Saturday , November 23 2024
Breaking News

शाहजहां ने सफेद संगमरमर से बनवाया था दिल्ली का लालकिला, अंग्रेजों ने कर दिया लाल, ये रहस्य नहीं जानते होंगे आप!

नई दिल्ली
 पुरानी दिल्ली
में स्थित लालकिला सदियों से राजधानी दिल्ली की शान बना हुआ है। ये वही लाल रंग की खूबसूरत इमारत है, जो आजादी का प्रतीक मानी जाती है। हर साल 15 अगस्त के मौके पर लालकिला पर ही प्रधानमंत्री तिरंगा झंडा फहराते हैं। हर दिन लालकिला में लाखों की तादाद में लोग घूमने जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिल्ली का लालकिला कभी सफेद रंग का होता था। जब शाहजहां ने 17वीं सदी में इसका निर्माण कराया था, उस समय यह किला सफेद रंग का था क्योंकि इसे मुख्य रूप से सफेद चूने (lime plaster) से बनाया गया था। लेकिन बाद में अंग्रेजों ने इसको लाल रंग से रंगवा दिया। आज हम दिल्ली के इसी लालकिले से जुड़ी रोचक कहानी आपको बता रहे हैं।
सफेद पत्थर से बना था लालकिला

दिल्ली के लालकिले का निर्माण मुगल सम्राट शाहजहां ने 1638 में लाल किले का निर्माण शुरू करवाया था, और इसका मूल स्वरूप सफेद संगमरमर और चूने से बना था। इसलिए किले की दीवारें और इमारतें सफेद रंग की थीं। किले के कई हिस्से संगमरमर से बने थे, जो उस समय के मुगल वास्तुकला का प्रतीक थे। यानी कभी ये इमारत 'सफेद किला' हुआ करती थी।

अंग्रेजों ने बदल दिया रंग

1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के बाद, जब अंग्रेजों ने मुगलों के अंतिम सम्राट बहादुर शाह जफर को हटाकर किले पर कब्ज़ा कर लिया, तो उन्होंने किले की देखरेख में कई बदलाव किए। इस दौरान सफेद चूने से बनी दीवारें और इमारतें समय के साथ जर्जर होने लगीं। 19वीं सदी के अंत और 20वीं सदी की शुरुआत में, अंग्रेजों ने लाल किले के संरक्षण के लिए कई प्रयास किए। किले की सफेद चूने की दीवारें खराब होने लगी थीं, इसलिए उन्होंने किले की मरम्मत के दौरान इसे लाल रंग से रंगवा दिया। ऐसा इसलिए किया गया ताकि दीवारें मजबूत रहें और उन्हें मौसम की मार से बचाया जा सके। इसके साथ ही, लाल रंग का उपयोग इसलिए भी किया गया क्योंकि लाल बलुआ पत्थर उस समय का प्रचलित निर्माण सामग्री था, जिससे मुग़ल वास्तुकला का प्रभाव बना रहे।

अपनी ताकत दिखाने के लिए बदवा दिया रंग

कुछ इतिहासकारों का मानना है कि ब्रिटिश शासकों ने अपनी शक्ति और प्रभाव का प्रदर्शन करने के लिए किले का रंग बदलवाया। लाल रंग को अक्सर शक्ति और साम्राज्य का प्रतीक माना जाता है। ऐसा भी माना जाता है कि ब्रिटिशों ने किले को लाल रंग में रंगवाकर अपने साम्राज्यवादी स्वभाव को दर्शाना चाहा हो।

About rishi pandit

Check Also

बिहार विधानसभा उपचुनाव में चारों सीटों पर NDA की जीत, महागठबंधन को मिली शिकस्त

पटना. बिहार विधानसभा उपचुनाव की तस्वीर लगभग साफ हो चुकी है। तरारी में भाजपा ने …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *