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Agniveer: बलिदानी अजय सिंह के परिवार को कितनी धनराशि मिली? परिवार का दावा- न शोक पत्र मिला, न ही कोई सांत्वना..!

National explained agniveer ajay singh defence ministry after supreme sacrifice insurance financial help details: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ सोमवार को 18वीं लोकसभा के पहले सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अग्निपथ योजना के तहत भर्ती हुए अग्निवीरों के सर्वोच्च बलिदान होने पर पर उनके परिवार को मुआवजा न मिलने पर सवाल उठाए थे। जिसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राहुल गांधी के दावे को पूरी तरह से खारिज करते हुए संसद में बयान दिया कि अगर कोई अग्निवीर प्राणों की आहुति देता है, तो उसके परिजनों को एक करोड़ रुपये की सांत्वना राशि दी जाती है। बुधवार को राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में अग्निवीरों के परिवारों को मिलने वाले मुआवजे के मुद्दे पर “झूठ” बोला था। वहीं सर्वोच्च बलिदान देने वाले अग्निवीर अजय सिंह के पिता के पिता के मुताबिक अब तक लगभग एक करोड़ रुपये आ चुके हैं। ये पैसे तीन किस्तों में आया है। इससे पहले के वीडियो में वे कह रहे कि सेना की तरफ से 48 लाख रुपये दिए गए हैं, उन्हें केंद्र सरकार की तरफ से कोई पैसा नहीं मिला है। जिसके बाद भारतीय सेना की तरफ से ADGPI ने बयान जारी किया कि अग्निवीर अजय के परिजनों को पहले ही 98.39 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है।

सेना ने दिए केवल 48 लाख रुपये
लुधियाना के खन्ना के नजदीक रामगढ़ सरदारां गांव के रहने वाले 23 वर्षीय अग्निवीर अजय सिंह अग्निपथ स्कीम के जरिए फरवरी 2022 में सेना में भर्ती हुए थे। जनवरी 2024 में जम्मू-कश्मीर के राजौरी इलाके में एक बारूदी सुरंग विस्फोट में उनकी मृत्यु हो गई थी। उनके 58 वर्षीय पिता चरणजीत सिंह कहते हैं कि उनका इकलौता बेटा देश की रक्षा करते हुए सीमा पर वीरगति को प्राप्त हुआ। पेशे से दिहाड़ी मजूदर चरणजीत सिंह कहते हैं कि उनके परिवार को पंजाब सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की तरफ एक करोड़ रुपये दिए गए हैं। वहीं, सेना की तरफ से उन्हें 48 लाख रुपये मिले थे। बेटे की शहादत पर, ‘केंद्र सरकार ने हमें न तो कोई शोक पत्र दिया है और न ही कोई सांत्वना दी है कि आपके बेटे ने सीमा की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है।’

बेटे को शहीद का दर्जा नहीं मिला

चरणजीत सिंह का कहना है कि अब तक लगभग 1 करोड़ रुपये आ चुके हैं। ये पैसा अजय सिंह के मां के अकाउंट में तीन किस्तों में आया है। पहले स्टेट बैंक में 50 लाख रुपये आए थे। फिर 10 जून को ICICI बैंक में 48 लाख रुपये आए। अजय सिंह के पिता ने कहा, ”हमारा पुलिस वेरिफिकेशन भी हो गया है। सेना के अधिकारियों ने भी बात की है और पैसे मिलने की बात कही गई है। वहीं राहुल गांधी के वीडियो में चरणजीत सिंह ने कहा था कि उन्हें मुआवजा का पैसा नहीं मिला है। मेरा वो बयान बहुत पहले का दिया हुआ है। पैसे बाद में आए हैं। अग्निवीर के पिता ने कहा कि उनके बेटे को शहीद का दर्जा नहीं मिला और न ही पेंशन मिली। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि अग्निपथ योजना को खत्म किया जाए और सेना में नियमित भर्तियां की जाएं। वह कहते हैं, “अजय मेरा इकलौता बेटा था और मेरी छह बेटियां हैं, जिनमें से चार की शादी हो चुकी है। मेरी सबसे छोटी बेटी अंजलि देवी रारा साहिब में बीए के अंतिम वर्ष में है। उसे नौकरी देने का वादा किया गया है।” 

