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Astrology: ग्रहों के राशि व नक्षत्र परिवर्तन से सकारात्मक परिणाम संभव, सावधानी भी जरूरी

Astrology: उज्जैन। पंचागीय गणना के अनुसार ग्रहों के राशि परिवर्तन तथा मार्गीय होने का क्रम शुरू हो गया है। ज्योतिषियों का मत है कि 12 सितंबर को गुरु के मार्गीय होते ही शुभ समय की शुरुआत हो गई है। फरवरी 2021 तक ग्रहों की चाल तथा दृष्टि संबंध से कोरोना संक्रमण के कमजोर होकर रुकने की संभावना बन रही है, लेकिन इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति को सावधानी बरतना होगी।

ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला के अनुसार ग्रहों का नक्षत्र व राशि परिवर्तन प्राकृतिक, सामाजिक व आर्थिक दृष्टिकोण से महत्व रखता है। पंचागीय गणना बता रही है आने वाले पांच माह में विभिन्न ग्रहों का राशि व नक्षत्र परिवर्तन तथा उनके मार्गीय होने की स्थित सकारात्मक परिणाम दे सकती है, लेकिन लोगों को इसके लिए सवाधानी बरतना होगी। राजनीति के लिए यह समय उठा पटक वाला रहेगा। देश की राजनीति में भी इसका असर देखने को मिलेगा। कुल मिलाकर ग्रह गोचर में ग्रह नक्षत्रों की बदलती चाल से कई प्रकार की स्थिति बनती बिगड़ती रहेगी। इससे सकारात्मक व नकारात्मक दोनों प्रकार के परिणाम मिलेंगे।

ग्रह कब-कब बदलेंगे राशि व नक्षत्र

12 सितंबर को देवगुरु बृहस्पति मार्गीय हो गए हैं। 16 सितंबर को सूर्य सिंह राशि छोड़कर कन्या राशि में प्रवेश कर चुके हैं। 19 सितंबर को गुरु का पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के चौथे चरण में प्रवेश हो गया है। 22 सितंबर को बुध तुला राशि में प्रवेश करेंगे। 23 सितंबर को राहु वृषभ तथा केतु वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे। 26 सितंबर को सूर्य का हस्त नक्षत्र में प्रवेश होगा। 4 अक्टूबर को वक्री मंगल रेवती नक्षत्र व मीन राशि में जाएंगे। 9 अक्टूबर को शुक्र पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। 18 अक्टूबर को बुध पश्चिम दिश में अस्त होंगे। 20 अक्टूबर को शुक्र उत्तराफाल्गुनी तथा 23 अक्टूबर को सूर्य स्वाती नक्षत्र में जाएंगे। 31 अक्टूबर को सूर्य हस्त नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। 1 नवंबर को बुध उदय होकर मार्गीय होंगे।

पंचग्रही युति में सोमवती अमावस्या

14 दिसंबर को पंचग्रही युति योग में सोमवती अमावस्या रहेगी। पंचग्रही युति का प्रभाव आने वाले दो माह तक नजर आएगा। यह समय जनमानस के लिए थोड़ा कष्टप्रद रहेगा। हालांकि 24 दिसंबर को ग्रह मंडल के सात ग्रह एक साथ मार्गीय होने से राहत अवश्य मिलेगी।

41 दिन का समय सर्वश्रेष्ठ

पं.डब्बावाला के अनुसार 24 दिसंबर से 3 फरवरी का समय सर्वश्रेष्ठ है। 41 दिन का यह काल खंड आने वाले समय का निर्धारण करेगा। अगर इस दौरान लोगों ने सवाधानी बरती तो संक्रमण रुकेगा।

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