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अमानतुल्लाह खान हुआ गिरफ्तार, छापेमारी और 4 घंटे की पूछताछ के बाद AAP विधायक को ED अफसर साथ ले गए

नई दिल्ली

आम आदमी पार्टी (आप) के ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया है। सुबह उनके आवास पर करीब 6 घंटे तक छापेमारी के बाद विधायक को ईडी की टीम अपने साथ ले गई। कथित वक्फ बोर्ड घोटाले से जुड़े मामले में ईडी ने यह ऐक्शन लिया है। सुबह छापेमारी के बाद अमानतुल्लाह खान के घर पर काफी हंगामा हुआ। विधायक ईडी की टीम को अपने घर में घुसने से रोकने की कोशिश करते रहे। उन्होंने अपनी सास के बीमार होने का हवाला भी दिया था।

सुबह करीब 7 बजे ईडी की एक टीम विधायक के ओखला स्थित आवास पर सर्च वारंट के साथ पहुंची थी। विधायक ने काफी देर तक गेट नहीं खोला और जंगले से अफसरों के साथ बहस करते रहे। मौके पर पुलिस और पैरा मिल्ट्री फोर्स के जवान भी मौके पर बुलाए गए। बाद में किसी तरह विधायक माने और अफसरों को अंदर आने दिया। 7 अफसरों की टीम घर के अंदर काफी देर तक जांच करती रही। दोपहर करीब साढ़े 12 बजे ईडी की टीम विधायक को अपनी गाड़ी में बिठाकर निकली।

इस दौरान वहां मीडिया के अलावा स्थानीय लोगों और विधायक के समर्थकों की भीड़ एकत्रित हो चुकी थी थी। काफी हो हंगामे के बीच पुलिसकर्मियों ने गाड़ी के निकलने का रास्ता बनाया। दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अमानतुल्लाह खान के खिलाफ 2016 में एंटी करप्शन ब्यूरो ने केस दर्ज किया था। बाद में कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग की बात सामने आने पर ईडी ने केस दर्ज किया है।

कई घंटों की छापेमारी के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. उनकी गिरफ्तारी दिल्ली के कथित वक्फ घोटाले में हुई है.

अमानतुल्लाह खान दिल्ली की ओखला सीट से विधायक हैं. उन पर दिल्ली वक्फ बोर्ड का चेयरमैन रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग करने और अपने करीबियों की नियुक्तियां करने का आरोप है.

इस घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच कर रही ईडी की टीम सोमवार सुबह अमानतुल्लाह के घर पहुंची थी. यहां ईडी की टीम और अमानतुल्लाह के बीच बहस भी हो गई. कई घंटों तक छापेमारी के बाद ईडी ने अमानतुल्लाह को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी पर उन्होंने खुद को बेकसूर बताया.

क्या है दिल्ली का वक्फ घोटाला?

दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के एसडीएम (मुख्यालय) ने नवंबर 2016 में वक्फ बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष अमानतुल्लाह खान के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.

इस शिकायत में आरोप लगाया गया था कि अमानतुल्लाह खान ने वक्फ बोर्ड के कई स्वीकृत और गैर-स्वीकृत पदों पर मनमाने और अवैध तरीके से नियुक्तियां कीं. अमानतुल्लाह पर कुल 32 लोगों को अवैध रूप से भर्ती करने का आरोप है.

सीबीआई ने जब जांच की तो पता चला कि अमानतुल्लाह खान ने महबूब आलम के साथ मिलकर अपने पद का दुरुपयोग किया, जानबूझकर नियमों की अनदेखी की और भर्ती प्रक्रियाओं में हेरफेर कर मनमाने ढंग से अपने चहेतों की नियुक्ती की. इससे सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा.

सीबीआई ने जांच में ये भी पाया कि अगर भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष होती, तो योग्य लोगों को रोजगार मिल सकता था. इसके बाद सीबीआई ने इस मामले में केस दर्ज किया. सीबीआई के बाद इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए ईडी ने भी केस दर्ज कर लिया.

लाल डायरी ने बढ़ाई मुश्किल!

सितंबर 2022 में इस घोटाले की जांच के दौरान एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) को एक अहम सबूत मिला था. एसीबी को कौशर इमाम सिद्दिकी उर्फ लड्डन के घर से एक लाल डायरी मिली थी. कौशर को अमानतुल्लाह का करीबी माना जाता है.

एसीबी के मुताबिक, लाल रंग की इस डायरी में अमानतुल्लाह के कई सारे राज थे और करोड़ों रुपये के लेन-देन की एंट्री भी लिखी गई थी.

एसीबी का शक था कि डायरी में दर्ज करोड़ों रुपये हवाला के जरिए दुबई से भेजे गए थे. ऐसा दावा है कि ये डायरी अमानतुल्लाह के खातों की ही है.

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