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राजस्थान में पेपर लीक की गूंज फिर से सुनाई देने लगी, सचिन पायलट बोले- सरकार सिर्फ कागजी कार्रवाई कर रही

जयपुर
राजस्थान में पेपर लीक की गूंज फिर से सुनाई देने लगी है। किरोड़ी लाल मीणा के एसओजी दफ्तर जाने के एक दिन बाद ही सचिन पायलट ने भी पेपर लीक में कार्रवाई को लेकर बड़ा बयान दिया है। राजधानी जयपुर में एनएसयूआई के एक कार्यक्रम के दौरान सचिन पायलट ने कहा, पेपर लीक पर सरकार सिर्फ कागजी कार्रवाई कर रही है, सरकार बड़े मुर्गों को पकड़ने से पीछे हट रही है।

दरअसल बुधवार को बीजेपी नेता डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने एक बार फिर पेपर लीक मामले में कांग्रेस सरकार और एसओजी (स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप) अफसरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मीणा ने एसओजी दफ्तर पहुंचकर एडीजी वीके सिंह को नए सबूत सौंपे और आरोप लगाया कि एसओजी अफसरों ने रिश्वत ली और कुछ लोगों को बचाने तथा कुछ को फंसाने का काम किया। डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने एसओजी के एडीजी वीके सिंह को एक पत्र सौंपा, जिसमें जेल में बंद भूपेंद्र सारण ने एसओजी अफसरों को समय-समय पर रिश्वत देने का आरोप लगाया है। पत्र में 60 रुपये की रिश्वत के लेन-देन का उल्लेख किया गया है। इस आरोप को लेकर मीणा ने मीडिया को भी जानकारी दी और एसओजी के कुछ अधिकारियों के नाम उजागर किए हैं, जिनमें सीआई मोहनलाल पोसवाल और एक सिपाही शामिल हैं।

मीणा ने एसओजी दफ्तर में लगभग सवा दो घंटे बिताए और एडीजी वीके सिंह से विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि उन्होंने अधिकारियों को और भी नामों की जानकारी दी है और आगामी समय में बड़ी मछलियों की बारी आने की बात कही है। मीणा ने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती सरकार के कई नेता भी इस मामले में शामिल हैं, हालांकि उन्होंने अभी तक उनके नाम सार्वजनिक नहीं किए हैं।

किरोड़ी लाल मीणा ने पूर्ववर्ती सरकार पर आरएएस (राजस्थान प्रशासनिक सेवा) भर्ती में घोटाले का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रिया की जांच की जानी चाहिए और आरपीएससी (राजस्थान पब्लिक सर्विस कमीशन) के चेयरमैन से भी पूछताछ की जानी चाहिए। उनका कहना था कि अगर इस मामले की जांच नहीं की जाती है, तो वे और सबूत अधिकारियों के सामने पेश करेंगे।

मीणा ने कहा कि जो स्टूडेंट्स धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं, उन्हें न्याय मिलना चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इस मामले की पूरी पारदर्शिता के साथ जांच होनी चाहिए ताकि सच सामने आ सके। पिछले पांच महीने में भी, किरोड़ी लाल मीणा ने एसओजी दफ्तर पहुंचकर एसआई भर्ती 2021 में नकल गिरोह से जुड़े सबूत पेश किए थे। उन्होंने 400 अभ्यर्थियों के फर्जी चयन और आरएएस-2018 तथा 2021 में भी फर्जी चयन के दावे किए थे।

इस नए घटनाक्रम ने पेपर लीक मामले को एक बार फिर से सुर्खियों में ला दिया है और राजनीतिक तथा प्रशासनिक हलकों में चर्चाओं का दौर शुरू कर दिया है। अब देखना यह है कि इस मामले में कौन-कौन से नए तथ्य सामने आते हैं और न्याय की प्रक्रिया किस दिशा में आगे बढ़ती है।

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