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New Army chief: नए सेना प्रमुख की नियुक्ति से पहले वरिष्ठ अफसरों का पूल बनाने की तैयारी! किसके हाथ लगेगी बाजी?

National new army chief preparations underway to create pool of senior officers before appointment who win know all : digi desk/BHN/नई दिल्ली/ सरकार ने 25 मई को छठवें चरण के चुनाव के बाद 26 मई को थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे को एक महीने का सेवा विस्तार दे दिया और वह अब 30 जून तक इस पद पर बने रहेंगे। इससे पहले वे 31 मई को रिटायर होने वाले थे। डिफेंस स्टडीज के सिलेबस में सैन्य रणनीतियों के लिए एक खास किताब जरूर पढ़ाई जाती है, द आर्ट ऑफ वॉर। चीन के सैन्य रणनीतिकार सन त्ज़ु ने ईसा से पांच सदी पहले इस किताब को लिखा था। दुनियाभर में इस किताब को पढ़ाया जाता है। इसमें एक चैप्टर है कि कैसे युद्ध के मैदान में दुश्मन को भ्रमित करो, उसे गुमराह करो और फिर सरप्राइज अटैक करके उसे चकित कर दो। मोदी सरकार भी ठीक इसी रणनीति पर चल रही है। सरकार ने पिछले हफ्ते जब एक असमान्य कदम उठाते हुए थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे को एक महीने का सेवा विस्तार दिया, तो इसी थ्योरी की चर्चा होने लगी। आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में इसकी कोई वजह नहीं बताई गई। रक्षा सूत्रों का कहना है कि सरकार अब नए आर्मी चीफ की नियुक्ति के लिए मैरिट प्रक्रिया का इस्तेमाल करने की योजना बना रही है। 

सरकार ने 25 मई को छठवें चरण के चुनाव के बाद 26 मई को थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे को एक महीने का सेवा विस्तार दे दिया और वह अब 30 जून तक इस पद पर बने रहेंगे। इससे पहले वे 31 मई को रिटायर होने वाले थे। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि कि आर्मी रूल्स, 1954 के नियम 16 ए (4) के तहत ये सेवा विस्तार दिया गया है। चार जून के बाद अगर भाजपा सरकार 3.0 की वापसी होती है, तो पहले ही अगले 100 दिन के कामकाज को लेकर एजेंडा तैयार कर लिया गया है। इसमें सबसे बड़ा बदलाव डिफेंस सेक्टर में देखने को मिलेगा। सरकार ने अपने घोषणा पत्र में इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड बनाने का वादा किया है। इसकी प्रक्रिया भी शुरू हो गई है और इसकी डेडलाइन जून 2025 तय की गई है। 

आदर्श आचार संहिता में ताबड़तोड़ हो रही पोस्टिंग
रक्षा सूत्रों का कहना है कि सरकार बस चार जून का इंतजार कर रही है। जब आधिकारिक रूप से चुनाव परिणाम घोषित होंगे। वह कहते हैं कि इंडिया के पास 12 लाख जवानों की मजबूत सेना है, इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड बनाने में थल सेना का अहम रोल होगा। यह कहना कि नए आर्मी चीफ की नियुक्ति का फैसला मोदी सरकार ने चार जून के बाद बनने वाली सरकार पर छोड़ा है, इस बात में दम नहीं है, क्योंकि सरकार ने अप्रैल में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान से एक दिन पहले ही वाइस एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी को मौजूदा नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार की जगह इस पद के लिए चुना गया, जो 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त होने वाले थे। उनका कहना है कि हाल ही हुईं कई नियुक्तियां और ट्रांसफर देखिए। आदर्श आचार संहिता लागू है, इस तरह के तबादले आमतौर पर तब किए जाते हैं, जब चुनाव पर्यवेक्षकों या विपक्ष की तरफ से शिकायत की जाती है कि अधिकारी अपने कर्तव्यों का निष्पक्षता से निर्वहन नहीं कर रहे हैं। आर्मी चीफ का कार्यकाल एक माह बढ़ाने के अगले दिन ही डीआरडीओ के सचिव और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के अध्यक्ष समीर वी कामत का सेवा विस्तार एक साल लिए बढ़ा दिया गया, अब उनका कार्यकाल 31 मई, 2025 को समाप्त होगा। क्योंकि सरकार ने डीआरडीओ में रिफॉर्म्स की याजना बनाई है। सरकार ने इसे अपने 100 दिन के एजेंडा में शामिल किया है। इसके लिए 31 अगस्त की डेडलाइन तय की है। 

