- जर्जर भवनों में विद्यालय, आंगनवाड़ी संचालित न हो :-कलेक्टर
- कलेक्टर ने जिले में स्थित जर्जर एवं क्षतिग्रस्त भवनों का सर्वे कर ध्वस्त करने के दिए निर्देश
- जर्जर भवनो के गिरने से होनी वाली अप्रिय दुर्घटनाओं के रोकथाम के लिए कलेक्टर शुक्ला ने कड़े कदम उठाएं
सिंगरौली
जर्जर भवनो के गिरने से होनी वाली अप्रिय दुर्घटनाओं के रोकथाम के लिए कलेक्टर चन्द्रशेखर शुक्ला के द्वारा कड़े कदम उठाएं गये है। कलेक्टर ने समय सीमा बैठक के दौरान जर्जर भवनो की समीक्षा करते हुये जिलाधिकारियो को इस आशय के निर्देश दिये कि कोई भी शासकीय अशासकीय विद्यालय, आगनवाडी केन्द्र, महाविद्यालय का संचालन जर्जर भवनो में संचालित न हो। कलेक्टर यह भी निर्देश दिये कि विभागीय कार्यालय, पंचायत भवन एवं हॉस्टलों की इमारत की स्थिति की जांच कर पुरानी एवं जर्जर अवस्था की हालत में होने वाले इमारतों को चिन्हित किया जाए । जो इमारते मरम्मत योग्य हो उनकी तत्काल मरम्मत करवाई जाए जो भवन अत्यंत जर्जर अवस्था में है मरम्मत कराने योग्य नही है उन्हें ध्वस्त कराये जाने की कार्यवाही करे। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें की इन भवनों किसी भी स्थिति में उपयोग न किया जाये। बैठक में ही जिलाधिकारियो का दल गठित कर अपने अपने क्षेत्रो में स्थित जर्जर भवनो की जॉच कर दो दिवस में जॉच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये। वही जिला शिक्षा अधिकारी एवं महाविद्यालय के प्राचार्य को जिले में संचालित विद्यालय भवनों की जॉच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये।
कलेक्टर ने इस आशय के भी जनपद पंचायतो के मुख्य कार्यपालन अधिकारियो को निर्देश दिये कि ग्रामीण क्षेत्रों में जर्जर माकान पाये जाते है। उनके भी गिरने से जन एवं पशु हानि की संभावना बनी रहती है। ऐसे माकानो का अपने स्तर से सर्वे कराकर जॉच प्रतिवेदन प्रस्तुत करे। ताकि होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके। कलेक्टर ने प्राकृतिक प्रकोपो से होने वाली जन हानि, पशु हानि, फसल हानि से प्रभावित जनो के प्रकरणो का समाधान तीन दिवस में पूर्ण कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिये ताकि उन्हे समय पर उचित सहायता मिल सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि ऐसे पुल पुलिया जहा अतिवृष्टि के कारण जल भराव पुल के उपर तक हो जाता है ऐसे स्थलो को चिन्हित कर बोर्ड लगाये तथा जल भराव की स्थिति में किसी भी तरह का आवागमन न हो इसे प्राथमिकता के आधार पर लेते हुये अपने अपने क्षेत्रों में सभी उपखण्ड अधिकारी कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करे।
कलेक्टर ने गोपद पुल की समीक्षा करते हुये एमपीआरडीसी के अधिकारी को निर्देश दिये कि अभी तत्कालीन वर्षा जो दो दिवस पूर्व हुई थी। आवागमन में अत्यन्त कठिनाईयों का सामना करना पड़ा आवागमन को सुचारू रूप से संचालित करने हेतु गोपद पुल निर्माण का जो भी कार्य शेष है उसे शीघ्र पूर्ण कराये। अन्यथा की स्थिति में संबंधित विभाग के विरूद्ध ठोस कार्यवाही की जायेगी। कलेक्टर ने बैठक के दौरान सवारी बसो से होने वाली दुर्घटनाओं के रोकथाम हेतु जिला परिवहन अधिकारी को इस आशय के निर्देश दिये कि चेकिंग लगाकर बसो की स्थिति की जॉच करे। जिसमें संचालन से संबंधित पेपर बस टायर की स्थिति ड्रायवर कनडेक्टर की ड्रेस सहित सभी विंदुओ की प्राथमिकता के आधार पर जॉच किया जाना सुनिश्चित करे।
कलेक्टर ने आबकारी अधिकारी को इस आशय के निर्देश दिये कि ग्रामीण क्षेत्रों एवं अन्य स्थानो पर अवैध रूप से बनाई जा रही शराब या बिक्री जो किया जाता है उसका सघन जॉच कर संबंधितो के विरूद्ध कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करे। कलेक्टर ने जिला रोजगार अधिकारी से इस आशय की जानकारी चाही गई की रोजगार मेले के दौरान पात्र मिले कितने प्रतिभागियों को रोजगार उपलंब्ध कराया गया है उसकी जानकारी उपलंब्ध कराये। वही सीएम हेल्प लाईन में लंबित प्रकरणो के निराकरण के प्रगति की जानकारी लेने के पश्चात निर्देश दिये कि हर हाल में प्राप्त शिकायतों का संतुष्टि पूर्वक निराकरण कर ए ग्रेड प्राप्त करे तथा जन सुनवाई में प्राप्त आवेदनों का भी समय पर निराकरण किया जाना सुनिश्चित किया जाये।
बैठक के दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी गजेन्द्र सिंह नागेश, अपर कलेक्टर अरविंद झा, पी.के सेन गुप्ता, नगर निगम आयुक्त डी.के शर्मा, तहसीलदार रमेश कोल, प्रीति सिकरवार, जिला परिवहन अधिकारी बिक्रम सिंह राठौर, जिला शिक्षा अधिकारी एस.बी सिंह, डीपीसी आर.एल शुक्ला, महाविद्यालय के प्राचार्य एम.यू सिद्दीकी, महिला बाल विकास अधिकारी राजेश गुप्ता, सहायक आयुक्त जन जाति कार्य विभाग संजय खेडकर, उपायुक्त सहकारिता पी.के मिश्रा, अधीक्षण यंत्री विद्युत आरपी मिश्रा, कृषि विभाग के अधिकारी मनोज सिंह, लोक सेवा प्रबंधक रमेश पटेल, उप संचालक पिछड़ा वर्ग योगेन्द्र राज, उद्यानिकी अधिकारी एच.एल निमोरिया सहित जिलाधिकारी उपस्थित रहे।