- 100 वर्ष की आयु में निधन
- वे कुछ दिनों से बीमार थे
- हीरा मिल में की थी नौकरी
उज्जैन। मुख्यमंत्री मोहन यादव के पिता पूनमचंद यादव का मंगलवार शाम निधन हो गया। वे 100 वर्ष की आयु के थे और बीते एक सप्ताह से अधिक बीमार थे। फ्रीगंज स्थित अस्पताल में उनका उपचार चल रहा था। निधन की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री उज्जैन के लिए रवाना हो गए। वे करीब 9.30 बजे उज्जैन पहुंचे।
उज्जैन शहर के फ्रीगंज स्थित एसएन कृष्णा अस्पताल में उनका उपचार चल रहा था। रविवार को उज्जैन दौरे के दौरान मुख्यमंत्री यादव भी अपने पिता का स्वास्थ्य जानने अस्पताल पहुंचे थे। वहीं सोमवार को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उनसे मिले थे।
कपड़ा बनाने वाली मिल में करते थे काम
समाजजन के अनुसार पूनमचंद यादव का जीवन संघर्ष के बीच गुजरा। उन्होंने कपड़ा बनाने वाली हीरा मिल में नौकरी भी की। मुख्यमंत्री मोहन यादव सहित उनके तीन बेटे और दो बेटियां हैं। पिता के निधन की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री यादव भोपाल से उज्जैन पहुंचे।
नेताओं ने शोक संवेदनाएं व्यक्त कीं
सीएम के पिता के निधन पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, दिग्विजय सिंह, भाजपा के वरिष्ठ नेताओं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी आदि ने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से शोक संवेदनाएं व्यक्त कीं। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सिर से पिता का साया उठ जाना जीवन की अपूरणीय क्षति है।
दुख की इस विकट घड़ी में मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिवार के साथ है। पूज्य पिताजी भले ही भौतिक रूप से साथ नहीं है, किंतु उनके आशीर्वाद की छाव सदैव आपके साथ है। बाबा महाकाल दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें।
दिग्विजय सिंह ने एक्स हैंडल पर पोस्ट कर लिखा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के पिता पूनमचंद यादव के निधन की खबर दुःखद है। भगवान दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें एवं दुःख की इस घड़ी में परिजनों को संबल प्रदान करें। विनम्र श्रद्धांजलि।
जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री के पिता के निधन पर गहरी शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं। इनके अलावा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि पिता का साया सिर से उठना एक पुत्र पर उसके जीवन का सबसे बड़ा वज्रपात होता है। इस खालीपन को कभी भरा नहीं जा सकता।