Perseverance Rover:digi desk/BHN/ लॉस एंजिलिस/ अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा की ओर से मंगल ग्रह पर भेजा गया रोवर (पर्सिवेरेंस) शुक्रवार को पहली बार अपने स्थान पर से खिसका है। नासा द्वारा द गई जानकारी के मुुताबिक करीब 6.5 मीटर (लगभग 21 फुट से ज्यादा) तक चला। रोवर के खिसकने से मंगल की मिट्टी पर पहियों के निशान बन गए। नासा ने सोशल मीडिया पर रोवर की इन निशानों की तस्वीर शेयर की है। पर्सिवेरेंस को चलाने और टेस्टिंग की यह प्रक्रिया करीब 33 मिनट तक चली, जिसमें पूरी तरह से सफलता मिली है। नासा के मुताबिक पहले वह 4 मीटर तक आगे गया और फिर इसके बाद 150 डिग्री बाएं घूमकर करीब 2.5 मीटर पीछे आया। फिलहाल वह अपने अस्थायी पार्किंग स्थान पर खड़ा है।
पहली बार नासा ने रोवर की टेस्ट ड्राइव की
नासा के मुताबिक टेस्ट ड्राइव के दौरान पर्सिवेरेंस के सभी सिस्टम की जांच की गई। पर्सिवेरेंस ने जहां से अपना मिशन शुरू किया, अब उसे “ऑक्टिविया ई बटलर लैंडिंग” नाम दिया है। यह नाम एक साइंस फिक्शन ऑथर के नाम पर रखा गया है।
नासा ने बताया कि रोवर जब अपने उद्देश्य के लिए काम करना शुरू करेगा तो यह रोज 200 मीटर का सफर तय करेगा। पर्सिवेरेंस रोवर मोबिलिटी टेस्टबेड इंजीनियर अनायस जारिफायन ने कहा कि यह हमारे लिए पहला अनुभव था। उन्होंने बताया कि रोवर के सभी 6 पहिये बढ़िया काम कर रहे हैं। यह हमें अगले दो वर्षों तक साइंस की दुनिया में ले जाने में कामयाब होगा।
मिशन के बारे में अन्य बातें
- – पर्सिवेरेंस 18- 19 फरवरी की दरम्यानी रात मंगल पर जीवन की तलाश करने में उतरा था।
- – भारतीय समय के अनुसार रात करीब 2 बजे मार्स की सबसे खतरनाक सतह जेजेरो क्रेटर पर लैंडिंग की थी।
- – खगोल वैज्ञानिकों के मुताबिक जिस स्थान पर रोवर की लैंडिंग हुई हैं, वहीं कभी पहली नदी बहती थी।
- – पर्सिवेरेंस रोवर लाल ग्रह से चट्टानों के नमूने भी लेकर आएगा। पर्सिवेरेंस रोवर 1000 किलोग्राम वजनी है।
- – रोवर परमाणु ऊर्जा से काम कर रहा है और पहली बार किसी रोवर में प्लूटोनियम को ईंधन के तौर पर उपयोग किया जा रहा है।
- – यह रोवर मंगल ग्रह पर 10 साल तक लगातार काम करेगा। 7 फीट का रोबोटिक आर्म, 23 कैमरे और एक ड्रिल मशीन है। वहीं हेलिकॉप्टर का वजन 2 किलोग्राम है।