बहन बोली- बंद हो अग्निवीर योजना 
वहीं अजय की बहन बख्शो देवी कहती हैं कि मेरा भाई शुरू से ही फौज में जाना चाहता था। उसने रेगुलर भर्जी के जरिए भी सेना में जाने की कोशिश की। लेकिन सफल नहीं हुआ। कोरोना में उसका रेगुलर भर्ती का पेपर भी रद्द हो गया। उसके बाद अग्निपथ योजना आ गई, तो उसने इसमें ट्राई किया। जिसमें उसकी भर्ती हो गई। बख्शो देवी ने कहा कि उन्हें इस बात पर गर्व है कि उनके भाई की शहादत का मुद्दा लोकसभा में गूंजा है। हम राहुल गांधी का इसके लिए आभार जताते हैं। बख्शो देवी ने कहा कि उनके भाई को शहीद का दर्जा मिलना चाहिए। देश में अग्निवीर योजना बंद होनी चाहिए। 

पंजाब सरकार देती है एक करोड़ का रुपये का मुआवजा

पंजाब के आनंदपुर साहिब से लोकसभा सांसद मलविंदर सिंह खांग ने अमर उजाला को बताया कि पंजाब सरकार की नीति है कि वह सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिक के परिवार को एक करोड़ का रुपये का मुआवजा और सरकारी नौकरी देती है। चाहे वह किसी भी बल पंजाब पुलिस, सीएपीएफ, बीएसएफ, आर्मी या अग्निवीर हो, उन्हें राज्य सरकार की तरफ से सहायता राशि उपलब्ध कराई जाती है। अग्निवीर अजय सिंह के परिवार को भी खुद मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने घर जाकर एक करोड़ रुपये का चेक दिया था। साथ ही कहा था कि राज्य सरकार ने उनके परिवार के सदस्य के लिए सरकारी नौकरी आरक्षित रखी है। उन्होंने बताया कि सीएम भगवंत सिंह मान ने शोक जताते हुए कहा था कि यह पूरे देश और खास तौर पर पीड़ित परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है।

केंद्र सरकार ने पंजाब से युवाओं की भर्तियां कम कीं
मलविंदर सिंह खांग ने बताया कि गांव के सरकारी स्कूल का नाम अग्निवीर के नाम पर रखने के लिए अधिसूचना पहले ही जारी कर दी गई है। साथ ही, राज्य सरकार अग्निवीर के नाम पर एक खेल का मैदान/स्टेडियम भी बनाएगी और गांव में इस बलिदानी के नाम पर एक आम आदमी क्लीनिक भी स्थापित किया जाएगा। वहीं, मलविंदर सिंह खांग मोदी सरकार की अग्निपथ नीति से काफी नाराज हैं। उन्होंने कहा कि अग्निवीर योजना लाने के बाद पंजाब से युवाओं की भर्तियां कम कर दी गई हैं। वे आरोप लगाते हैं कि ऐसा जानबूझ कर किया गया है। जानबूझ कर पंजाब में भर्तियां कम की जा रही हैं, पंजाब के युवाओं का कोटा कम किया जा रहा है। 

सेना बोली- दे चुके हैं 98.39 लाख रुपये 
वहीं सेना ने बुधवार देर रात स्पष्टीकरण जारी किया कि जनवरी में बारूदी सुरंग विस्फोट में मारे गए अग्निवीर अजय कुमार के परिवार को लगभग 1.65 करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा। सेना ने इस बात पर जोर दिया कि अग्निवीरों सहित दिवंगत सैनिकों के परिजनों को भत्तों का भुगतान शीघ्रता से किया जाता है। सेना का यह स्पष्टीकरण कांग्रेस नेता राहुल गांधी के सोशल मीडिया पोस्ट के बाद आया, जिसमें उन्होंने संसद को गुमराह करने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से माफी मांगने की मांग की थी। सेना ने एक्स पर जारी एक पोस्ट में कहा, “सोशल मीडिया पर कुछ पोस्टों से पता चला है कि अग्निवीर अजय कुमार के परिजनों को मुआवजा नहीं दिया गया है। भारतीय सेना अग्निवीर अजय कुमार द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान को सलाम करती है। अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया। सेना ने बताया कि कुल देय राशि में से अग्निवीर अजय के परिवार को पहले ही 98.39 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है।

