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बिहार-सीएम नीतीश कुमार ने वफादार साथियों से मिलाया हाथ, पुराने समीकरणों पर चुनावी वापसी की तैयारी!

पटना।

'बैक टू वेदाज', जी हां यह सूत्र वाक्य राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए इन दिनों काफी फिट बैठता है। हो यह रहा है कि इन दिनों नीतीश कुमार समता दल की यादों को ताजा कर रहे हैं। पुराने साथियों को याद तो समय-समय पर करते रहे हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब अपने पुराने साथियों की ओर से आयोजित कार्यक्रम में भी शिरकत करने लगे हैं। यह दीगर है कि वो साथी दल के कई नेताओं के कार्यक्रमों को इग्नोर भी करते रहे हैं।

आनंद मोहन के यहां पड़े नीतीश के कदम!
एक समय था जब समता दल को आधार देने वाले नेताओं में प्रभुनाथ सिंह, आनंद मोहन सिंह का एक बड़ा नाम था। बाद में इनकी राजनीति के रंग बदले और नीतीश कुमार की राजनीति का दायरा भी बढ़ा। धीरे धीरे समता दल के नेता राजनीति के अन्य रथ पर सवार हुए। राजनीति की धारा बदली। प्रभुनाथ सिंह पहले आए और अब आनंद मोहन भी। पुराने संबंध परवान चढ़ने लगे।

नीतीश ने चखा आनंद मोहन के दही चूड़ा का स्वाद
मकर संक्रांति के मौके पर दही चूड़ा का स्वाद चखने राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आनंद मोहन के दरवाजे पहुंचे। हालांकि जेडीयू सांसद लवली आनंद और राजद के बागी विधायक चेतन आनंद के सरकारी आवास पर भी मकर संक्रांति के मौके दही चूड़ा भोज का आयोजन था। सीएम नीतीश कुमार मात्र 15 मिनट तक लवली आनंद और आनंद मोहन के घर रुके। पर अपने पुराने साथी के साथ संबंधों की बेहतरी का एहसास करा गए। आनंद मोहन भी दोगुने उत्साह से इस मौके पर यह कहते नजर आए कि नीतीश कुमार पिछले 20 साल से केंद्र से लेकर बिहार की राजनीति को नचा रहे हैं और अभी भी नचा रहे हैं और आगे भी नचाएंगे। विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार ही बिहार की सत्ता में रहेंगे।

मंत्री नितिन नवीन के कार्यक्रम से दूर रहे नीतीश कुमार
हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा कार्यालय में आयोजित दही चूड़ा के भोज से खुद को अलग रखा। यहां तक कि मंत्री नितिन नवीन के यहां आयोजित दही चूड़ा के भोज से भी नीतीश कुमार ने खुद को अलग रखा।

प्रभुनाथ सिंह का पूरा परिवार जदयू में शामिल
हाल के दिनों में भी समता दल के मजबूत साथी प्रभुनाथ सिंह से नजदीकियां जगजाहिर रही। प्रभुनाथ सिंह तो लौट कर नीतीश कुमार के साथ ही नहीं आए बल्कि अपने परिवार को भी जदयू की सदस्यता ग्रहण करने के लिए मोटिवेट भी किया। इसका असर यह हुआ कि पूर्व विधायक रणधीर सिंह ने लालू यादव का साथ छोड़ कर अपने समर्थकों के साथ जदयू में शामिल हो गए। बात यही नहीं रुकी। इसके बाद बनियापुर से राजद के विधायक केदारनाथ सिंह ने जनता दल यू में शामिल होने की घोषणा भी कर दी। केदारनाथ सिंह ने कहा कि वो महाराजगंज लोकसभा से पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के छोटे भाई है। उनके बड़े भाई जहां भी रहेंगे वो उनके साथ ही राजनीति को आवाज देंगे। उन्होंने कहा- 'मेरा स्वभाव परिवार के साथ रहने का है और इसलिए साथ रहूंगा। वैसे भी नीतीश कुमार विकास के प्रयास माने जाते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सारण को बहुत कुछ दिया है और आगे भी बहुत कुछ देंगे।'

प्रभुनाथ और आनंद मोहन का मतलब
यह सब जदयू को मजबूत करने के लिए तो हो ही रहा है। इसके साथ ही इस कवायद को आगामी विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी के रूप में भी देखा जा रहा हैं। उत्तर बिहार की राजनीति में राजपूत वोटर का अपना एक अलग रुतबा है। इस ताकत का नीतीश कुमार सदुपयोग करने के लिए भी राजनीति के इस सुर का इस्तेमाल करने जा रहे हैं।

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