Engineering collage to have 90 percent regular teachers:digi desk/BHN/अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) ने सरकारी व निजी इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट कॉलेजों में अतिथि शिक्षकों की संख्या को घटाकर आधा करने का निर्देश दिया है। एआइसीटीई ने निर्देश दिया है कि इंजीनियरिंग और तकनीकी कॉलेजों में 90 फीसद शिक्षक नियमित होना चाहिए। इसका मतलब है कि कॉलेजों को अतिथि शिक्षकों की संख्या 20 फीसद से घटाकर 10 फीसद करनी होगी। इससे कॉलेजों पर अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ सकता है। इस निर्देश के खिलाफ एसोसिएशन ऑफ टेक्नीकल एंड प्रोफेशनल इंस्टीट्यूट (एटीपीआइ) ने मांग की है कि अतिथि शिक्षक का अनुपात यथावत 20 फीसद ही रखा जाए। इस संबंध में एटीपीआइ ने मांग और प्रस्ताव एआईसीटीइ मुख्यालय को भेज दिया है।
दरअसल, निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों में अतिथि शिक्षकों को एक कक्षा के लिए 500 से 1000 स्र्पये तक दिए जाते हैं। वहीं नियमित प्रोफेसरों को 25 हजार से 60 हजार स्र्पये एक माह तक वेतन देना पड़ेगा। एटीपीआइ का कहना है कि पहले ही इंजीनियरिंग कॉलेजों की हालत ठीक नहीं है। बता दें, कि प्रदेश में 150 से अधिक सरकारी व निजी इंजीनियरिंग कॉलेज और 65 से अधिक पॉलिटेक्निक कॉलेज हैं। जिनमें अब शिक्षकों की कमी होने पर नियमित शिक्षक रखने होंगे।
ऐसे समझें क्षमता
उदाहरण के लिए अगर एक वर्ष में इंजीनियरिंग कॉलेजों में 50 हजार विद्यार्थियों के प्रवेश की क्षमता है तो इसमें कुल शिक्षकों की आवश्यकता 2500 होगी। 2500 शिक्षकों में से 20 प्रतिशत के हिसाब से पहले 500 अतिथि शिक्षक रखे जाते थे। अब कॉलेजों को 250 अतिथि और 250 नियमित शिक्षक रखने होंगे।
ऐसे बढ़ सकती है कॉलेजों की फीस
तकनीकी शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों पर नियमित शिक्षक रखने से वित्तीय भार बढ़ सकता है। संभव है कि इसकी पूर्ति वे विद्याथ्र्ाियों की फीस बढ़ाकर करें।