ये है अजय सिंह के परिवार को मिलने वाली राशि का ब्रेकअप

सैन्य सूत्रों ने बताया कि अग्निवीर योजना के प्रावधानों के अनुसार लगभग 67 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और अन्य लाभ, पुलिस सत्यापन के बाद, जल्द ही फाइल सेटलमेंट पर भुगतान कर दिए जाएंगे। इस तरह यह कुल राशि लगभग 1.65 करोड़ रुपये होगी। 1.65 करोड़ रुपये के मुआवजे का ब्यौरा देते हुए सैन्य सूत्रों ने कहा कि इसमें सरकार की ओर से बीमा के रूप में 48 लाख रुपये, समझौता ज्ञापन के तहत वित्तीय संस्थानों से बीमा के रूप में 50 लाख रुपये और 39,000 रुपये की अतिरिक्त राशि शामिल है, जो सभी अग्निवीर अजय सिंह के परिवार को भुगतान की गई है। 

अधिकारियों ने बताया कि इसके अलावा, 44 लाख रुपये की अनुग्रह राशि, सेना कल्याण कोष से 8 लाख रुपये, कार्यकाल पूरा होने तक वेतन शेष के रूप में लगभग 13 लाख रुपये और सेवा निधि कोष से 2.3 लाख रुपये, जो कुल मिलाकर 67.3 लाख रुपये बैठती है, उसका भुगतान उचित प्रक्रिया के बाद अतिशीघ्र किया जाएगा। 

सेना के मुताबिक 25 जून तक कुल 98.39 लाख रुपये की राशि का भुगतान हुआ 

  • भारत सरकार से बीमा के रूप में 48 लाख रुपये मिले। 
  • एक ICICI से हुए एक MoU के तहत वित्तीय संस्थानों से बीमा के रूप में 50 लाख रुपये। 
  • 39,000 रुपये की अतिरिक्त राशि। 

रिपोर्ट के तुरंत बाद भुगतान की जाने वाली राशि 

  • 44 लाख रुपये सेना कल्याण निधि 
  • 8 लाख रुपये उनके कार्यकाल के पूरा होने तक वेतन का शेष 
  • 13 लाख (लगभग) सेवा निधि 2.3 लाख 
  • कुल 67.3 लाख रुपये

50 लाख रुपये तो स्टेट बैंक ने दिए हैं

वहीं पूर्व रक्षा अधिकारी सुशांत सिंह का कहना है कि 50 लाख रुपये की बीमा राशि का भुगतान भारतीय स्टेट बैंक की तरफ किया जाता है, जो अपने सरकारी कर्मचारी खाताधारकों को व्यक्तिगत दुर्घटना कवर के रूप में देता है। उन्होंने कहा कि 48 लाख रुपये की बीमा राशि सरकार की तरफ से नहीं दी जाती है, क्योंकि सरकार की तरफ से कोई बीमा नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि यह आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस फंड जैसी ग्रुप इंश्योरेंस स्कीम के तहत दिया जाता है, जो पंजीकृत सोसायटी हैं और सरकारी संस्था नहीं है। वह कहते हैं कि अग्निवीर की मौत पर सरकार ने बैंक भुगतान को शामिल करके बहुत ज़्यादा प्रचार कर रही है। सीधी सी बात यह है कि मरने वाले अग्निवीर के परिवार को एक सामान्य सैनिक के समान ही लाभ मिलने चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। 

स्टैंडिंग कमेटी ऑन डिफेंस की थी ये सिफारिश
सुशांत सिंह के मुताबिक इसी साल 8 फरवरी, 2024 को केंद्रीय जनजातीय मंत्री और भाजपा सांसद और स्टैंडिंग कमेटी ऑन डिफेंस के चेयरमैन जुएल ओराम ने अपनी एक रिपोर्ट में रक्षा मंत्रालय से सिफारिश की थी कि ड्यूटी के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले अग्निवीरों के परिवारों को भी वही लाभ मिलना चाहिए, जो नियमित सैनिक की शहादत पर उनके परिवारों को मिलते हैं। रक्षा मंत्रालय ने समिति को सैनिकों को मिलने वाले मुआवजे के बारे में जानकारी दी। जिसके जवाब में स्थायी समिति ने रक्षा मंत्रालय से कहा कि ‘सरकार सभी हालात में सैनिकों की शहादत पर मुआवजे की राशि 10 लाख रुपये तक बढ़ाने पर विचार करे। किसी भी श्रेणी के तहत न्यूनतम मुआवजा राशि 35 लाख रुपये और अधिकतम मुआवजा राशि 55 लाख रुपये होनी चाहिए।’

बलिदानी अक्षय लक्ष्मण गावते के परिवार को मिले थे 1.30 करोड़ रुपये
इससे पहले आरटीआई एक्टिविस्ट अजय बोस ने राइट टू इनफॉरमेशन एक्ट के तहत रक्षा मंत्रालय से पूछा था कि सियाचिन में ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले अक्षय लक्ष्मण गावते के परिवार को सरकार ने क्या कोई आर्थिक मदद दी है। जवाब में भारतीय सेना के आरटीआई सेल के एडीजी ने बताया था कि मृतक अक्षय लक्ष्मण गावते के परिवारजनों को अग्निपथ योजना के तहत आर्थिक मदद उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने बताया कि कुल मिला कर 1.30 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है। इनमें 48 लाख रुपये गैर-अंशदायी बीमा (इंश्योरेंस कवर), 44 लाख रुपये की अनुग्रह राशि (एकमुश्त एक्स-ग्रेशिया), आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन से 30,000 रुपये, आर्मी सेंट्रल वेलफेयर फंड से 8 लाख रुपये, सेवा निधि में अग्निवीर द्वारा दिए गए 30 फीसदी योगदान, जिसमें सरकार का भी बराबर योगदान होता है और पूरी राशि पर ब्याज दिया गया है। इसके अलावा परिजनों को मृत्यु की तारीख से चार साल पूरे होने तक शेष कार्यकाल के लिए भी वेतन भी दिया गया है। 

बलिदानी सैनिक से जुड़े रक्षा मंत्रालय के नियम; इन हालात में गार्ड ऑफ ऑनर नहीं

सेना का स्पष्ट कहना है कि अगर कोई अग्निवीर सुसाइड कर लेता है, तो गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिया जाएगा। सेना के नियमों के मुताबिक, अग्निवीरों को हर महीने 30 हजार से 40 हजार सैलरी मिलेगी। अग्निवीरों को जॉइनिंग के पहले साल में 4.76 लाख रुपये का पैकेज मिलता है। वहीं, चार साल का कार्यकाल पूरा होने तक इसमें 6.92 लाख रुपये तक बढ़ोतरी की जा सकती है। साथ ही, तीनों सेनाओं में तैनात अग्निवीरों को स्थायी सैनिकों की तरह अवॉर्ड, मेडल और भत्ता दिया जाएगा। साथ ही, सरकार 44 लाख रुपये का बीमा भी कराएगी।

अग्निवीर परिवार को मिलते हैं ये लाभ

  • ड्यूटी पर शहीद होने पर (श्रेणी ‘Y/Z’): यदि अग्निवीर की ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो जाती है, तो उन्हें 48 लाख रुपये का बीमा कवर, 44 लाख रुपये की अनुग्रह राशि, चार साल तक का पूर्ण वेतन और सेवा निधि, और सेवा निधि कोष में जमा राशि और सरकार का योगदान मिलेगा।
  • अगर ड्यूटी पर नहीं हुई अग्निवीर की मौत (श्रेणी X): अग्निवीर की ड्यूटी के दौरान मृत्यु नहीं होती है तो उन्हें 48 रुपये लाख का बीमा कवर और सेवा निधि कोष में जमा राशि और सरकार का योगदान मिलेगा।
  • अगर ड्यूटी के दौरान अग्निवीर विकलांग हो जाता है, तो उन्हें विकलांगता के स्तर (100%, 75% या 50%) के आधार पर 44 लाख रुपये, 25 लाख रुपये या 15 लाख रुपये की अनुग्रह राशि, चार साल तक का पूर्ण वेतन और सेवा निधि, और सेवा निधि कोष में जमा राशि और सरकार का योगदान मिलेगा। 

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