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केजेएस सीमेंट प्लांट में हादसे के बाद श्रमिक की मौत, परिजनों ने शव रख कर किया प्रदर्शन

परिवार वालों का आरोप, फैक्ट्री की लापरवाही ने ली जान

दिन भर फैक्ट्री गेट पर होता रहा हंगामा, 27 लाख का चेक व मृतक के परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिये जाने के बाद मामला हुआ शांत

सतना, भास्कर हिंदी न्यूज/ बीते 18 फरवरी को केजेएस सीमेंट प्लांट में शार्ट सर्किट से तीन मजदूर बुरी तरह से ­झुलस गये थे। इनमें से एक श्रमिक की मौत जबलपुर में इलाज के दौरान हो गई। साथी श्रमिक की मौत की खबर सुनते ही फैक्ट्री में काम करने वाले लोग आक्रोशित हो गये और फैक्ट्री गेट में ही प्रदर्शन पर उतर आये। इस बीच मृतक के परिजन भी मृत इलेक्ट्रिीशियन का शव जबलपुर से एंबुलेंस के जरिये सीमेंट फैक्ट्री के गेट पास लेकर पहुंच गये और शव रख कर फैक्ट्री प्रबंधन को हादसे के लिए जिम्मेदार बताते हुए प्रदर्शन करने लगे। जिला प्रशासन को जब इस बात की सूचना मिली तो मैहर एसडीएम सुरेश अग्रवाल तथा एसडीओपी हिमाली सोनी सदल-बल मौके पर पहुंच गईं। प्रशासनिक अधिकारियों ने उग्र भीड़ व मृतक के परिजनों को सम­झाने की कोशिश की परंतु वे नहीं मानें।

परिजनों ने की थी मांग

फैक्ट्री प्लांट में हुए हादसे में मृत इलेक्ट्रिीशियन की मौत को लेकर परिजन खासे नाराज थे। उनका साफ कहना था कि फैक्ट्री प्रबंधन की लापरवाही से उनके घर में एकमात्र कमाने वाले व्यक्ति की मौत हो गई जिसके चलते पूरा परिवार सड़क पर आ गया। परिजनों ने फैक्ट्री प्रबंधन से मांग की कि मृतक के परिजनों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा तथा 40 हजार रुपये प्रतिमाह व एक सदस्य को नौकरी दी जाये। जिससे परिवार का भरण-पोषण हो सके। इस मुद्दे पर दोनों पक्षों में दिन भर तनातनी चलती रही। अंत में प्रशासनिक हस्तक्षेप व सम­ााइश के बाद फैक्ट्री प्रबंधन ने 25 लाख रुपये का चेक, एक सदस्य को नौकरी दिये जाने पर सहमति जताई तब कहीं जाकर लोगों का आक्रोश ठंडा हुआ। देर शाम परिजन मृतक के शव को लेकर चले गये।

क्या है मामला

मैहर के गिरगिटा में संचालित केजेएस सीमेंट प्लांट में 18 फरवरी को अचानक शार्ट सर्किट से पैकिंग प्लांट में जोरदार धमाका हुआ, इस घटना में काम करने वाले तीन श्रमिक बुरी तरह झुलस गए थे। सीमेंट फैक्ट्री के प्लांट में बैग हाउस के एक पैनल में ब्लास्ट से गुरुवार की दोपहर 35 वर्षीय इलेक्ट्रीशयन विपिन सिंह परिहार निवासी छिबौरा रामपुर बघेलान एवं ओमप्रकाश सिंह पिता बाबूलाल 32 वर्ष और सतीश पटेल पिता राजाराम 20 वर्ष निवासी झुरखुलू उचेहरा गंभीर रूप से घायल हो गए थे जिन्हें हादसे के बाद सीमेंट फैक्ट्री से मैहर सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के बाद तीनों घायलों को जबलपुर रेफर कर दिया गया। जबलपुर में उपचार के दौरान इलेक्ट्रीशियन विपिन सिंह परिहार निवासी छीबोरा थाना रामपुर बाघेलान की मौत हो गई।

साथी की मौत की खबर के बाद भड़क उठे मजदूर

युवक की मौत की खबर जब फैक्ट्री के अन्य श्रमिकों तक पहुंच उसके बाद से मैहर केजेएस सीमेंट प्लांट के बाहर मजदूरों का और परिजनों का धरना-प्रदर्शन शुरू हो गया था करीब 1:30 बजे जब मृतक का शव जबलपुर से एंबुलेंस के माध्यम से मैहर पहुंचा तो फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ उग्र प्रदर्शन तेजी से बढ़ गया। पुलिस को सूचना मिलने पर प्लांट में भारी मात्रा में पुलिस तैनाती कर दी गई। बावजूद इसके मृतक के परिजनों एवं आक्रोशित श्रमिकों को प्रदर्शन उग्र होता गया। फैक्ट्री प्रबंधन की ओर से पहले ही मुआवजे के तौर पर 25 लाख रुपये का चेक व मृतक के परिवारिक सदस्य में से एक को नौकरी देने का आश्वासन पूर्व में ही कर दिया गया था लेकिन परिजन उनके द्वारा दिए गए इस आश्वासन पर राजी नहीं थे और एक करोड़ का मुआवजा और 40000 प्रति माह मासिक सैलरी देने की बात को लेकर परिजन अड़े रहे। इस बात को लेकर प्रशासनिक अधिकारी मैहर एसडीएम सुरेश अग्रवाल तहसीलदार मानवेंद्र सिंह एसडीओपी हिमाली सोनी एसआई हेमंत शर्मा पुलिस बल के साथ पहुंचे और परिजनों से बातचीत कर हल निकालना चाहा।
फैक्ट्री प्रबंधन के ऊपर आरोप लगाते हुए जिला कांग्रेस किसान कमेटी के जिला अध्यक्ष पुष्पराज सिंह ने आरोप लगाया कि सुरक्षा के उपकरण के बिना श्रमिकों से काम कराना और कर्मचारियों को शोषण करना फैक्ट्री की पुरानी परंपरा है अब तक कई लोगों के इस फैक्ट्री में मौत हो चुकी है और मौत के बाद मुआवजे का लालच देकर मुंह बंद कराना फैक्ट्री की पुरानी आदत है। लेकिन विपिन सिंह के परिवार में इकलौता आदमी था जिसके दम पर पूरा परिवार गुजर-बसर करता था। विपिन सिंह की शादी नहीं हुई थी और परिवार की सारी जिम्मेदारी उस पर थी जिसको लेकर अभी तक विपिन की मौत के बाद से फैक्ट्री प्रबंधन के कोई भी जिम्मेदार अधिकारी हम तक बात करने या परिजन तक श्रद्धांजलि देने या सांत्वना व्यक्त करने नहीं पहुंचे। जिसको लेकर के परिजन का आक्रोश जायज है। इसके बाद फैक्ट्री प्रबंधन से एचआर हेड और परिवार के बीच वार्ता शुरू हुई और शाम को करीब 5:30 बजे परिवार और फैक्ट्री के बीच बातचीत का निष्कर्ष निकला कि प्रबंधन द्वारा मृतक के परिजन को 27 लाख रुपये का चेक एवं परिजन के एक सदस्य को नौकरी देने का आश्वासन दिया गया इसी मौके पर यूनियन लीडर के विवादित बयान को लेकर परिजन और यूनियन लीडर के बीच झड़प हुई लेकिन पुलिस ने मोर्चा संभालते हुए दोनों को अलग कर मामले को शांत किया। फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा मांगे मान लिये जाने के बाद शव लेकर परिजन चले गये।

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