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President Visit : महाआरती में पहुंचे राष्ट्रपति ने 28 मिनट तक की मां नर्मदा की आराधना

president in mahaarti worships mother narmda:digi desk/BHN/जबलपुर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने ग्वारीघाट स्थित उमाघाट में महाआरती में शामिल होकर 28 मिनट तक मां नर्मदा की आराधना की। राष्ट्रपति शाम 7 बजे ग्वारीघाट पहुंचे और सीधे महाआरती स्थल पहुंचे। यहां सबसे पहले नर्मदाष्टक का पाठ किया गया और उसके बाद मां नर्मदा की महाआरती की। यहां प्रशासन ने राष्ट्रपति के आगमन को लेकर व्यापक व्यवस्थाएं की थी। तट के ऊपर प्रवेश द्वार बनाया गया था और तट पर डोम तैयार किया गया था जिसमें सबसे पहली पंक्ति में राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के साथ 13 विशिष्टजन शामिल रहे। जिसमें मुख्य रूप से सीजेआइ शरद अरविंद बोबडे, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक खान, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, सांसद राकेश सिंह, राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा, पुष्पा पटेल, इसके बाद की पंक्ति में वीवीआइपी, विधायक, संत और विशिष्टजन शामिल रहे। महाआरती के लिए प्रशासन ने सौ लोगों को विशेष कार्ड जारी किए थे।

ग्यारह पुरोहितों ने की महाआरती 

महाआरती में सबसे आगे ग्यारह पुरोहितों के लिए ग्यारह तखत रखे थे। जिसमें ग्यारह पुरोहितों के साथ ही एक उनका सहायक था। महाआरती शुरू होते ही प्रहलाद पटेल और शिवराज सिंह चौहान, राष्ट्रपति को महाआरती करने के लिए आगे लेकर आए जहां एक टे‍बल पर महाआरती रखी गई थी। कुछ देर आरती करने के बाद राष्ट्रपति वापस अपनी जगह चले गए। महाआरती के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने संस्थापक पंडित ओंकार दुबे को बुलवाया और लिफाफा में दक्षिणा भेंट की। लिफाफा में राष्ट्रपति भारत गणतंत्र, सत्यमेव जयते लिखा था और अशोक चिन्ह उल्लेखित था। इस दौरान राष्ट्रपति ने महाआरती के आयोजन की सराहना की।

राष्ट्रपति ने मोबाइल से बनाया वीडियो 

 महाआरती के दौरान नर्मदा आराधना के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द अपने मोबाइल से नर्मदा की कल-कल धारा को अपने मोबाइल में कैद किया। उनके बाजू में बैठे केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल भी मोबाइल से इन क्षणों को अपने मोबाइल में कैद करते दिखे। नर्मदाष्टक शुरू होते ही मुख्यमंत्री अपने स्थान से खड़े हो गए इसके बाद राष्ट्रपति और राज्यपाल के साथ ही अन्य विशिष्टजन भी खड़े होकर मां नर्मदा की आराधना करने लगे।

कुर्ता-धोती में पहुंचे सीजेआइ और केंद्रीय मंत्री 

 महाआरती के दौरान सीजेआइ अरविंद शरद बोबडे और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल पारंपरिक वेशभूषा में पहुंचे। कुर्ता-धोती पहनकर सीजेआइ बोबडे और मंत्री पटेल ने की। इससे पहले 18 अक्टूबर 2020 में सीजेआइ नर्मदा महाआरती में शामिल हुए थे।

विद्युत साजसज्जा से जगमग रहा नर्मदा का आंचल  

महाआरती के लिए प्रशासन ने विशेष रूप से विद्युत साजसज्जा की थी। नदी के बीच में बने नर्मदा मंदिर को भी आकर्षक लाइटिंग से सजाया गया था। इसी तरह तट के उस पार गुरूद्वारा में लाइटिंग की थी जो दूर से आकर्षक नजर आ रहा था।

सुबह से कर्फ्यू सा नजारा 

नर्मदा महाआरती में राष्ट्रपति के आगमन को लेकर ग्वारीघाट क्षेत्र में सुबह से कर्फ्यू सा नजारा दिखा। झंडा चौक से घाट तक मार्ग को सुरक्षा कर्मियों ने पूरी तरह बंद कर दिया था। घाट में पूजन कराने वाले क्षेत्रीय पुरोहित किसी तरह सुबह घाट पर पहुंच गए लेकिन यजमान नहीं पहुंच पाए। हालांकि दोपहर 12 बजे से सुरक्षा कर्मी घाट से सभी को जाने कह रहे थे।

पहली बार शामिल हुए राष्ट्रपति 

 अमरकटंक से लेकर भरूच तक नर्मदा के तटों पर सिर्फ जबलपुर के ग्वारीघाट में प्रतिदिन महाआरती होती है। नौ साल से चल रही महाआरती में पहली बार देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द शामिल हुए। इस महाआरती में शंकराचार्यों के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे राहुल गांधी, कई प्रदेशों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित केंद्रीय मंत्री और प्रदेशों के मंत्री शामिल हो चुके हैं।

नौ साल पहले शुरू हुई थी महाआरती 

नर्मदा महाआरती नौ साल पहले 28 जनवरी 2012 वसंत पंचमी के दिन शुरू हुई थी। इस महाआरती को हरिद्वार के हर की पौड़ी की तर्ज पर सुधीर अग्रवाल और ओंकार दुबे ने शुरू की थी। इसके 124 दिन बाद आरती संतों को सौंप दी गई। इसके बाद संस्थापक संयोजक ओंकार दुबे अनवरत नर्मदा महाआरती को संचालित कर रहे हैं।

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