मिशन संचालक ने अफसरों को चिट्ठी लिख कर जारी किये निर्देश
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज/ मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्यप्रदेश ने सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को आशा एवं आशा सहयोगियों को कल्याणकारी योजना का लाभ प्रदान करने के निर्देश दिये हैं। आशा और आशा सहयोगी को 6 माह का मातृत्व अवकाश प्रदान किया जायेगा। वे अपने गांव में रह कर अपने रूटीन कार्य करेंगी। इस दौरान आशा एवं आशा सहयोगियों को 6 माह तक रूटीन इंसेंटिव 2 हजार की राशि प्रदान जायेगी।
मिशन संचालक श्रीमती छवि भारद्धाज ने सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र लिखकर निर्देश जारी किए हैं कि आशा कल्याणकारी योजना के तहत यह सुविधाएं प्रदान की जायेंगी। ईलाज के लिए नि:शुल्क सुविधा, प्रदेश मे सरकारी अस्पतालों से प्रदान की जाने वाली समस्त स्वास्थ्य सेवाएं, आशा एवं आशा सहयोगी के पति एवं बच्चों के लिए नि:शुल्क रहेंगी। यदि किसी आशा या आशा सहयोगी की दुर्घटना हो जाती है और वह अस्पताल में भर्ती रहती है या गंभीर बीमारी से ग्रस्त हो जाती है तो इलाज के लिए प्रति दिवस मान से राशि प्रदान की जाएगी। यदि आशा कार्य करने में असमर्थ होती है, तो उस स्थिति में आशा को प्रतिमाह रूटीन इंसेंटिव 2 हजार तथा आशा सहयोगी को 2 हजार प्रतिमाह प्रदान किया जाता रहेगा।
आशा, आशा सहयोगी की स्वयं की शिक्षा प्रोत्साहन के लिए आशाएं जो 8वीं पास है तथा आगे की पढ़ाई जारी रखना चाहती है, उन्हें फीस एवं किताबों के लिए प्रोत्साहन स्वरूप सहयोग प्रदान किया जाएगा। 8वीं के बाद पढ़ाई करने वाली आशा को 2 हजार, 10वीं के बाद पढ़ाई करने वाली आशा को 5 हजार, 12वीं के बाद स्नातक अन्य डिप्लोमा कोर्स करने वाली आशा, आशा सहयोगी को 8 हजार एवं स्नातक के बाद स्नातकोत्तर की पढ़ाई करने वाली आशा, आशा सहयोगी को 10 हजार की प्रोत्साहन राशि वर्ष में एक बार प्रदान की जायेगी। इसके लिये आशा, आशा सहयोगी के समस्त दस्तावेज आवेदन सहित प्राप्त किये जायेगे एवं जिला स्वास्थ्य समिति के अनुमति पश्चात प्रदान किए जाएगें।
आशा के परिवार में बच्चों की शिक्षा प्रोत्साहन के लिए 10वीं की कक्षा में 60 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले आशाओं, आशा सहयोगियों के बच्चों को आगे की शिक्षा प्राप्त करने के लिये स्मार्ट क्लासेज, कोचिंग क्लासेज करने, किताब कॉपी आदि खरीदने के लिये सहयोग किया जायेगा। यह राशि 10वीं उत्तीर्ण करने वाले तथा 11वीं एवं 12वीं की पढ़ाई कर रहे बच्चों को 5 हजार तथा 12वीं उत्तीर्ण करने तथा स्नातक करने के लिए 8 हजार तक की मदद प्रतिवर्ष दी जायेगी। अंक सूची एवं समस्त दस्तावेज के साथ आशा, आशा सहयोगी द्वारा आवेदन प्रस्तुत किया जायेगा। यह लाभ दो जीवित संतानों पर ही प्रदान किया जावेगा।
यह राशि केवल ऐसी स्थिति में प्रदाय की जायेगी, जब शासन के किसी अन्य विभाग के माध्यम से बच्चों को आर्थिक सहायता, स्कॉलरशिप नहीं दी जा रही हो। स्वावलंबन पेंशन निधि योजना, 55 वर्ष से कम आयु की आशा, आशा सहयोगियों को भारत शासन की स्वावलंबन पेंशन निधि योजना से जोड़ा जायेगा। योजना अंतर्गत आशा, आशा सहयोगियों द्वारा की गई मासिक बचत एवं शासन के अंशदान के आधार पर 60 वर्ष की आयु पूर्ण होने के पश्चात योजना में जमा राशि एकमुश्त अथवा मासिक पेंशन के रूप में प्राप्त की जा सकती है। वृद्धावस्था सहायता जिन आशा, आशा सहयोगियों को स्वावलंबन योजना की पात्रता नही है, उन्हें 60 वर्ष पूर्ण होने पर एकमुश्त 20 हजार वृद्धावस्था सहायता के रूप में प्रदान की जाएगी।