Tuesday , April 30 2024
Breaking News

पालनार में केंद्रीय रिजर्व बल की तैनाती में दस साल बाद होगा मतदान, ग्रामीणों को वोटिंग की जानकारी ही नहीं

बीजापुर.

बीजापुर जिले के धुर नक्सल प्रभावित गांव पालनार में दस साल बाद मतदान होगा। यहां फोर्स की तैनाती के बाद यह मुमकिन हो पाया है। वहीं दूसरी तरफ खास बात यह है कि चुनाव को महज 4 दिन शेष रह गए हैं और वोटर्स को मतदान की तारीख तक नहीं पता है। प्रदेश की 11 में से एक बस्तर लोकसभा सीट पर 19 अप्रैल को होने जा रहे मतदान में बीजापुर के पालनार गांव में भी इस बार वोटिंग होगी।

पालनार के अलावा पांच और मतदान केंद्र हैं, जहां लंबे अंतराल के बाद लोकसभा चुनाव के लिए मतदान की तैयारी है। लेकिन इन इलाकों में न ही मतदान को लेकर चर्चा है और ना ही मतदाताओं को तारीख की जानकारी। एक ओर जिला मुख्यालय में मतदाता जागरूकता के नाम पर प्रशासन स्वीप कार्यक्रम के तहत् रैली-नुक्कड़ सभाओं के अलावा पाम्पलेट-पोस्टर के जरिए प्रचार-प्रसार भरपूर कर रहा है. इसके उलट जिला मुख्यालय से लगभग 30 किमी दूर पालनार गांव. जहां 2013 विधानसभा चुनाव के बाद वोटिंग नहीं हो रही थी. अब 2024 लोकसभा चुनाव में यहां मतदान होना है, यहां के वोटरों मे मतदान पर्ची का वितरण तो दूर मतदाताओं को चुनाव की तारीख तक नहीं मालूम। पक्की सड़क के सहारे पहले चेरपाल फिर कच्ची सड़क से होकर पालनार गांव पहुंचा जा सकता है. सलवा जुडूम के दौर में दूसरे गांवों की तरह यह गांव भी वीरान हो गया था। सलवा जुडूम के दौर में नक्सलियों के भय से लोग पलायन कर गए थे. हालात अब कुछ संभले से नजर आ रहे हैं. गांव अब फिर से बस रहा है. कच्ची सड़क के दोनों ओर थोड़ी थोड़ी दूरी ग्रामीणों के मकान नजर आते हैं। गांव में आंगनबाड़ी के अलावा स्कूल की पक्की इमारत भी बन चुकी है। गांव की चौकसी कर रहे केंद्रीय रिजर्व बल के जवानों ने बताया कि 19 अप्रैल को इसी इमारत में ही वोटिंग होगी। स्कूल के ठीक सामने दो से तीन मकान हैं. ठीक एक मकान के सामने चारपाई पर एक शख्स बैठा मिला, जो टीबी की बीमारी से ग्रसित था, इनसे बातचीत के साथ कुछ महिलाएं और एक युवा से भी बातचीत हुई जो गुजर-बसर के लिए प्रायः बीजापुर में रहता है। कुछ ने बताया कि उनके पास मतदाता परिचय पत्र नहीं है, लेकिन आधार और राशन कार्ड है, पूछने पर कि गांव में वोटिंग होने वाली है इसकी जानकारी है ग्रामीण निरूत्तर थे। वैसे तो पालनार गांव कल तक माओवादियों के प्रभाव में था। लेकिन कुछ माह पूर्व ही यहां केंद्रीय रिजर्व बल की एक टुकड़ी को तैनात किया गया है। कैम्प स्थापित होने के बाद हालात में धीरे-धीरे बदलाव नजर आ रहा है और सुरक्षा के मद्देनजर ही एक दशक बाद यहां मतदान की तैयारी है। लेकिन सवाल यही कि जब मतदाताओं को तारीख ही नहीं मालूम तो मतदान कौन करेगा?

महिला वोटर्स ज्यादा-
2014 में पालनार मतदान केंद्र चेरपाल में शिफ्ट हुआ. 2018 विधानसभा, 2019 लोकसभा और 2023 विधानसभा चुनाव चेरपाल से ही संपन्न हुआ. पोलिंग बूथ पर मतदाताओं की कुल संख्या 611 है, इनमें 260 पुरूष और 351 महिला वोटर्स है।

क्या कहते हैं अधिकारी-
2013 के बाद पालनार में इस बार मतदान होगा मतदाताओं से संपर्क स्थापित करने जरूरी प्रक्रिया के निष्पादन के लिए सेक्टर प्रभारी तैनात हैं। ग्रामीण अगर अनभिज्ञता जाहिर कर रहे हैं तो तत्काल संज्ञान में लिया जा रहा है।
– नारायण गवेल, उप जिला निर्वाचन अधिकारी।

About rishi pandit

Check Also

कांग्रेस का घोषणा पत्र धोखा पत्र,तुष्टिकरण पत्र,अपराधियों को संरक्षण देने वाला : शिवरतन

रायपुर कांग्रेस द्वारा अपने घोषणा पत्र में सरकारी ठेकों में अल्पसंख्यकों को प्राथमिकता देने की …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *