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National: UPSC ने रद्द किया ट्रेनी IAS पूजा खेडकर का सिलेक्शन, अब नहीं दे पाएंगी आयोग की कोई परीक्षा

  1. आयोग ने कई बार फर्जी पहचान बनाकर परीक्षा देने का दोषी पाया
  2. UPSC की तरफ से उन्हें जारी किया गया था कारण बताओ नोटिस
  3. इस मामले में पूजा के खिलाफ एफआईआर भी कराई गई थी दर्ज

National upsc cancels puja khedkar candidature bars her from all future examinations: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ विवादों में फंसी प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के खिलाफ संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने बड़ी कार्रवाई की है। यूपीएससी ने पूजा खेडकर की उम्मीदवारी को रद कर दिया है। यानी अब उनकी अफसरी छिन गई है और वह आईएएस अधिकारी नहीं रहेंगी। इतना ही नहीं, भविष्य में होने वाली किसी भी परीक्षा में पूजा के बैठने पर भी रोक लगा दी गई है।

आयोग ने तमाम दस्तावेजों की जांच के बाद 2023 बैच की प्रशिक्षु अधिकारी पूजा खेडकर के खिलाफ यह कार्रवाई की है। उन्हें सीएसई-2022 नियमों के प्रावधानों के उल्लंघन में दोषी पाया गया है। इससे पहले UPSC ने इस बात के संकेत भी देते हुए कहा था कि यदि पूजा खेडकर मामले में दोषी साबित होती हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

आयोग ने जारी किया था कारण बताओ नोटिस

बताते चलें कि पूजा खेडकर को यूपीएससी ने कई बार फर्जी पहचान बनाकर परीक्षा देने का दोषी पाया है। इसके चलते हाल ही में यूपीएससी की तरफ से उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था। इसमें उन पर लगे आरोपों को लेकर सफाई मांगी गई थी। इस नोटिस में यह भी पूछा गया था कि उनकी सिविल सेवा परीक्षा-2022 की उम्मीदवारी को रद क्यों न कर दिया जाए। इस मामले में उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी।

अग्रिम जमानत अर्जी पर कल आ सकता है फैसला

बताते चलें कि धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले में पूजा खेडकर ने अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश देवेंद्र कुमार जंगला ने बुधवार को पूजा खेडकर की ओर से दायर की गई अर्जी पर दलीलें सुनी थीं। इसके बाद उन्होंने आदेश को सुरक्षित रख लिया। माना जा रहा है इस मामले में कोर्ट एक अगस्त को फैसला सुना सकती है।

ऑडी से चलती थीं पूजा, मां ने लहराई थी पिस्टल

ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर पिछले कई दिनों से सुर्खियों में बनी हुई थीं। पहली बार वह अपनी निजी ऑडी कार में लाल बत्ती लगाने और अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर चर्चा में आई थीं। उन पर आरोप था कि ट्रेनी आईएएस अधिकारी के रूप में उन्होंने जिन सुविधाओं की मांग की थी, उसकी वो हकदार नहीं थीं।

मामले के बढ़ने के बाद जब जांच शुरू हुई, तो जानकारी मिली कि उन्होंने संघ लोकसेवा आयोग की परीक्षा में चयनित होने के लिए फर्जी दस्तावेजों का भी इस्तेमाल किया था। इसके बाद आयोग की तरफ से उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी गई थी। इस दौरान पूजा खेडकर का ट्रांसफर भी कर दिया गया था। इसके अलावा सोशल मीडिया पर पिस्टल लहराते हुए पूजा की मां का वीडियो भी वायरल हुआ था।

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