- कांग्रेस ने प्रदेश की 29 में से 27 लोकसभा सीटों पर लड़ा है चुनाव
- पिछले चुनाव में कांग्रेस को केवल छिंदवाड़ा सीट पर मिली थी जीत
- एग्जिट पोल भाजपा की प्रचंड जीत की संभावना जता रहे हैं
Madhya pradesh bhopal mp lok sabha result 2024 will bjp do a clean sweep in madhya pradesh or will congress save its honour: digi desk/BHN/भोपाल/ चार जून मंगलवार को देश के साथ-साथ मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों के चुनाव के परिणाम सामने आ जाएंगे। इसमें भाजपा क्लीनस्विप करके इतिहास बनाती है या कांग्रेस लाज बचाने में सफल होती है, यह साफ हो जाएगा। 1991 से लेकर अब तक हुए लोकसभा चुनाव में कभी किसी दल ने सभी सीटें नहीं जीती हैं।
भाजपा का दावा है कि इस बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रचंड जीत होगी और भाजपा प्रदेश की सभी 29 सीटें जीतेगी। छिंदवाड़ा में भी कमल खिलेगा। पिछले चुनाव में कांग्रेस को एकमात्र छिंदवाड़ा लोकसभा सीट ही 37, 536 मतों के अंतर से जीती थी। कांग्रेस का अनुमान है कि उसे छह सीटें मिल सकती हैं।
कांग्रेस ने इस बार 27 सीटों पर चुनाव लड़ा है। इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने नामांकन वापसी के अंतिम दिन नाम वापस ले लिया था। इससे वहां कांग्रेस की चुनौती समाप्त हो गई थी।
वहीं, खजुराहो सीट पार्टी ने समझौते के तहत समाजवादी पार्टी को दी थी। पार्टी ने मीरा यादव को प्रत्याशी बनाया पर उनका नामांकन निरस्त हो गया और फिर कांग्रेस ने आइएनडीआइए गठबंधन की सहयोग आल इंडिया फारवर्ड ब्लाक पार्टी के आरबी प्रजापति को साझा प्रत्याशी घोषित किया गया था।
तमाम सर्वे एजेंसियों के एग्जिट पोल भाजपा की प्रचंड जीत की संभावना जता रहे हैं। कुछ एजेंसियों ने 29 में से सभी 29 सीटें भाजपा के खाते में जाने का अनुमान लगाया है। यदि ऐसा होता है तो प्रदेश में इतिहास बन जाएगा क्योंकि अभी तक ऐसी स्थिति कभी नहीं बनी है। परिसीमन के बाद हुए चार लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सर्वाधिक 28 सीटें 2019 के चुनाव में जीती थीं।
तब कांग्रेस का गढ़ कही जाने वाली छिंदवाड़ा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के पुत्र नकुल नाथ ने पार्टी की लाज बचा ली थी। इस बार भी उन्हें कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ा है। यहां पूरा चुनाव कमल नाथ ने लड़ा और सहानुभूति का कार्ड खेला। हालांकि, भाजपा ने उन्हें घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रोड शो किया और रात्रि विश्राम कर मैदानी जमावट जमाई।
इसी तरह राजगढ़ सीट पर भी सबकी नजर है। यहां से 33 वर्ष बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने लोकसभा का चुनाव लड़ा है और पदयात्रा करके जीवंत संपर्क बनाने का प्रयास किया। वहीं, भाजपा के रोडमल नागर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम पर वोट मांगे। यहां भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहुंचे थे और उन्होंने कार्यकर्ताओं से आव्हान किया था कि आशिक का जनाजा है, जरा धूम से निकले यानी लंबे मतों के अंतर से हराया जाए।
कब क्या रही स्थिति
चुनाव वर्ष- भाजपा-कांग्रेस-बसपा-अन्य को मिली सीटें
1991- 12- 27- 1
1996- 27- 8- 2-3
1998- 30- 10
2004- 25- 4
2009- 16-12-1
2014- 27- 4
2019- 28- 1
नोट- वर्ष 2000 तक अविभाजित मध्य प्रदेश में लोकसभा सीटों की संख्या 40 थी।