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President Damoh Visit: अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को लाभ ना दिला सका तो मेरा राष्ट्रपति रहना बेकार

President Damoh Visit:digi desk/BHN/दमोह में राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने सिंगौरगढ़ किले के संरक्षण एवं पर्यटन से जुड़ी विभिन्न सुविधाओं के विकासकार्यों की आधारशिला रखी। राष्ट्रपति ने भूमिपूजन व शिलापट्टिकाओं का अनावरण किया। जनजातीय समूह के सर्वांगीण विकास के लिए मध्यप्रदेश जनजातीय विभाग द्वारा तैयार किए गए आदिरंग पोर्टल का शुभारंभ किया। मध्य प्रदेश के राज्यस्तरीय जनजातीय समारोह में शामिल होने पहुंचे देश के राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने अपने उद्बोधन में कहा कि वह चाहते हैं कि जनजातीय समाज का बेहतर विकास हो इसके लिए केंद्र सरकार और मध्य प्रदेश की सरकार लगातार बेहतर प्रयास कर रही है, उनका मानना है कि वह भी जनजाति समूह के बेहतर विकास के लिए कुछ करें। उन्होंने कहा कि वह जबलपुर में प्रस्तावित कार्यक्रम के दौरान जब उन्हें केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल से चर्चा के दौरान पता चला कि जनजातीय समुदाय का प्रमुख केंद्र स्थल सिंग्रामपुर है। तो उन्होंने वहां पर आने की इच्छा जाहिर की और उन्होंने यह भी तय किया कि वह जबलपुर में आयोजित समारोह में शामिल होने वाले न्यायाधीशों से यह चर्चा करेंगे कि वह जनजातीय विकास के लिए कुछ बेहतर करें। क्योंकि उनका मानना है कि देश का जो आर्थिक दृष्टि से पिछड़ा क्षेत्र हो सामाजिक दृष्टि से समाज का जो सबसे पीछे अंतिम छोर पर खड़ा हुआ व्यक्ति, यदि वह इस वर्ग के लिए कुछ न कर सके तो उनका राष्ट्रपति पद पर रहना व्यर्थ है।

मध्य प्रदेश में जन्मे, पूर्व प्रधानमंत्री, भारत-रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी का मुझे आज विशेष रूप से स्मरण हो रहा है क्योंकि प्रधानमंत्री के उनके कार्यकाल के दौरान ही केंद्र सरकार में एक अलग ‘जनजातीय कार्य मंत्रालय’ का गठन किया गया था। राष्ट्रपति ने कहा कि हम सबको यह स्पष्ट रूप से समझ लेना चाहिए कि आदिवासी समुदाय का कल्याण तथा विकास पूरे देश के कल्याण और विकास से जुड़ा हुआ है। इसी सोच के साथ केंद्र एवं राज्य की सरकारों द्वारा जनजातियों के आर्थिक व सामाजिक विकास के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि मध्य प्रदेश यात्रा के दौरान मुझे बुंदेलखंड की वीरांगना झलकारी बाई की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने का अवसर भी मिला था।
आज मुझे इस बात की खुशी है कि आज मुझे रानी दुर्गावती की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित करने तथा वृक्षारोपण करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। बुंदेलखंड की गौर परंपरा को सम्मानित कर मुझे बड़ा गर्व महसूस हो रहा है। इस दौरान एकलव्य विश्वविद्यालय के बच्चों द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम सराहनीय है यह अपने आप में एक विरासत है। रानी दुर्गावती के युद्ध का अंतिम विवरण सबके हृदय को आलोकित करता है। संग्रामपुर की विरासत को प्रदर्शित करने वाली भारतीय इतिहास की यात्रा अमिट है। हम सब लोग जानते हैं कि रानी दुर्गावती ने आत्म गौरव की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने का इतिहास रचा था। उनके बलिदान के लगभग 300 वर्ष बाद उनकी वंश परंपरा में ही उत्पन्न राजा शंकर शाह को अंग्रेजों का विरोध करने के कारण 19वीं सदी में मृत्युदंड दिया गया। आज के समारोह में दोनों अमर शहीदों की स्मृति में स्थापित जो पुरस्कार दिए गए हैं जनजाति विद्यार्थियों का उत्साह बढ़ाने के लिए वह इसके लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की प्रशंसा करते है।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजी हुकूमत के दौर में यदि हमारे आदिवासी भाई बहनों ने अपनी वीरता और पराक्रम का प्रदर्शन ना किया होता तो आज हमारी अमूल्य वन संपदा का और भी बड़े पैमाने पर दोहन हो चुका होता है। इस प्रकार हमारे आदिवासी भाई बहनों ने हमारे प्राकृतिक संसाधनों के प्रहरी और रक्षक के रूप में अपना दायित्व निभाया। उन्होंने कहा कि उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि जनजाति स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की वीर गाथाओं को संरक्षित करने एवं आमजन तक पहुंचाने के उद्देश्य छिंदवाड़ा में भी एक संग्रहालय का निर्माण किया जा रहा है।
मध्य प्रदेश में आयोजित यह जनजाति सम्मेलन और भी महत्वपूर्ण हो जाता है आज के सम्मेलन में कला प्रशिक्षण हेतु वर्चुअल क्लास के पोर्टल का उद्घाटन करके मुझे प्रसन्नता हुई है। ऐसे विशेष प्रयासों के बल पर जनजाति युवाओं को टेक्नोलॉजी और कला साहित्य के माध्यम से उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करके उन्हें आधुनिक भारत के निर्माण में सहभागी बनाना है। जनजातीय समुदायों के तीज त्योहार और मेले कितने आकर्षक होते हैं प्रत्येक व्यक्ति का हृदय आनंद से भर उठता है। आज के कार्यक्रमों में हमारी संस्कृति की झलक देखने को मिली है सभी कलाकारों को भी बधाई देता हूं।

