Tuesday , July 2 2024
Breaking News

बीजेपी महाराष्ट्र में NCP के साथ रिश्ता खत्म कर सकती है, जानें क्या चल रहा है

मुंबई

 महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव में महायुति को मिली कम सीटों को लेकर बयानबाजी जारी है. बीजेपी, एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी कारणों की तलाश में जुटी है. साथ ही तीनों ही दल विपक्ष पर संविधान को लेकर झूठा प्रचार करने का आरोप लगा रही है.

इस बीच आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गनाइजर में कहा गया है कि महाराष्ट्र में बीजेपी की लोकसभा चुनाव में हार का एक कारण उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी के साथ गठबंधन था. ऐसे में अब अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या बीजेपी अजित पवार के साथ संबंध तोड़ देगी. बीजेपी सीएम एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ सकती है.

दी न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार सूत्रों ने बताया कि आरएसएस बीजेपी नेतृत्व के एनसीपी को तोड़ने और लोकसभा चुनाव से पहले अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट के साथ गठबंधन करने के फैसले से खुश नहीं है.

नाम न बताने की शर्त पर एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने कहा, "आरएसएस-बीजेपी कार्यकर्ताओं को पवार विरोधी नारे के साथ तैयार किया जा रहा है. सिंचाई और महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटालों से जुड़े होने के कारण वे अजित पवार के विरोधी हैं. लेकिन जूनियर पवार के बीजेपी से हाथ मिलाने के बाद पवार विरोधी बयान पीछे छूट गया. घाव पर नमक छिड़कते हुए उन्हें महायुति सरकार में उपमुख्यमंत्री बना दिया गया."

नेता ने आगे कहा, "लोकसभा चुनावों में यह स्पष्ट था कि आरएसएस-बीजेपी के कार्यकर्ता एनसीपी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने के लिए तैयार नहीं थे और कई जगहों पर आत्मसंतुष्ट रहे. नतीजतन, 2019 में बीजेपी की सीटों की संख्या 23 से घटकर 2024 में नौ रह गई." आजीवन आरएसएस कार्यकर्ता रतन शारदा ने ऑर्गनाइजर में अपने लेख में कहा कि अजित के साथ गठबंधन करने से "बीजेपी की ब्रांड वैल्यू" कम हो गई और यह "बिना किसी अंतर वाली एक और पार्टी" बन गई.

सूत्रों ने कहा कि बीजेपी नेतृत्व इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों में अजित के साथ गठबंधन न करने के प्रभाव पर विचार-विमर्श कर रहा है. "अगर हमारी पार्टी अजित को छोड़ देती है और विधानसभा चुनावों में शिंदे के साथ आगे बढ़ती है, तो ऐसा लग सकता है कि बीजेपी ने अजित का इस्तेमाल किया और बाद में उन्हें फेंक दिया. यह इस्तेमाल करो और फेंको की नीति उल्टी पड़ सकती है. लेकिन एक और परिदृश्य यह है कि अजित को सहयोगी के रूप में रखना फायदेमंद नहीं हो सकता है."

About rishi pandit

Check Also

महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने अपने दो साल पूरे कर लिए, विधानसभा चुनाव की तैयारी की तेज

मुंबई महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने अपने दो साल …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *