- बेटी की बात सुन महिला ने ससुराल वालों से किए सवाल
- ससुराल वालों ने उसे धमका दिया और चुप रहने को कहा
- इसके बाद महिला कोर्ट में अपनी शिकायत लेकर पहुंची थी
इंदौर। इंदौर में 27 वर्षीय युवक की गोली लगने से मौत के मामले में जिला कोर्ट ने उसके दो भाई, माता-पिता और बहनोई के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करने का आदेश दिया है। ये लोग गोली चलने को हादसा बता रहे थे।
पत्नी ने भी इसे हादसा ही मान लिया था, लेकिन कुछ माह बाद मृतक की पांच वर्षीय बेटी ने मां को बताया कि ‘पापा को गोली ताऊजी ने मारी थी। मैं उस वक्त वहीं थी।’ इसके बाद पत्नी ने न्यायालय में परिवाद दायर कर दिया। इसी की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केस दर्ज करने का आदेश दिया है।
अगस्त 2020 की है घटना
नौ अगस्त 2020 को तेजाजी नगर क्षेत्र में रहने वाले राहुल पटेल के घर पारिवारिक आयोजन था। इस दौरान रात करीब नौ बजे घर के बाहर पटाखे की आवाज आई। राहुल की पत्नी रंजीता उस वक्त सास के साथ घर में थी।
बाहर आकर देखा तो पति राहुल घायल पड़ा था। फर्श पर खून था। रंजीता के जेठ रोहित पटेल, देवर दीपक पटेल, दुकान का नौकर देवराज राजपूत, ननदोई संतोष चंदेल घायल राहुल को इलाज के लिए अस्पताल ले गए। अगले दिन राहुल की मौत हो गई।
बंदूक साफ करने के दौरान हुआ हादसा बताते रहे
स्वजन ने बताया कि बंदूक साफ करने के दौरान हादसा हुआ और राहुल को गोली लग गई। घटना के कुछ माह बाद राहुल की पांच वर्षीय बेटी तनवी ने मां रंजीता को बताया कि पापा को ताऊजी रोहित पटेल ने गोली मारी थी।
यह बात सुनकर रंजीता दंग रह गई। उसने सास सोरन बाई, ससुर हरिओम, जेठ रोहित, देवर दीपक, ननदोई संतोष और ननद रीता से इस बारे में पूछताछ की, लेकिन उन्होंने उसे धमका दिया। इसके बाद रंजीता ने पुलिस में शिकायत भी की, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
इस पर उसने मार्च 2022 में जिला न्यायालय में परिवाद दायर कर दिया। हाल ही में इस परिवाद की सुनवाई करते हुए जिला न्यायालय ने राहुल के दोनों भाइयों, माता-पिता और ननद, बहनोई के खिलाफ धारा 302, 201 और धारा 34 के तहत प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
इस वजह से कोर्ट ने माना
हत्या हुई है परिवाद में रंजीता की ओर से पैरवी कर रहे एडवोकेट मनीष यादव ने बताया कि परिवादी की ओर से बेटी तनवी, पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर, बेलेस्टिक विशेषज्ञ सहित अन्य के बयान करवाए गए थे। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर ने कोर्ट को बताया कि राहुल के शरीर पर छर्रों से चोट के कई निशान थे। खुद से बंदूक का इस्तेमाल करने पर एक जगह चोट का निशान होता है, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं था।