ढाका
लोकसभा चुनाव खत्म होते ही बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत की पहली हाई-प्रोफाइल यात्रा पर आ सकती हैं। बांग्लादेश के विदेश मंत्री हसन महमूद ने इस तरह के संकेत दिए हैं। हसीना का यह दौरा भारत में नई सरकार के गठन के कुछ दिनों बाद जून में संभव है। यह स्थिति दोनों देशों के बीच मजबूत रिश्ते को दर्शाती है। शेख हसीना ने 7 जनवरी को राष्ट्रीय चुनाव में लगातार चौथी बार जीत दर्ज की थी। इसके बाद यह उनकी भारत की पहली यात्रा होगी। जानकारों का कहना है कि भारत और बांग्लादेश संबंध के लगातार मजबूत हुए हैं और हसीना की यह प्रस्तावित यात्रा इसे नई गति दे सकती है। साथ ही इससे पड़ोसी देशों को बड़ा संदेश जाएगा।
पूर्व विदेश सचिव और बांग्लादेश में दूत हर्षवर्धन श्रृंगला ने दोनों देशों के बीच रिश्ते को लेकर कई बातें साझा कीं। इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक उन्होंने बताया, 'सीमा, सुरक्षा और आवाजाही जैसे मुद्दों को बड़े पैमाने पर निपटाया गया है। अब दोनों देशों के रिश्ते में पहली बार स्थिरता आई है। प्रधानमंत्रियों नरेंद्र मोदी और शेख हसीना की लीडरशिप में इसे निश्चित आकार दिया है। दोनों पक्षों के लिए मौजूदा सहयोग को व्यापक बनाकर और नई पहल शुरू करना अहम होगा।' ध्यान रहे कि चीन ने बांग्लादेश में कुछ प्रोजेक्ट्स के लिए फंड दिए हैं। हालांकि, बांग्लादेश ने खुद को श्रीलंका और मालदीव की तरह चीनी कर्ज में डूबने से रोका है। इस बीच भारत, बांग्लादेश और जापान के बीच एक त्रिपक्षीय समूह भी उभरा है। नेपाल और बांग्लादेश भारतीय क्षेत्र से बिजली व्यापार में शामिल होने की योजना बना रहे हैं।
भारत-बांग्लादेश संबंध बहुत अच्छे: एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि चीन और पाकिस्तान को छोड़कर सभी पड़ोसियों के साथ भारत के संबंधों में पहले की तुलना में काफी सुधार हुआ है। मंत्री ने इस बात को खारिज किया कि एक दशक पहले की तुलना में अब ऐसे पड़ोसियों की संख्या अधिक है जो भारत के प्रति मित्रवत नहीं हैं। विदेश मंत्री ने कहा, ‘कृपया बांग्लादेश जाएं और लोगों से पूछें कि वे क्या सोचते हैं। कृपया श्रीलंका में पूछें। उनके गंभीर आर्थिक संकट के दौरान कौन उनके साथ खड़ा था? उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के साथ भारत के रिश्ते बहुत मजबूत हैं और ये हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। बांग्लादेश में विपक्षी ताकतों की ओर से भारत विरोधी प्रदर्शन किए जाने को लेकर उनसे सवाल पूछा गया। इसके जवाब में जयशंकर ने कहा, 'मैं केवल यह कह सकता हूं कि भारत-बांग्लादेश संबंध बहुत अच्छे हैं, बहुत मजबूत हैं। जब मैं भारत-बांग्लादेश संबंधों को देखता हूं, तो मैं पूरी तरह आश्वस्त होता हूं कि हर क्षेत्र में संबंध मजबूत हो रहे हैं। इसलिए, वहां के बारे में मेरा दृष्टिकोण सकारात्मक है, बहुत सकारात्मक आकलन है।'