Friday , June 14 2024
Breaking News

RGHS में पैसा कटवाने के बाद भी कर्मचारी परेशान, इलाज से लेकर दवा तक के लिए दर-दर भटक रहे

जयपुर.

पिछली गहलोत सरकार में लागू की गई RGHS योजना को नई भजनलाल सरकार ने भी जारी रखा, क्योंकि मामला स्वास्थ्य से जुड़ा था। लेकिन अफसरों की मनमर्जी से योजना बंद होने की स्थिति में है। हालत यह है कि केमिस्ट बकाया बिलों के भुगतान का हवाला देकर कर्मचारियों को दवा नहीं दे रहे और अस्पताल आधा-अधूरा इलाज कर टरका रहे हैं। राजस्थान के 8 लाख से ज्यादा कर्मचारी और करीब 4 लाख पेंशनर्स इस योजना से जुड़े हुए हैं।

जानकारी के मुताबिक RGHS में करीब 3 महीने से ज्यादा समय के बिलों की पेंडेंसी चल रही है। केमिस्ट एसोसिएशन इसके विरोध में फरवरी में 2 दिन दवा सप्लाई बंद कर दी थी। राजस्थान में RGHS के तहत 3500 दुकानें पंजीकृत हैं, लेकिन समय पर भुगतान नहीं होने से ज्यादातर केमिस्ट अब इस योजना में दवा सप्लाई नहीं कर रहे हैं। इस संबंध में एसएमएस अस्पताल और इसके आसपास के केमिस्टों ने तो RGHS के बोर्ड अपनी दुकानों से हटा लिए। योजना में 21 दिन में केमिस्ट को भुगतान किए जाने का प्रावधान रखा गया था, लेकिन इसमें महीनों का समय लग रहा है। योजना से जुड़े अफसर न तो इसमें फर्जी बिलों के भुगतान रोक पाए और न ही जरूरत मंद कर्मचारियों के लिए योजना सही ढंग से चला पा रहे हैं। लेकिन जरूरतमंद कर्मचारी पूछ रहे हैं कि इसमें उनका क्या दोष है? समय पर सरकार योजना का पैसा उनके वेतन से काट रही है तो समय पर दवा और इलाज क्यों नहीं दिया जा रहा?

बिलों के भुगतान में देरी के लिए कौन जिम्मेदार
योजना में मुख्यत: एसआईपीएफ/ आरएसएचए एवं वित्त विभाग( मार्गोपाय) विभाग आते हैं। इसमें एसआईपीएफ/ आरएसएचए विभाग बिल वेरिफाइ करके वित्त विभाग( मार्गोपाय) विभाग को भेजते हैं। देखने में आया है कि पहले बिल प्रेशित करने में ही समय लग जाता है इससे बाद वित्त विभाग( मार्गोपाय) के अफसर भुगतान रोक कर बैठ जाते हैं। सरकार में एक रुपए से 3 लाख करोड़ रुपए तक के भुगतान की प्रणाली नियम विरूद्ध जाकर सेंट्रलाइज कर रखी है। एक व्यक्ति ने  भुगतान के सारे अधिकार ले रखे हैं, जिससे विवाद लगातार बढ़ते जा रहे हैं। भुगतान प्रणाली सेंट्रलाइज होने के बाद फर्जी भुगातन, दौहरे भुगतान, अधिक भुगतान, मृतकों के खाते में भुगतान जैसे मामले लगातार सामने आ रहे हैं। दूसरी तरफ जहां कर्मचारियों को जरूरत है वहां भुगतान करने में मनमर्जी चलाई जा रही है। आरोप यह भी लगाए जाते हैं कि बिलों के भुगतान के लिए वित्त विभाग के चक्कर नहीं लगाओ तब तक पैसा खाते में नहीं आते।

इनका कहना है
RGHS को लेकर कर्मचारियों में भारी नाराजगी है। कर्मचारी अपना पैसा कटवा रहा है लेकिन इसके बाद भी इलाज और दवा के लिए उसे भटकना पड़ रहा है।
– सीताराम जाट- अध्यक्ष, सचिवालय कर्मचारी संघ

कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। पैसा कटवाने के बाद भी न तो उसे समय पर दवा मिल पा रही है और न ही अस्पतालों में इलाज। जब कर्मचारी के खाते से समय पर पैसा कट जाता है तो बिलों के भुगतान के विवाद का नुकसान कर्मचारी को अपनी सेहत से क्यूं उठाना पड़ रहा है।
– मनोज सक्सेना, प्रदेशाध्यक्ष, राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ

About rishi pandit

Check Also

अयोध्या के नवनिर्मित राम मंदिर को उड़ाने की एक बार फिर धमकी मिली, जैश-ए-मोहम्मद का ऑडियो वायरल

अयोध्या अयोध्या के नवनिर्मित राम मंदिर को उड़ाने की एक बार फिर धमकी मिली है। …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *