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सावन में उज्जैन महाकाल समिति ने की नई व्यवस्था, आपात स्थिति से निपटने भी जुटाए इंतजाम

उज्जैन

सावन का महीना शिव भक्ति के लिए सबसे बढ़िया माना गया है. देशभर में पूरे सावन माह के दौरान शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है और श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन और पूजन करते हैं. उज्जैन में सावन का महीना अपने आप में एक त्यौहार रहता है.वहीं, भगवान शिव की नगरी कहे जाने वाले उज्जैन में सावन के अतिरिक्त भादो मास के 15 दिन भी शिव भक्ति के लिए महत्वपूर्ण होते हैं. कहावत है कि सालों पहले से ये परम्परा यूं ही चली आ रही है. क्योंकि एक वर्ग पूर्णिमा तिथि से पूर्णिमा तिथि तक श्रावण मास मानता है, जबकि दूसरा वर्ग अमावस्या तिथि से अमावस्या तिथि तक सावन मास को मानता है.

उज्जैन में भगवान शिव की पूजा व आराधना के लिए डेढ़ महीने का समय निर्धारित किया गया है. यही वजह है कि इस दौरान सावन भादो में महाकाल मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी कई गुना बढ़ जाती है. महाकाल मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को लेकर मंदिर प्रबंधन समिति का अनुमान है कि प्रत्येक सावन के सोमवार पर करीब साढ़े तीन लाख श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन पूजन के लिए आते हैं, इसके अलावा रोजाना आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी दो से ढाई लाख के बीच होती है.

स्वास्थ्य टीम भी मंदिर में रहेगी तैनात

महाकाल मंदिर प्रबंधन समिति ने दर्शन के साथ साथ श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए मंदिर परिसर में ही अस्थाई अस्पताल की भी व्यवस्था की है. भीड़भाड़ के दौरान यदि अचानक किसी श्रद्धालु को किसी प्रकार की अस्वस्थता महसूस होती है तो वो श्रद्धालु मंदिर परिसर में अस्थाई अस्पताल में अपना उपचार करवा सकेगा.

इस संबंध में जानकारी देते हुए मंदिर प्रबंधन समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि सावन-भादो मास में यहां चिकित्सकों की तैनाती रहेगी. पैरा मेडिकल स्टाफ को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है. आसपास के अस्पतालों के डॉक्टर और प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ पूरे समय उपस्थित रहेंगे. वहीं, बारिश को देखते हुए श्रद्धालुओं के लिए शेड भी लगाए गए हैं. इसके अलावा गर्मी से बचाव के लिए कूलर आदि की भी व्यवस्था की गई है.

सामान्य श्रद्धालुओं के लिए होगी अलग व्यवस्था

महाकालेश्वर मंदिर में आगंतुक व सामान्य श्रद्धालुओं के सरल-सुलभ दर्शन की व्यवस्था के लिए प्रवेश त्रिवेणी संग्रहालय के समीप से नंदीद्वार श्री महाकाल, महालोक – मानसरोवर भवन – फेसेलिटी सेंटर 01 – टनल मंदिर परिसर – कार्तिक मण्डपम – गणेश मण्डपम तक होगी. साथ ही भारत माता मंदिर की ओर से प्रशासनिक कार्यालय के सामने से आने वाले श्रद्धालु शंख द्वार से मानसरोवर भवन में प्रवेश कर – फेसेलिटी सेंटर 01 – टनल मंदिर परिसर – कार्तिक मण्डपम – गणेश मण्डपम से दर्शन कर सकेंगे.

कांवड़ यात्रियों के लिए होगी अलग व्यवस्था

श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण-भादो मास में अत्यधिक संख्या में कांवड़ यात्रियों का आगमन बाबा महाकाल को जल अर्पण करने के लिए होता हैं. कांवड़ यात्रियों को पूर्व सूचना दिए जाने पर शनिवार, रविवार, सोमवार को छोड़कर द्वार नंबर 04 से प्रवेश दिया जाएगा.

वहीं, ऐसे कांवड़ यात्री जो बिना किसी पूर्व सूचना के सीधे मंदिर पहुंचते हैं या फिर शनिवार, रविवार, सोमवार को कांवड़ लेकर आते हैं, उन्हें सामान्य श्रद्धालुओं की तरह दर्शन के लिए प्रवेश दिया जाएगा. ऐसे कांवड़ यात्री  कार्तिक मंडपम में लगे जल पात्र में जल अर्पण करेंगे.

भस्म आरती में रजिस्टर्ड श्रद्धालुओं की दर्शन की होगी व्यवस्था

श्रावण-भादो मास 2024 के उपलक्ष्य पर भस्म आरती में रजिस्टर्ड श्रद्धालुओं के प्रवेश संबंधी व्यवस्था मानसरोवर भवन एवं द्वार नंबर 01 से निर्धारित रहेगी. जबकि चलित भस्म आरती दर्शन की व्यवस्था श्रावण-भादो मास 2024 में प्रचलित व्यवस्था अनुसार अवंतिका द्वार से रहेगी.

विशिष्ट एवं अतिविशिष्ट अतिथियों की दर्शन व्यवस्था श्रावण-भादो मास 2024 के उपलक्ष्य पर श्री महाकालेश्वर मंदिर में आगंतुक विशिष्ट/अतिविशिष्ट श्रद्धालु नीलकण्ठ मार्ग से होते सत्कार कक्ष में पहुंचेंगे.

क्राउड मैनेजमेंट और सुरक्षा इंतजाम के भी होंगे पूरे इंतजाम

सावन माह में महाकालेश्वर भगवान के दर्शन करने बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे, इसको लेकर मंदिर समिति और पुलिस ने पूरी व्यवस्था की है. महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए निजी सुरक्षा एजेंसी के कर्मचारी तो तैनात रहेंगे ही साथ ही साथ बड़ी संख्या में पुलिस बल की भी तैनाती की जाएगी. पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने बताया कि मंदिर में सुरक्षा के लिहाज से उच्च अधिकारियों सहित करीब दो से ढाई हजार पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है. ये सभी अलग-अलग शिफ्टों में मंदिर में सेवाएं देंगे.

इनके अलावा प्रशासनिक अधिकारी भी पूरे समय मंदिर की व्यवस्था की देखरेख करेंगे. महाकाल मंदिर के कंट्रोल रूम से भी पूरे मंदिर क्षेत्र में निगरानी की जाएगी. इसके लिए मंदिर के भीतर और बाहरी क्षेत्रों में सीसीटीवी का जाल बिछाया गया है. इसके अलावा सवारी मार्ग पर भी ड्रोन से नजर रखी जाएगी.

लाखों भक्तों के पहुंचने की है उम्मीद

महाकाल मंदिर सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि सावन भादो में महाकाल मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी कई गुना बढ़ जाती है. महाकाल मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को लेकर मंदिर प्रबंध समिति का अनुमान है कि प्रत्येक सावन के सोमवार को करीब साढ़े तीन लाख श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन पूजन के लिए आते हैं, इसके अलावा रोजाना आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी दो से ढाई लाख के बीच होगी. जिसको लेकर मंदिर समिति ने तैयारी कर ली है.

 

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