इंदौर। प्याज की मांग बढ़ने और निर्यात दोबारा खोलने के लिए किसानों की तरफ से बनाए जा रहे दबाव के चलते सोमवार को इसके भाव 10 रुपये किलो बढ़ गए। कृषि सुधार बिल के प्रति किसानों की नाराजी कम करने के लिए प्याज का निर्यात फिर खोले जाने की संभावना है। रविवार को राज्यसभा में कृषि सुधार बिल पास हो जाने के बाद माना जा रहा है कि किसान संगठनों की तरफ से इसके विरोध की तैयारी को देखते हुए केंद्र सरकार प्याज का निर्यात एक बार फिर खोलने का फैसला कर सकती है। इसके कारण इंदौर मंडी में बढ़िया किस्म के प्याज नीलामी में 10 रुपये प्रति किलो तक ऊंचे रहे। औसत और हल्के किस्म के प्याज में भी 5-7 रुपये की तेजी रही। 40 हजार कट्टे से अधिक आवक के बावजूद बाहरी मांग अच्छी होने के कारण आगे भी तेजी बने रहने के आसार हैं। आलू की 4,000 कट्टे और लहसुन की 7,000 कट्टे आवक पर भाव स्थिर रहे।
आलू-प्याज व्यवसाई विनोद अग्रवाल के अनुसार कृषि सुधार बिल के विरोध में जाने से पहले ही सरकार किसानों को उपज के बेहतर भाव दिलवाने के उद्देश्य से प्याज निर्यात की अनुमति दे सकती है। पिछले दिनों भाव बढ़ने के कारण प्याज का निर्यात तत्काल प्रबाव से रोक दिया गया था। नतीजतन भाव घटने लगे थे। भाव घटने के बाद महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के किसान संगठनों और कुछ सहकारी संस्थाओं ने इस फैसले का विरोध किया था।