- 1992 में अजमेर में 100 से अधिक छात्राओं का गैंगरेप कांड
- आरोपी नग्न तस्वीरों से ब्लैकमेल कर बार-बार रेप करते थे
- 6 आरोपियों को आजीवन कारावास और 5 लाख जुर्माना
अजमेर। 31 साल पहले अजमेर में 100 छात्राओं के साथ गैंगरेप और ब्लैकमेल कांड हुआ था। मंगलवार को स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने 6 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा दी है। उन पर 5-5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
नफीस चिश्ती, नसीम, सलीम चिश्ती, सोहित गनी, सैयद जमीर हुसैन और इकबाल भाटी को सजा मिली है। यह कांड साल 1992 में हुआ था। इसमें 100 से ज्यादा स्कूल और कॉलेज की छात्राएं पीड़िता थीं। 18 आरोपियों में से 9 को सजा पहले ही दी जा चुकी थी। एक आरोपी दूसरे मामले में जेल में सजा काट रहा है। एक ने आत्महत्या कर ली थी। एक घटना के खुलासे के बाद से फरार है। आज (मंगलवार) 6 को सजा सुना दी है।
100 से ज्यादा लड़कियों की तस्वीरें लेकर किया ब्लैकमेल
अजमेर में 1992 में हुए इस कांड ने पूरे देश में बवाल मचा दिया था। 100 से ज्यादा कॉलेज व स्कूल की लड़कियों का बहला-फुसलाकर ब्लैकमेल किया। दरअसल, उनसे दोस्ती कर नग्न तस्वीरें ली जाती थीं। उसके बाद ब्लैकमेल कर उनका रेप किया जाता था। इस कांड में अजमेर यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष फारूक चिश्ती, नफीस चिश्ती और अनवर चिश्ती सहति अन्य आरोपी भी शामिल थे।
लड़कियों की तस्वीर खींच कर उनके साथ रेप किया। उसके बाद उनको ब्लैकमेल किया कि अपनी सहेलियों को भी हमारे पास लेकर आओ। उसके बाद उन लड़कियों के साथ भी ऐसा ही किया। आरोपियों ने एक-एक कर ना जाने कितनी लड़कियों के साथ दबाव बनाकर कुकर्म किया। 31 साल बाद कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाया है।