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नईमा खातून ने AMU की पहली महिला वीसी बन रचा 100 साल का इतिहास

अलीगढ़

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) ने प्रोफेसर नईमा खातून को कुलपति नियुक्‍त किया है। एएमयू के लिए यह ऐतिहासिक क्षण है। लगभग 100 साल में यह पहला मौका है जब एएमयू में कुलपति के पद पर किसी महिला की नियुक्ति हुई है। उनकी नियुक्ति का ऐलान सोमवार को किया गया था।

प्रोफेसर नईमा खातून का तीन दशकों से भी अधिक समय का लंबा शैक्षणिक अनुभव है। मनोविज्ञान में डॉक्टरेट करने के बाद, उन्होंने अगस्त 1988 में एएमयू में व्याख्याता के लेक्‍चरर रूप में अपना कार्यभार संभाला। पिछले कुछ वर्षों में, उन्होंने एएमयू में विभिन्न शैक्षणिक पदों को संभाला है। वह जुलाई 2014 में एएमयू महिला कॉलेज की प्रिसिंपल बनी थीं। इससे पहले वह मनोविज्ञान विभाग में असोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के रूप में काम कर चुकी थीं।

 

नैशनल यूनिवर्सिटी ऑफ रवांडा में भी पढ़ा चुकी हैं

राजनीतिक मनोविज्ञान में विशेषज्ञता के साथ, प्रोफेसर खातून दिल्ली के अध्ययन विकास केंद्र और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से पीएचडी कर चुकी हैं। उन्होंने मध्य अफ्रीका के नैशनल यूनिवर्सिटी ऑफ रवांडा में भी फैकल्टी सदस्य के रूप में काम य किया है। उन्होंने अक्टूबर 2015 से अलीगढ़ के एएमयू में सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट एंड कैरियर प्‍लानिंग के डायरेक्‍टर की भूमिका भी निभाई।

 

शिक्षा जगत में जाना माना नाम हैं

प्रोफेसर नईमा खातून शिक्षा जगत में एक जानामाना नाम रही हैं। उन्‍होंने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लिया है और दुनिया भर के संस्थानों में व्याख्यान दिए हैं। रिपोर्टों के अनुसार, मनोविज्ञान के क्षेत्र में उनका योगदान व्यापक है, उनके नाम छह पुस्तकें हैं। कई सम्मानित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में उनके शोधपत्र प्रकाशित हुए हैं।

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