Mahashivratri 2021:digi desk/BHN/ शिव आराधना का महापर्व महाशिवरात्रि माघ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर 11 मार्च गुरुवार को मनाया जाएगा। इस मौके पर कल्याणकारी शिव योग रहेगा। इसके साथ ही धनिष्ठा नक्षत्र और मकर राशि में चंद्रमा के संयोग में भोले भंडारी का अभिषेक पूजन भक्तों को मनोवांछित फल दिलाएगा। इस अवसर पर कोरोना से बचाव के उपायों के साथ शिव मंदिरों में कई आयोजन होंगे। भोले भंडारी का अलग-अलग स्वरूपों में श्रृंगार होगा। चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 11 मार्च को दोपहर 2 बजकर 39 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 12 मार्च को दोपहर 3 बजे बजकर कर 2 मिनट तक रहेगी। महाशिवरात्रि पर्व में रात्रि की प्रधानता रहती है। इस कारण 11 मार्च को महाशिवरात्रि पर्व मनाना शास्त्र सम्मत होगा। महाशिवरात्रि का निशीथ काल 11 मार्च को रात 12 बजकर 6 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक रहेगा।
ज्योतिर्विद ओम वशिष्ठ के अनुसार महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव को समर्पित है। शिव भक्त महाशिवरात्रि के पर्व का वर्षभर इंतजार करते हैं। इस दिन भगवान शिव का अभिषेक और उनकी प्रिय वस्तुओं का भोग लगाने से जीवन में आने वाली कई परेशानियों से मुक्ति मिलती है। कुंआरी कन्याएं इस दिन मनचाहे वर के लिए भगवान शिव का व्रत और विशेष पूजा करती हैं।
कोरोना के कारण आयोजन के स्वरूप पर संशय
बढ़ते कोरोना संक्रमितों के कारण महाशिवरात्रि के आयोजन के स्वरूप पर संशय है। खजराना गणेश मंदिर में इस बार महाशिवरात्रि पर फरियाली खिचड़ी का वितरण नहीं होगा, लेकिन परिसर में स्थित महाकालेश्वर मंदिर में भगवान का श्रृंगारकर रुद्राभिषेक किया जाएगा। साथ ही मंदिरों को फूलों से भी सजाया जाएगा। फिरोज गांधी नगर स्थित शिव मंदिर के पुजारी विनय शर्मा के अनुसार कोरोना के कारण मंदिर में दर्शन और अन्य आयोजनों के स्वरूप पर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। मास्क पहनना और शारीरिक दूरी के नियम के पालन के साथ महाशिवरात्रि पर क्या व्यवस्था रहेगी, इसका निर्णय महाशिवरात्रि के तीन दिन पहले बैठक में लेंगे।