- अपहरण मामले में 13 साल की छात्रा दिल्ली से बरामद
- नाबालिग आरोपी पर जबरन मतांतरण व दुष्कर्म का आरोप
- छात्रा की इंटरनेट मीडिया पर नाबालिग से दोस्ती हुई थी
धार। कन्या शिक्षा परिसर में अध्ययनरत छात्रा के अपहरण मामले में पुलिस ने सफलता हासिल की है। सायबर सेल की मदद से अपह्रत 13 साल की नाबालिग छात्रा को पुलिस ने एक सप्ताह में दिल्ली से बरामद कर लिया है। छात्रा को भगाकर ले गए लड़के को भी दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। आरोपित नाबालिग है। वह छात्रा का मतांतरण कराना चाहता था। अपने धर्म के संबंध में बताकर जबरन नमाज पढ़वाता था। छात्रा के विरोध करने पर उसे धमकाता था। आरोपित ने छात्रा के साथ दुष्कर्म भी किया।
पिता ने दर्ज कराई थी शिकायत
26 जुलाई को आलीराजपुर जिले के कनवाड़ा निवासी फरियादी पिता ने बाग थाने पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि उसकी 13 वर्षीय नाबालिग पुत्री शासकीय कन्या परिसर स्कूल बाग में कक्षा 10वीं में पढाई करती थी। 25 जुलाई को वह कन्या परिसर बाग से कही चली गई हैं। वह न तो घर आई और न ही कन्या शिक्षा परिसर वापस पहुंचीं।
नाबालिग की खोज के लिए पुलिस टीम का गठन
अंदेशा व्यक्त किया गया कि कोई अज्ञात बदमाश बहला-फुसलाकर उसे ले गया। मामले को गंभीरता से लेते हुए अपह्रत छात्रा व अज्ञात आरोपित की तलाश के लिए एसपी मनोज कुमार सिंह के निर्देशन में एएसपी इंद्रजीत बाकलवार एवं एसडीओपी सुनील गुप्ता के मार्गदर्शन में निरीक्षक कैलाश चौहान के नेतृत्व में टीम गठित की गई। एसआइ दिलीप खांडे, प्रधान आरक्षक सखाराम गोखले, आरक्षक उत्तम, महिला आरक्षक फूलवती को सायबर से मिली जानकारी अनुसार आरोपित की तलाश में दिल्ली रवाना किया गया। दिल्ली से छात्रा को बरामद किया गया। साथ ही आरोपित को गिरफ्तार किया गया।
सोशल मीडिया पर हुई थी दोस्ती
छात्रा ने बताया कि इंटरनेट मीडिया पर नाबालिग आरोपित दिल्ली निवासी (स्थानीय निवासी मुज्जफरपुर बिहार) से दोस्ती हुई। उसने शादी का झांसा दिया और बहला-फुसलाकर मुझे उसके घर दिल्ली ले गया। दिल्ली में वह सुबह-शाम धर्म के संबंध में बताकर नमाज पढ़वाता था। ऐसा नहीं करने पर धमकाकर उसके साथ कुकृत्य करता था।
पुलिस छात्रा को दिल्ली से बाग लेकर पहुंची व उसके स्वजन के सुपुर्द किया। आरोपित को गिरफ्तार कर सोमवार को न्यायालय में पेश किया गया। पुलिस ने आरोपित के नाबालिग होने की वजह से उसे झाबुआ बाल संप्रेषण गृह भेजा है। प्रमिला जमरे, एएसआइ राजेश चौहान, कैलाश गेहलोत, लोकेश शुक्ला, आरक्षक दुर्गेश, कैलाश एवं सायबर सेल के सहायक उप निरीक्षक भेरुसिहं देवडा व आरक्षक प्रशांत का योगदान रहा।