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अमेरिका ने बाह्य अंतरिक्ष संधि पर सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर वीटो करने के लिए रूस की आलोचना की

अमेरिका ने बाह्य अंतरिक्ष संधि पर सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर वीटो करने के लिए रूस की आलोचना की

अमेरिका ने यूक्रेन को भेजना शुरू किए हथियार, चीन और ईरान पर लगाए रूस की मदद करने के आरोप

वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक ने लॉस एंजिलिस में जैन समुदाय के सदस्यों से मुलाकात की

वाशिंगटन
अमेरिका ने बाह्य अंतरिक्ष संधि पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक प्रस्ताव पर वीटो करने के लिए  रूस की आलोचना की।बाह्य अंतरिक्ष संधि के तहत देशों पर पृथ्वी की इर्द गिर्द की कक्षा में परमाणु हथियारों सहित सामूहिक विनाश के हथियार (डब्ल्यूएमडी) तैनात नहीं करने की कानूनी बाध्यता है। न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में रूस द्वारा प्रस्ताव पर वीटो करने के बाद अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलीवन ने एक बयान में कहा,'' जैसा की हमने पहले भी कहा है, अमेरिका का आकलन है कि रूस परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम एक नया उपग्रह विकसित कर रहा है। हमने राष्ट्रपति (व्लादिमीर) पुतिन को सार्वजनिक रूप से यह कहते सुना है कि रूस का अंतरिक्ष में परमाणु हथियार तैनात करने का कोई इरादा नहीं है लेकिन अगर ऐसा होता तो रूस इस प्रस्ताव पर वीटो नहीं करता।''

सुलीवन ने कहा, ''आज रूस ने अमेरिका और जापान की ओर से संयुक्त रूप से प्रस्तावित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर वीटो किया। यह प्रस्ताव पृथ्वी की इर्द गिर्द की कक्षाओं में परमाणु हथियार तैनात नहीं करने की कानूनी बाध्यता की पुष्टि करता…।''

दरअसल रूस ने सभी देशों पर अंतरिक्ष में खतरनाक परमाणु हथियारों को तैनात करने की होड़ पर रोक लगाने संबंधी एक प्रस्ताव पर बुधवार को वीटो किया।

पंद्रह सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 13 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया जबकि रूस ने इसका विरोध किया और चीन नदारद रहा। रूस ने प्रस्ताव को राजनीति से प्रेरित करार देते हुए इसे खारिज कर दिया और कहा कि यह प्रस्ताव अंतरिक्ष में सभी प्रकार के हथियारों पर प्रतिबंध लगाने में उतना सक्षम नहीं है।

प्रस्ताव में सभी देशों से अंतरिक्ष में परमाणु हथियार या फिर ऐसे किसी भी हथियार को तैनात नहीं करने का आह्वान किया गया है, जो भारी तबाही का कारण बने। अंतरिक्ष में हथियारों की तैनाती 1967 की अंतरराष्ट्रीय संधि के अंतर्गत प्रतिबंधित है।

अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने मतदान के बाद कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का कहना है कि मॉस्को की अंतरिक्ष में परमाणु हथियारों को तैनात करने की मंशा बिल्कुल भी नहीं है लेकिन रूस द्वारा वीटो किया जाना यह सवाल उठाता है कि सरकार कुछ न कुछ छिपा रही है।

व्हाइट हाउस ने फरवरी में पुष्टि की थी रूस ने उपग्रह रोधी हथियार क्षमता हासिल कर ली है, हालांकि ऐसा कोई हथियार अभी तक प्रयोग में नहीं लाया गया है।

पुतिन ने बाद में घोषणा की थी कि मॉस्को का अंतरिक्ष में परमाणु हथियार तैनात करने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने दावा किया कि रूस ने केवल अमेरिका के समान अंतरिक्ष क्षमताएं विकसित की हैं।

अमेरिका ने यूक्रेन को भेजना शुरू किए हथियार, चीन और ईरान पर लगाए रूस की मदद करने के आरोप

वाशिंगटन
एक वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक ने लॉस एंजिलिस में जैन समुदाय के सदस्यों के साथ मुलाकात की। यह मुलाकात, अमेरिका और भारत के बीच संबंधों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले भारतीय अमेरिकियों के साथ संवाद के अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रयासों के तहत हुई। दक्षिण और मध्य एशिया मामलों के सहायक मंत्री डोनाल्ड लू ने दक्षिणी कैलिफोर्निया में स्थित जैन मंदिर में दर्शन किए और स्थानीय जैन समुदाय के सदस्यों से मुलाकात की।

एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि लू ने दक्षिणी कैलिफोर्निया में जैन समुदाय से सदस्यों से मुलाकात करने के बाद उनका आभार व्यक्त किया और लॉस एंजिलिस में विकास के लिए उनके योगदान को रेखांकित किया।

उन्होंने अमेरिका और भारत के बीच संबंधों को मजबूत करने में भारतीय-अमेरिकियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए कहा, ‘भारतीय-अमेरिकी भारत के साथ हमारे मजबूत संबंधों की रीढ़ हैं।’

लू ने कहा, ”दक्षिणी कैलिफोर्निया में जैन समुदाय के साथ मुलाकात करना और लॉस एंजिलिस के विकास में उनके योगदान के साथ खुद को संबद्ध करना एक अद्भुत अनुभव था।”

प्रख्यात जैन समुदाय के नेता अजय जैन भूटोरिया और जैन मंदिर के अध्यक्ष समीर शाह तथा जैन समुदाय के महेश वाढेर इस दौरान मौजूद थे।

शाह, वाढेर और मंदिर की कार्यकारी टीम ने लू को जैन धर्म, इसकी खान-पान संबंधी प्रथाओं, अहिंसा के दर्शन, भगवान महावीर के शांति, करुणा और अहिंसा के संदेश और उपवास परंपराओं के जैन तरीके के बारे में जानकारी साझा की।

भूटोरिया ने शांति, अहिंसा और करुणा को बढ़ावा देने के भगवान महावीर के संदेश के महत्व को रेखांकित करते हुए जैन मंदिर में अमेरिकी विदेश मंत्रालय की टीम के दौरे की सराहना की।

भूटोरिया ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन और विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन के कारण अमेरिका और भारत के संबंध और मजबूत हुए हैं।

उन्होंने कहा कि वे दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के साथ-साथ अमेरिकी हितों और साझा मूल्यों को बढ़ावा देने में मदद करेंगे।

 

अमेरिका ने यूक्रेन को भेजना शुरू किए हथियार, चीन और ईरान पर लगाए रूस की मदद करने के आरोप

वाशिंगटन
रूस और यूक्रेन के बीच लंबे वक्त से जारी युद्ध के बीच अमेरिका ने  यूक्रेन को हथियार और गोला बारूद भेजना प्रारंभ कर दिया साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने चीन, ईरान और उत्तर कोरिया पर रूस की मदद करने का आरोप लगाया।

बाइडन ने यूक्रेन और इजराइल को मदद देने तथा ताइवान समेत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका और उसके सहयोगियों की सुरक्षा मजबूत करने के लिए 95.3 अरब अमेरिकी डॉलर के सहायता पैकेज संबंधी विधेयक पर हस्ताक्षर किए हैं।

उन्होंने विधेयक पर हस्ताक्षर करने के बाद कहा,'' पुतिन (रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन) के मित्र उन्हें लगातार साजो सामान की आपूर्ति कर रहे हैं। ईरान ने उन्हें ड्रोन भेजे। उत्तर कोरिया ने बैलेस्टिक मिसाइल और तोप के गोले भेजे हैं, चीन रूस के रक्षा उत्पादन को बढ़ाने के लिए सामान मुहैया करा रहा है।''

बाइडन ने कहा, '' इस प्रकार का सहयोग मिलने पर रूस ने यूक्रेनी शहरों और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों को निशाना बनाते हुए हवाई हमले तेज कर दिए हैं। अपनी मातृभूमि की रक्षा कर रहे यूक्रेन के वीर जवानों पर गोला-बारूद बरसाएं हैं और अब अमेरिका यूक्रेन को युद्ध में अपनी रक्षा करने और तेज पलटवार करने के लिए आवश्यक साजो सामान की आपूर्ति करने जा रहा है।''

इसके कुछ घंटों बाद अमेरिका ने पोतों और विमानों के जरिए यूक्रेन को हवाई रक्षा सामग्री, रॉकेट प्रणाली और बख्तरबंद वाहन भेजने प्रारंभ कर दिए।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा,'' ये पैकेज न केवल यूक्रेन की रक्षा में बल्कि यूरोप की रक्षा और हमारी अपनी सुरक्षा के लिए निवेश सरीखा है।''

वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने 'फॉक्स न्यूज' को दिए एक साक्षात्कार में मदद के लिए अमेरिका का आभार व्यक्त किया है।

 

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