Effect of angarak yoga will remain 52 days:digi desk/ बीती 22 फरवरी को अंगारक योग लग चुका है। इसकी अवधि करीब दो महीने तक रहेगी। ध्यान देने योग्य बात यह है कि यह योग बहुत संवेदनशील माना जाता है, इसलिए सभी लोगों को इस दौरान सावधान रहना होगा। कुंडली में या गोचर में जब मंगल असुर प्रकृति वाले राहु केतु के साथ स्थित होता है, तो एक विशेष प्रकार का योग अंगारक निर्मित होता है। यह विगत दिवस 22 फरवरी से प्रारंभ हुआ है ओर 52दिन तक चलेगा। ज्योतिषाचार्य डॉ पंडित गणेश शर्मा ने बताया कि जिन जातक की राशि में मंगल या राहु की युति है या जिन लोगोंं कि कुंडली में मंगल राहु ग्रह कमजोर है, ऐसे जातकों को सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि मंगल को क्रोध, वाद विवाद ,लड़ाई झगड़ा हथियार, दुर्घटना, शत्रु ,षड्यंत्र नकारात्मक उर्जा मंगल राहु के योग को अधिक नकारात्मक और दुष्परिणाम देने वाला योग माना जाता है। मंगल राहु की युति प्राकृतिक और सामाजिक उठापटक की स्थिति बनाता है। यदि जन्म कुंडली में मंगल और राहु एक साथ हो तो सर्वप्रथम कुंडली में जिस भी भाव में यह योग बन रहा हो उस भाव को नियंत्रित होने वाले संघर्ष की स्थिति बनी होती है। कुंडली में 12 भाव में अंगारक दोष होने पर जीवन में हर भाव के हिसाब से नुकसान होते रहते हैं जीवन संघर्ष भरा होता है। ज्योतिष शास्त्र में मंगल और राहु की युति को अंगाकर योग कहा जाता है। 22 फरवरी को मंगल का वृष राशि गोचर हुआ था और इस राशि में पहले से ही राहु स्थित हैं, ऐसे में यह अंगारक योग बन रहा है। ज्योतिष मान्यता के अनुसार यह योग व्यक्ति की बुद्धि को भ्रष्ट कर देता है और उसके स्वभाव को हिंसक, उग्र और आक्रामक बना देता है। हस्तरेखातज्ञ पंडित विनोद जी पंडित के अनुसार राहु की दशा (अंतर्दशा और प्रत्यंतरदशा) में जातक ग़लत फैसले लेता है और दशा समाप्त होने के उपरांत खुद को छला हुआ महसूस करता है। राहु अति उत्साह देकर दुस्साहसिक कार्य करवाता है।
यह होगा इस योग का असर
यह योग जनता में आपस में टकराव के साथ साथ कई खतरनाक रोग पैदा कर सकता है। व्यक्तिगत तौर पर भी लोगों में गुस्सा बढ़ेगा। व्यापारी भी शांत ही रहें। नया इन्वेस्टमेंट ना करें। एक तो जिनका मंगल बहुत अच्छा है और वह जमीन जायदाद के कार्य में लगे हैं। मजबूत मंगल वाले बस उसमें इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं, बस उन्हीं को लाभ होगा। धरती से जुड़े हुए लोगों को ऊर्जा मिलेगी बाकी लगभग सभी के लिए समय अच्छा नहीं है। दूसरा जिन व्यापारी लोगों की कुंडली में राहु मंगल की दशा चल रही हो वह बस अपने व्यापार केंद्र पर बैठकर व्यापार करें। अगर वह नई इन्वेस्टमेंट नहीं करते तो सुरक्षित रहेंगे।
झगड़े और विवाद बढ़ेंगे, मानसिक संतुलन बनाए रखें
22 फरवरी को सुबह 4:00 बजे मंगल ने वृषभ राशि में प्रवेश किया। हस्तरेखातज्ञ पंडित विनोद जी ने बताया कि यहां पहले से ही राहु विराजमान हैं तो ऐसे में मित्रों मंगल वहां जाने के बाद ग्रह गोचर में अंगारक योग बन रहा है जिसमें झगड़े की आशंका रहेगी। मंगल की चीजें महंगे होगी मंगल का विभाग पुलिस विभाग आता है। रसोई विभाग आता है। अंगारक योग से पुलिस विभाग को दिक्कत आ सकती है और जिनकी कुंडली में मंगल और राहु एक जगह पर है वह योग जाग जाएगा। उनके ऊपर भी विपरीत परिणाम का असर होने का दिखेगा। जो शादीशुदा हैं, अंगारक वाले उनका पति के साथ झगड़ा भी हो सकता है या दोस्तों के साथ झगड़ा भी हो सकता है। इसके लिए संयम रखना जरूरी है तो यह अंगारक योग वृषभ राशि में बन रहा है। वृषभ राशि के जातक भी थोड़ा सावधानी से रहे तो उनके लिए अच्छा है। जो मंगल के लोग हैं मेष राशि और वृश्चिक राशि उनको भी थोड़ा सतर्क सावधानी रहने की आवश्यकता है।
