जयपुर
राजस्थान हाई कोर्ट ने शराब दुकानदारों को बड़ी राहत दी है. आबकारी विभाग ने रिन्यू किए गए लाइसेंस को हाईकोट ने रद्द करने के आदेश जारी कर दिए हैं. हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार शराब दुकानदारों के लाइसेंस जबरन रिन्यू नहीं कर सकती है. अगर दुकानदार लाइसेंस रिन्यू नहीं कराना चाहते हैं तो विभाग लाइसेंस रिन्यू का आदेश थोप नहीं सकता. हाई कोर्ट ने यह आबकारी विभाग को यह भी आदेश दिए कि एक साल पहले दुकानदारों की ओर से जमा कराई गई सिक्योरिटी राशि को 4 सप्ताह में वापस लौटाएं. 6% ब्याज सहित पैसे वापस करने के आदेश दिए.
आबकारी विभागने लाइसेंस की प्रक्रिया नहीं अपनाई
आबकारी विभाग ने आचार संहिता का हवाला देकर वित्त वर्ष 2024-25 के लिए नए लाइसेंस की प्रक्रिया नहीं अपनाई. पुराने दुकानदारों के लाइसेंस आगामी 3 महीनों के लिए रिन्यू कर दिए. अधिकतर दुकानदार लाइसें रिन्यू नहीं कराना चाहते थे. इसके बाद भी शिक्षा विभाग ने लाइसेंस रिन्यू कर दिए. आबकारी विभाग के इस फैसले के खिलाफ दुकानदारों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई. इस याचिका की सुनावाई करते हुए जस्टिस महेंद्र गोयल की एकलपीठ ने लाइसेंस रिन्यू करने का आदेश रद्द कर दिए.
याचिकाकर्ताओं ने कहा-आबकारी विभाग नहीं थोप सकता आदेश
हाईकोर्ट में याचिकाकर्ताओं का कहना था कि लाइसेंसी की मर्जी के बिना आबकारी विभाग इस तरह से उन पर आदेश नहीं थोप सकता है. मामले से जुड़े वकील अचिंत्य कौशिक ने बताया कि विभाग ने इन दुकानों की 4 बार बोली लगवाई, लेकिन किसी ने भी दुकान नीलामी में नहीं ली. इसके बाद विभाग ने 13 मार्च को आचार संहिता का हवाला देकर आदेश निकाल दिया कि जिन दुकानों का लाइसेंस 31 मार्च 2024 को खत्म हो रहा है, उन दुकानों का लाइसेंस 3 महीने के लिए रिन्यू किया जाता है. इस बारे में दुकानदारों से किसी भी तरह की बातचीत नहीं की गई, जबकि याचिकाकर्ता दुकान को लाइसेंस अवधि के बाद चलाने के इच्छुक नहीं थे.
प्रदेश में 41% दुकानों की नहीं हुई नीलामी
इस मामलें में सरकार ने हाईकोर्ट में जवाब पेश करते हुए कहा था कि प्रदेश में शराब की करीब 7 हजार 667 दुकानें हैं. इसमें से 41% दुकानों की अगले वित्त वर्ष के लिए नीलामी नहीं हो सकी है. फिलहाल प्रदेश में आचार संहिता लागू है, ऐसे में फिर से दुकानों की नीलामी नहीं की जा सकती है.
हाईकोर्ट ने सरकार की दलील को किया रद्द
इसको देखते हुए सरकार ने पुराने लाइसेंसी दुकानदारों का लाइसेंस तीन महीने के लिए रिन्यू किया है, क्योंकि ऐसा नहीं करने पर नए वित्त वर्ष में करीब 41% दुकानें बंद हो जाएंगी. इससे सरकार को राजस्व का नुकसान होगा. साथ ही गैर कानूनी और अनाधिकृत शराब की बिक्री बढ़ने की भी आशंका है. सरकार ने कहा कि लाइसेंसी सरकार के दिशा निर्देश मानने के लिए बाध्य हैं. लेकिन कोर्ट ने सरकार की दलीलों को खारिज करते हुए विभाग के आदेश को रद्द कर दिया है.