पर्दे के पीछे कोई खेल कर रही है सरकार!
सूत्रों का कहा है कि सरकार चयन प्रक्रिया के दायरे का विस्तार करना चाहती है। अभी तक सैन्य सेवा प्रमुखों को आमतौर पर इस तरह का शॉर्ट टर्म सेवा विस्तार नहीं मिलता है। इसका सीधा मतलब है कि सरकार नए सेना प्रमुख के चयन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की योजना बना रही है। कुछ खास मौकों को छोड़ दें, तो अभी तक सेना में वरिष्ठता को ही प्राथमिकता दी जाती थी, लेकिन इस बार केंद्र सरकार ने चयन करते समय सीनियरिटी के साथ मैरिट के फॉर्मूले का भी इस्तेमाल किया है। जनरल पांडे के सेवा विस्तार की घोषणा से पहले, साउथ ब्लॉक के गलियारों में कई दिनों से चर्चा चल रही थी कि वर्तमान सेना उप-प्रमुख और अगले सबसे वरिष्ठ अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को उत्तराधिकारी घोषित किया जाएगा। लेकिन अब लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी के अलावा चार और सैन्य अधिकारी सेना प्रमुख के पद के दावेदार माने जा रहे हैं। इनमें दक्षिणी कमान प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सिंह, उत्तरी कमान प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल सुचिंद्र कुमार (जून 1985 बैच), मध्य कमान प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रमणि (दिसंबर 1985 बैच) और इंटिग्रेटेड डिफेंस स्टाफ प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मैथ्यूज (दिसंबर 1985 बैच) के नाम हैं। लेकिन इसकी घोषणा में हो रही देरी से अंदाजा लगाया जाने लगा था कि सरकार पर्दे के पीछे कोई खेल कर रही है। नहीं तो, सरकार प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए नए सेना प्रमुख के नाम का एलान पहले ही कर देती थी। 

‘वही अफसर नया चीफ बनेगा, जिसकी पहुंच ऊपर तक होगी’
रक्षा सूत्रों का कहना है कि इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड को लेकर लंबे समय से काम चल रहा है और यह सरकार की प्रॉयरिटी में है। सरकार नए सेना प्रमुख के चयन को लेकर जल्दबाजी नहीं करना चाहती। क्योकि इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड के चलते सेना की कमान संभालने के लिए वरिष्ठ-रैंक वाले अफसरों की भी जरूरत होगी। इसलिए, सरकार नए सेना प्रमुख के चयन के लिए वरिष्ठ अधिकारियों का एक पूल बना सकती है। वहीं, जनरल मनोज पांडे को 30 जून तक का सेवा विस्तार मिलने के बाद, उनके बाद  दो सबसे वरिष्ठ अधिकारी वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी और दक्षिणी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अजय के. सिंह भी 30 जून को ही रिटायर होने वाले हैं। हालांकि दोनों अफसर बैचमेट हैं, लेकिन कमीशनिंग सीनियरिटी  के हिसाब से लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी सीनियर हैं। आमतौर पर ऐसा कम ही होता है, जब सेना में रिटायरमेंट वाले दिन किसी अफसर को प्रमोशन दिया जाता हो। हालांकि, मोदी सरकार ने 2019 में एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया को उनके रिटायरमेंट के दिन भारतीय वायु सेना प्रमुख के पद पर नियुक्त किया था। वहीं, इन तीनों के एक साथ रिटायर होने के बाद इसके बाद सबसे वरिष्ठ उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल सुचिंद्र कुमार (जून 1985 बैच), उसके बाद मध्य कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रमणि (दिसंबर 1985 बैच) और इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मैथ्यूज (दिसंबर 1985 बैच) होंगे। सूत्रों का कहना है कि अब सवाल सीनियरिटी का नहीं है। अब वही अफसर नया चीफ बनेगा, जिसकी ऊपर तक पहुंच होगी। 

इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड में शुरू हुई तैनाती
वहीं सरकार अब इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड को बनाने को लेकर इतनी समर्पित है कि इसकी तैयारियां अभी से शुरू हो गई हैं। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान भी हाल फिलहाल देश भर की यात्रा कर रहे हैं और अफसरों से मिल रहे हैं। जहां वे नहीं जा पाते, तो उसके लिए वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अफसरों से ऑनलाइन मुलाकात कर रहे हैं। जिसका असर अब धीरे-धीरे दिखना शुरू हो गया है। सूत्रों का कहना है कि सेना में ब्रिगेडियर और वायु सेना और नौसेना में कमोडोर रैंक के सैन्य अफसरों को अब से कुछ दिनों में अपनी नई इंटीग्रेटेड पोस्टिंग पर रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है। ये नई पोस्टिंग मुख्य रूप से जयपुर (पाकिस्तान केंद्रित कमांड), लखनऊ (चीन केंद्रित कमांड) और विशाखापत्तनम (नौसेना केंद्रित कमांड) के लिए हैं। थिएटरीकरण होने के बाद, एक निर्दिष्ट क्षेत्र में एक ही कमांडर उस क्षेत्र में तैनात सभी बलों के सभी एसेट्स और रिसोर्सेज की कमान संभालेगा, चाहे वे सेना, नौसेना या वायु सेना से हों। वहीं सेना में कर्नल और उससे नीचे रैंक के अधिकारी, वायु सेना में ग्रुप कैप्टन और उससे नीचे रैंक के अधिकारी, नौसेना में कैप्टन और उससे नीचे रैंक के अधिकारी लगभग एक साल पहले से ही इन कमांडों में जाना शुरू कर चुके हैं।

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