ऐसे बनता है अंगारक योग
मंगल और राहु की युति के कारण अंगारक योग होता है। मंगल अग्नि तत्व का ग्रह है जबकि राहु वायु तत्व पर प्रभाव डालता है। आग हवा और आग के मिश्रण के कारण होती है। यह विस्फोट की स्थिति बनाता है। इस दौरान आपको दुर्घटनाओं और सर्जरी से गुजरना पड़ सकता है। यह क्रोध को बढ़ाता है और आपको हिंसा और जुनून की ओर ले जाता है। इसका विशेष प्रभाव राशि चक्र पर बदल जाता है। इसलिए, उपाय भी अलग हैं। पंडित एनएम श्रीमाली जी कहते हैं कि अंगारक योग तब बनता है जब कुंडली में राहु और मंगल किसी भी घर में एकत्र होते हैं। यह संयोजन प्रचुर मात्रा में मानसिक या शारीरिक ऊर्जा बनाता है ऐसे मूल निवासी ऊर्जा की कभी कमी नहीं करते हैं। अंगारक योग अलग-अलग घरों और अलग-अलग राशियों में अपनी स्थिति के अनुसार शुभ और अशुभ दोनों होते हैं।
मेष, सिंह, वृषभ, मकर और वृश्चिक राशि के लोगों के स्वभाव पर होगा प्रभाव
जब मंगल और राहु एक साथ मिलकर अविश्वसनीय ऊर्जा पैदा करते हैं। इसके चलते देशी में निषिद्ध और अवैध गतिविधियां शामिल हो सकती हैं। प्लेसमेंट के अनुसार, इसके नकारात्मक लक्षण नियमित और अनावश्यक आक्रामकता, क्रोध और संवेदनशीलता की कमी हैं। ऐसा होने की संभावना अधिक है जब यह एकत्रीकरण मेष, सिंह, वृषभ, मकर और वृश्चिक जैसे संकेतों में होता है। अपने सकारात्मक पहलुओं में, यह बहादुर योद्धा को खड़ा करने, अन्याय के खिलाफ, समाज के लिए लाभ और वफादारी के उच्च स्तर पर खड़े होने की ताकत प्रदान करता है। अंगारक योग की कितनी ताकत बुरे या अच्छे परिणाम देती है, यह देशी कुंडली के गहन विश्लेषण से अच्छी तरह से ज्ञात हो जाएगा।
ये हैं आसान उपाय
तांबे का कंगन तैयार करें और इसे दाहिने हाथ की कलाई पर पहनें। 108 बार मंगल मंत्र “ओम अंग अंगारकाय नमः” का जाप करें। आपको मंगलवार का व्रत करना चाहिए। आपको हनुमान मंदिर जाना चाहिए और उनके सामने हनुमान चालीसा का जाप करना चाहिए। अनामिका में तांबे की अंगूठी पहनें। व्यक्ति को नॉन-वेज और शराब या अन्य नशे से बचना चाहिए। राहु और मंगल शांति पूजा करनी चाहिए। तकिये के पास तांबे के बर्तन में पानी रखें और सुबह इसे कैक्टस के पौधे में फेंक दें।
21 अप्रैल तक अस्त रहेंगे शुक्र देव
आगामी 21 अप्रैल 2021 तक शुक्र देव अस्त में रहेंगे। समय में तुला वृषभ जातकों को भौतिक सुखों में कमी आएगी सूर्य और शुक्र के बीच में 9 डिग्री का अंतर बना हुआ है। इसके लिए शुक्र अस्त हो जाते हैं ऐसे में सभी राशियों के ऊपर भौतिक सुख प्यार रोमांस फिल्म इंडस्ट्री व्यापार दृष्टि इसमें कमी आएगी। सातवां भाव पार्टनरशिप का होता है विवाह का होता है। जीवन साथी का होता है उसमें भी कम से कम ही नजर आएगी तो सभी जातक लोग पैसा संभाल के रखें और अपने जीवनसाथी या प्रेमी से झगड़ा कतई ना करें वरना झगड़े से बात आगे ज्यादा बिगड़ सकती है। शुक्र जो है हमारे प्यार को बांधे रखता है। वह कमी शुक्र के अस्त की वजह से कमी नजर आएगी। इसके लिए खुद पर हमको संयम रखने की आवश्यकता है जब शुक्र उच्च के हो जाएंगे तो फिर से लाभ देना शुरू करेंगे।
उपाय –हनुमान जी की पूजा करें। यदि बहुत ज्यादा समस्या है उज्जैन में अंगारेश्वर मंदिर में जा कर के अपना पूजन अनुष्ठान करवा सकते हैं। मंगल राहु के जाप से भी इनके प्रभाव से बचा जा सकता है साथ ही मंगलबार को काले कुत्ते को इमरती खिलाने से भी लाभ हो सकता है।