राष्ट्रपति ने कहा कि स्पष्ट रूप से समझ लेना चाहिए कि आदिवासी समुदाय का विकास पूरे देश के विकास से जुड़ा हुआ है और मैं कभी-कभी कहता हूं कि जब तक देश के आदिवासी लोगों का समाज के कमजोर वर्ग का विकास नहीं होगा तब तक पूरे देश के विकास को मैं अधूरा कहूंगा। यह हम सब जानते हैं इसीलिए इसी सोच के साथ केंद्र और राज्य की सरकारें जनजातियों के आर्थिक व सामाजिक विकास के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित कर रही है। मुझे प्रसन्नता हुई जब मुख्यमंत्री ने अपनी घोषणा में कहा कि की न केवल सम्मेलन बल्कि जनजातियों का एक समुदाय वर्ग का एकत्रीकरण कार्यक्रम वर्ष में हम 3 दिन तक लगातार चलाएंगे।

राष्ट्रपति ने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन है। उनके प्रयास से मध्य प्रदेश में जनजातीय समुदाय के लिए विकास के लिए बेहतर प्रयास किए जा रहे हैं साथ ही जनजातीय समुदायों की समृद्ध विरासत के बारे में जागरूकता भी बढ़ेगी। इस पर इस क्षेत्र को नेशनल ट्राइबल टूरिज्म हब के रूप में विकसित किया जा सकता है। मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल और सीएम शिवराज सिंह चौहान आप इस दिशा में प्रयास करें, मेरी शुभकामनाएं आप सबके साथ है। इस क्षेत्र को बल प्रदान करने वाली इन योजनाओं के लिए मैं केंद्र सरकार में संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल और हमारे दूसरे राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते में सभी की सराहना करता हूं।

प्रहलाद सिंह के मंत्रालय के निर्देशन में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के 6 नए मंडलों का सृजन किया गया है, इन नए मंडलों में जबलपुर मंडल भी शामिल है जिसका आज शुभारंभ हुआ है। मैं आपको और आपकी पूरी टीम को शुभकामनाएं देता हूं कि आप सब भारत के गौरवशाली विरासत को सुरक्षित रखने तथा संरक्षित करने के अपने प्रयासों में सफलता प्राप्त करें साथ ही विश्वास है कि आप मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड, बघेलखंड और महाकोशल की सांस्कृतिक विरासत को विशेष पहचान दिलाने में भी कामयाब होंगे।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने कहा कि हम सबको कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। जनजातीय समुदायों में एकता मूलक समाज को बनाए रखने पर हमेशा जोर दिया जाता है। उनमें स्त्री और पुरुषों के बीच भेदभाव नहीं होता इसलिए जनजाति आबादी में हम सब ने देखा होगा स्त्री और पुरुष अनुपात सामान्य आबादी से बेहतर है। जनजाति समुदाय के समूह को प्राथमिकता दी जाती है, प्रतिस्पर्धा की जगह सहयोग को प्रोत्साहित किया जाता है। उनकी जीवनशैली में प्रकृति को सर्वोच्च सम्मान दिया जाता है। आदिवासी संस्कृति का सम्मान होता है, उनकी जड़ों से जुड़ना है तो आपको जनजातीय समुदायों की जीवन मूल्यों को अपनी जीवनशैली में लाने का प्रयास करना होगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें बताया गया कि मध्य प्रदेश में बैगा जनजाति के समूह के लोग जड़ी बूटियों का बेहतर ज्ञान रखते हैं और अचूक इलाज भी करते हैं। आज यदि उस कार्य को उन्नत तरीके से किया जाए तो उनकी भागीदारी बहुत महत्वपूर्ण साबित होगी। कौशल एवं ज्ञान को आधुनिक माध्यमों से प्रसारित करने की आवश्यकता है। उदाहरण के लिए जबलपुर में स्थापित रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय अमरकंटक में स्थित राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय तथा अन्य शिक्षण संस्थान है जहां ज्ञान एवं परंपरा का व्यापक स्तर पर उपयोगी अध्ययन कर सकते हैं। शिक्षा ही किसी भी व्यक्ति के जीवन को बेहतर करने का सबसे प्रभावी मार्ग होता है।

विश्व की सभी महिलाओं के महिला सशक्तिकरण के लिए संकल्प बंद होने का दिन है आज से लगभग साडे 400 वर्ष पहले रानी दुर्गावती ने युद्ध क्षेत्र में महिला शक्ति का एक दुर्लभ उदाहरण प्रस्तुत किया था। आज उस महान वीरांगना की स्मृति को नमन करते हुए मैं सभी देशवासियों को विशेषकर सभी बहनों और बेटियों को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की अग्रिम बधाई देता हूं।

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