दमोह,भास्कर हिंदी न्यूज़/ दमोह के कुंडलपुर में आयोजित होने जा रहे आचार्य पदारोहण महोत्सव में शामिल होने के लिए मुनि निर्दोष सागर महाराज 2200 किमी का सफर ट्राइसिकल से तय करते हुए कुंडलपुर पहुंचे हैं। जैन सिद्ध क्षेत्र कुंडलपुर मंदिर में 16 अप्रैल को आचार्य पदारोहण महोत्सव शुरू होगा। इसमें शामिल होने दूर-दूर से मुनि संघ और आर्यिका संघ पहुंच रहे हैं।
2200 किमी दूर कर्नाटक के तीर्थ क्षेत्र श्रवणबेलगोला से मुनि आदि सागर महाराज और निर्दोष सागर महाराज विहार करते हुए दमोह पहुंचे। यहां से दोपहर बाद वे कुंडलपुर के लिए निकल पड़े। इनमें से मुनि निर्दोष सागर महाराज लकवा ग्रस्त हैं और उन्हें ट्राइसिकल का सहारा दिया गया है। मुनिश्री आदि सागर महाराज ने एक दिन में 52 किमी का पैदल विहार किया है। वे बीना बारहा से बांसा तक एक दिन में पहुंचे। उनकी मुनिश्री दीक्षा 2021 में हुई थी। इसी तरह निर्दोष सागर महाराज की मुनिदीक्षा 2021 में 12 फरवरी को हुई थी। दोनों मुनियों ने 18 जनवरी से विहार प्रारंभ कर दिया था। उन्होंने बताया कि वे आचार्य वर्धमान सागर दक्षिण के शिष्य हैं। उनके आचार्यश्री भी आचार्य विद्यासागर महाराज के गुरु के शिष्य थे।
दमोह में संतों का समागम
दमोह जिले के प्रमुख जैन तीर्थ क्षेत्र कुंडलपुर में इस समय संतो का समागम हो रहा है। सैकड़ों की संख्या में आचार्य, मुनि, ऐलक, क्षुल्लक, दीदी, माताएं पहुंच रही हैं। देश भर से यहां संतों का आना लगातार जारी है। मौका है आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के प्रथम शिष्य समय सागर महाराज के आचार्य पद पदारोहण का। 16 अप्रैल को आयोजित होने वाले इस धार्मिक उत्सव में शामिल होने के लिए देशभर से लाखों लोगों के यहां पहुंचने की संभावना है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग कुंडलपुर पहुंच रहे हैं। मंदिर ट्रस्ट कमेटी ने कई तरह के इंतजाम किए हैं ताकि यहां आने वाले भक्तों को किसी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े।