उमरिया, भास्कर हिंदी न्यूज़/ प्रदेश में बिजली उत्पादन में सबसे अहम योगदान देने वाले संजय गांधी ताप विद्युत परियोजना के सेंसटिव माने जाने वाले जलाशय की सुरक्षा के साथ खिलावाड़ का मामला सामने आया है। सुरक्षा में लगे अधिकारियों पर ही खिलावाड़ करने का आरोप है। एक्सक्लूसिव वीडियो में सुरक्षा अधिकारी अपने शासकीय वाहन में बैठकर डैम के वाल से होकर जाने वाले मार्ग में कबाड़ से भरे ओवरलोड ट्रक पार कराते हुए नजर आ रहे हैं।
इस पूरे मामले में सबसे खास बात ये है कि सुरक्षा अधिकारी के अधीनस्थ काम करने वाले सुरक्षा श्रमिकों ने इसका विरोध किया तो सुरक्षा अधिकारी राकेश कुमार भार्गव श्रमिकों को प्रताड़ित करने लगे। नरेंद्र सिंह नामक श्रमिक को निलंबित कर दिया गया। इसके अलावा कइयों को नोटिस जारी कर स्थानांतरण की धमकी भी दी है। पीड़ित सुरक्षा श्रमिकों ने उमरिया कलेक्टर को पत्र सौंपकर सुरक्षा अधिकारी की करतूत के विरुद्ध जांच और कार्रवाई की मांग की है। सुरक्षा अधिकारी के ऊपर प्लांट से निकलने वाले वाहनों से अवैध वसूली का भी आरोप श्रमिकों ने लगाया है। श्रमिकों ने बताया कि वाहनों से 10 रुपये की जबरिया वसूली कराई जाती है, जो रोजाना सुरक्षा अधिकारी की जेब में जाते हैं।
क्यों सेंसेटिव है डैम का वाल
संजय गांधी थर्मल पावर परियोजना से बिजली उत्पादन के लिए संयंत्र के समीप से बहने वाली जोहीला नदी में एक विशाल डैम का निर्माण कराया गया है। इस संयंत्र में 1340 मेगावाट थर्मल बिजली और 20 मेगावाट वाल के नीचे स्थापित संयंत्र से हाईड्रल बिजली का उत्पादन होता है। कलेक्टर उमरिया द्वारा डैम वाल के ऊपर बने आम रास्ते में वाल की सुरक्षा को देखते हुए भारी वाहन का आवागमन प्रतिबंधित किया गया, ताकि वाल को कोई खतरा न हो।
बता दें इसी जलाशय से नहर के जरिए थर्मल पावर स्टेशन में पानी ले जाया जाता है, जो बॉयलर में जाता है और उससे स्टीम(बनाकर) प्रेशर से टरबाइन चलाई जाती है। इसी से 1340 मेगावाट की परियोजना सतत चलती है। भारी वाहनों के आवागमन से वाल को खतरा अर्थात डैम के फूटने का खतरा है। बावजूद इसके सुरक्षा अधिकारी लगातार अपनी मौजूदगी में नियम विरुद्ध भारी वाहनों का आवागमन करा रहे हैं।
सेवानिवृत सैनिक हो रहे परेशान
संजय गांधी ताप विद्युत परियोजना की सुरक्षा में 100 से अधिक सुरक्षा कर्मी तैनात हैं, जिसमे 80 से ज्यादा देश की सेवा करने वाले सेवानिवृत सेना के जवान कार्यरत हैं। सेना में सेवा के दौरान उन्हें जो ईमानदारी और अनुशासन का पाठ पढ़ाया जाता है उसे सैनिक जीवन भर अपनी दिनचर्या में लागू करता है और यही वजह है कि परियोजना में सेवा के दौरान जब सुरक्षा अधिकारी उनसे भ्रष्टाचार और नियम विरुद्ध कार्य करने का आदेश देता है तो वो करने से मना कर देते हैं और सुरक्षा अधिकारी उन्हें लगातार प्रताड़ित कर रहा है।