे ही एक बाघिन वहां पहुंच गई और तेंदुए से उसका शिकार छुड़ाने लगी। दोनों के बीच शिकार को लेकर जमकर संघर्ष हुआ और इस संघर्ष का अंत तेंदुए की मौत के साथ हो गया। इसके बाद बाघिन ने तेंदुए के शिकार को पूरी तरह खा लिया और मौके से जंगल में चली गई।
रविवार को तेंदुए का एक शव मिलने के बाद कुछ इस तरह की कहानी सामने आई है। मादा तेंदुए की आयु लगभग ढाई से तीन वर्ष होना पशु चिकित्सक द्वारा आंकलित की गई।
गश्त के दौरान दिखा शव
4 अप्रैल को सुबह 7 बजे गश्ती दल द्वारा बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पतौर परिक्षेत्र की कसेरू बीट के कक्ष क्रमांक 192बी में बमेरा कसेरु मार्ग के किनारे एक मादा तेंदुए का शव देखा गया। वन रक्षक द्वारा इसकी सूचना तत्काल वन परिक्षेत्र अधिकारी को दी गई। मौके पर स्निफर डॉग बैली को भेजा गया एवं घटना स्थल को सील किया गया।
दिखाई दिए बाघिन के पद चिन्ह
स्निफर डॉग द्वारा आसपास के क्षेत्र में जाकर देखा गया तो शव से लगभग 100 मीटर दूर एक बछड़े का लगभग पूरा खाया किल और मादा बाघ के पग मार्क देखे गए। तेंदुए के शव के पास भी मादा बाघ के पग मार्क और किल को घसीटे जाने के प्रमाण मिले। शव के समीप एक वृक्ष पर लगभग 10 फीट की ऊंचाई तक तेंदुए के नाखूनों की खरोंच भी मिली। शव के गले और पीठ पर घाव देखे गए।
प्रथम दृष्टया तेंदुए द्वारा बछड़े को मारकर खाने के दौरान मादा बाघ आ जाने से आपसी संघर्ष में तेंदुए के मारे जाने और उसके उपरांत मादा बाघ द्वारा बछड़े को घसीटकर दूर ले जाना और खा लिए जाने की बात सामने आई। सूचना प्राप्त होने पर क्षेत्र संचालक विंसेंट रहीम और अन्य वन अधिकारी सहायक वन्य जीव शल्यज्ञ डॉक्टर नितिन गुप्ता और एनटीसीए के प्रतिनिधि सीएम खरे के साथ तत्काल मौके पर पहुंचे और शव परीक्षण कर सैंपल संरक्षित किए गए। तदुपरान्त निर्धारित एस ओ पी अनुसार शवदाह कर तेंदुए को समस्त अवयवों सहित जलाकर पूर्णत: नष्ट किया गया।