Friday , January 3 2025
Breaking News

पत्रकारों के लिए नए आपराधिक कानून पर विशेष कार्यशाला का आयोजन

कोरिया
 बदलाव भारतीय समाज की आवश्यकता और भावनाओं के अनुरूप है। कानून में संशोधन मुख्य रूप से अपराधी को दंड और पीड़ित को न्याय दिलाने किया जा रहा है। 1 जुलाई से पूरे देश में कानूनों में बदलाव किए गए हैं। यह दंड संहिता से न्याय संहिता की ओर एक कदम है।कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कलेक्टर विनय कुमार लंगेह, पुलिस अधीक्षक सूरज सिंह परिहार ने जिले के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया के प्रतिनिधियों को नए आपराधिक कानून के सम्बंध में जानकारी दी।

कलेक्टर श्री लंगेह ने जानकारी देते हुए कहा कि तीन ऐतिहासिक कानूनो- भारतीय दंड संहिता 1860, दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 को क्रमशः भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 से प्रतिस्थापित करके आपराधिक न्याय प्रणाली में एक परिवर्तनकारी कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि इसका मुख्य लक्ष्य। ऐसी आपराधिक न्याय प्रणाली बनाना है जो न केवल नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करती है, बल्कि कानूनी व्यवस्था को भी और अधिक मजबूत बनाती है जिससे सभी के लिए सुलभ एवं त्वरित न्याय सुनिश्चित हो। हो। पुलिस अधीक्षक सूरज सिंह परिहार ने मीडिया प्रतिनिधियों को जानकारी देते हुए कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पत्रकारिता है और जिसके माध्यम से नए कानून के बारे में ज्यादा और प्रचार प्रसार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इन कानूनों का उद्देश्य भारतीय कानूनी प्रणाली में सुधार करना और भारतीय सोच पर आधारित न्याय प्रणाली स्थापित करना है। नए आपराधिक कानून "लोगों को औपनिवेशिक मानसिकता और उसके प्रतीकों से मुक्त करेंगे" और हमारे मन को भी उपनिवेशवाद से मुक्त करेंगे। यह "दंड के बजाय न्याय पर ध्यान केन्द्रित" है। "सबके साथ समान व्यवहार" मुख्य विषय है। यह कानून भारतीय न्याय संहिता की वास्तविक भावना को प्रकट करते हैं। इन्हें भारतीय संविधान की मूल भावना के साथ बनाया गया है। यह कानून व्यक्तिगत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देते हैं। यह मानव अधिकारों के मूल्यों के अनुरुप है। यह पीड़ित केन्द्रित न्याय सुनिश्चित करेंगे। इन कानूनों की आत्मा न्याय, समानता और निष्पक्षता है। उन्होंने कहा कि नई कानून की मंशा बेहद उत्कृष्ट है। जिला अभियोजन अधिकारी श्री हरेंद्र पांडेय ने नए कानून के
बारे में मीडिया प्रतिनिधियों को विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि नए कानून से लोगों को इसका लाभ मिलेगा और निश्चित समय अवधि में लोगों को न्याय मिल पाएगा। यह कानून त्वरित न्याय की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। कानूनों को लागू करने में पुलिस के सामने चुनौतियां जरूर रहेंगी, लेकिन पुलिस विभाग पिछले लंबे समय से इसके लिए तैयारियों में जुटे हुए हैं। नए टेक्नोलॉजी के साथ और मीडिया के माध्यम से पीड़ित को त्वरित न्याय मिले इसके लिए काम करेगी। उप पुलिस अधीक्षक श्रीमती कविता ठाकुर ने मीडिया प्रतिनिधियों को अपराधी को दण्ड एवं पीड़ित को न्याय के विशेष प्रावधानों के बारे में बताया। नए कानून के व्यापक प्रचार प्रसार हो इसी को ध्यान में रखते हुए यह कार्यशाला आयोजित की गई थी।

इस अवसर पर अपर कलेक्टर अरूण मरकाम, उप पुलिस अधीक्षक श्रीमती कविता ठाकुर, श्याम मधुकर तथा प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधि मौजूद थे।

About rishi pandit

Check Also

पेरिस पैरालंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली नित्या श्री अर्जुन अवॉर्ड से होंगी सम्मानित

रायपुर खेल प्रतियोगिताओं में जीत हासिल करने वाले खिलाड़ियों के पीछे उनके ट्रेनर्स की अहम …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *