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आज ब्रिटेन में वोटिंग , भारतीय मूल के उम्मीदवारों की बड़ी संख्या में जीत की उम्मीद, जानें 5 बातें

लंदन
 ब्रिटेन में गुरुवार को होने वाले आम चुनाव में 650 सांसदों को चुनने के लिए वोटिंग होगी। एक विश्लेषण के अनुसार, अगर लेबर पार्टी बहुमत हासिल करती है तो उसमें जातीय अल्पसंख्यक सांसदों की अभी तक की सबसे अधिक संख्या हो सकती है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के उत्तरी इंग्लैंड में रिचमंड और नॉर्थअलर्टन की अपनी सीट बरकरार रखने की उम्मीद है। उनके मंत्रिमंडल की पूर्व सहयोगी प्रीति पटेल के एसेक्स में विथम में जीतने की उम्मीद है। आइए समझें इस चुनाव से जुड़े सवालों को।
कब होगी वोटिंग और रिजल्ट कब?

ब्रिटेन में 4 जुलाई को वहां के समय के अनुसार सुबह 7 बजे वोटिंग शुरू होगी, जो रात 10 बजे तक चलेगी। वोटिंग खत्‍म होते ही मतगणना शुरू हो जाएगी और 5 जुलाई को सुबह 5 बजे तक नतीजे आ जाएंगे। चुनाव में कोई भी व्‍यक्ति जो 4 जुलाई के दिन 18 साल या उससे अधिक का है और ब्रिटिश नागरिक है या यूके पते के साथ आयरलैंड नागरिक है, तो वह मतदान कर सकता है।

चुनाव में क्‍या हैं मुद्दे?

इस बार चुनाव में बढ़ती अप्रवासियों की संख्‍या पर लगाम कसना, महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दे काफी हावी हैं।

भारत से कितना अलग है ब्रिटेन का चुनाव?

ब्रिटेन में वोट बैलेट बॉक्स में डाले जाते हैं, जबकि भारत में EVM के जरिए मतदान होता है। इसके अलावा, ब्रिटेन में भारत की तरह सड़कों-दीवारों पर पोस्टर, बैनर और होर्डिंग नजर नहीं आते हैं। वहां सप्ताह भर धीमी गति से प्रचार होता रहता है। वीकेंड यानी शनिवार-रविवार को प्रत्याशी डोर-टु-डोर जाकर वोट मांगते हैं।

क्या होगी भारतीयों की भूमिका?

ब्रिटेन में 650 में से करीब 50 सीटों पर भारतीय वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं। इन 50 सीटों में से 15 सीटें जैसे लेस्टर, बर्मिंघम, कॉन्वेंट्री, साउथ हॉल और हैरॉस में तो भारतीय मूल के उम्मीदवार ही पिछले दो चुनाव से जीत रहे हैं। इन सीटों पर इस बार सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी को लेकर भारतीय वोटरों में गुस्सा है, तो वहीं विपक्षी लेबर पार्टी के उम्मीदवारों को जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। 2019 में हुए पिछले आम चुनाव में भारतीय मूल के 15 सांसद चुने गए थे, जिनमें से कई दोबारा चुनाव लड़ रहे हैं। उनके अलावा भारतीय मूल के कई लोग पहली बार आम चुनाव लड़ रहे हैं।

भारतीय मूल के वोटर वाले इलाके में दिलचस्प मुकाबले की उम्मीद

कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद आलोक शर्मा और लेबर पार्टी के वरिष्ठ नेता वीरेंद्र शर्मा इस बार रीडिंग वेस्ट और इलींग साउथल से फिर चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। इलींग साउथल में बड़ी संख्या में पंजाबी मतदाता हैं। वहां से इस बार दो ब्रिटिश सिख उम्मीदवार संगीत कौर भैल और जगिंदर सिंह निर्दलीयों के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। ब्रिटिश भारतीय उम्मीदवारों में प्रफुल नार्गुंड लेबर पार्टी की टिकट पर इस्लिंगटन नॉर्थ से चुनाव लड़ रहे हैं।

जस अथवाल लेबर पार्टी के गढ़ इफोर्ड साउथ से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि बैगी शंकर डर्बी साउथ, सतवीर कौर साउथम्पटन टेस्ट और हरप्रीत उप्पल हडर्सफील्ड से चुनाव लड़ रहे हैं। इंदौर में जन्मे राजेश अग्रवाल पहली बार लीसेस्टर ईस्ट से चुनाव लड़ रहे हैं और उनका मुकाबला एक अन्य ब्रिटिश भारतीय एवं कंजर्वेटिव पार्टी की उम्मीदवार शिवानी राजा से है। भारतीय मूल के मतदाताओं की अच्छी-खासी तादाद वाले इस क्षेत्र में मुकाबला दिलचस्प होने की उम्मीद है, क्योंकि गोवा मूल की पूर्व सांसद कीथ वाज भी यहां से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रही हैं।

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