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Transparency International: भारत में भ्रष्टाचार में आंशिक कमी, 80वें से 86वें नंबर पर आई रैंकिंग

Transparency International:digi desk/BHN/ भ्रष्टाचार के खिलाफ केंद्र सरकार के प्रयास अब असर दिखा रहे हैं। इसका असर अब ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट में दिखाई देने लगा है। मिली जानकारी के मुताबिक ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की करप्शन परसेप्शन इंडेक्स रिपोर्ट जारी कर दी है। इसमें भारत की रैंकिंग में सुधार हुआ है। इंडेक्स में भारत में भ्रष्टाचार में कमी आई है और सबसे कम भ्रष्टाचार के मामले में इस साल न्यूजीलैंड और डेनमार्क टॉप देशों में शामिल है। करप्शन परसेप्शन इंडेक्स (CPI) में भारत 6 पायदान फिसलकर 86वें नंबर पर आ चुका है, जो एक सकारात्मक संदेश है। गौरतलब है कि साल 2019 में जारी हुई रैंकिंग में भारत 80वें स्थान पर था, रिपोर्ट के मुताबिक भारत अब भी भ्रष्टाचार इंडेक्स में काफी पीछे है।

जानिए क्या है करप्शन परसेप्शन इंडेक्स

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल हर वर्ष करप्शन परसेप्शन इंडेक्स रिपोर्ट जारी करता है। इस करप्शन परसेप्शन इंडेक्स रिपोर्ट में 180 देशों में सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार के स्तर को आधार बनाकर रैंकिंग तैयार की जाती है। रिपोर्ट में 0 से लेकर 100 तक की रैंकिंग दी जाती है। शून्य स्कोर वाला देश सबसे अधिक भ्रष्ट माना जाता है और 100 स्कोर वाला देश सबसे कम भ्रष्टाचार वाला देश माना जाता है। भारत का स्कोर 40 है और वह 180 देशों में 86वें स्थान पर है। बीते साल 2019 में भारत का स्कोर 41 था और वह 80वें स्थान पर था। वहीं रैंकिंग में चीन 78वें स्थान पर, पाकिस्तान 124वें और नेपाल 117वें स्थान पर है।

इन दो देशों में सबसे कम भ्रष्टाचार

रिपोर्ट के मुताबिक सबसे कम भ्रष्टाचार इस साल न्यूजीलैंड और डेनमार्क जैसे देशों में रहा। दोनों ही देशों को 100 में से 88 अंक मिले हैं। इन दोनों देशों के बाद सिंगापुर, स्विट्जरलैंड, फिनलैंड और स्वीडन ने 85 अंक प्राप्त किए हैं। साथ ही नॉर्वे को 84, नीदरलैंड्स को 82, जर्मनी और लक्जेमबर्ग को 80 अंक मिले हैं। ये सारे देश टॉप 10 में शामिल हैं। इंडेक्स रिपोर्ट के मुताबिक सोमालिया और दक्षिण सूडान में भ्रष्टाचार की स्थिति बेहद खराब है। इन दोनों देशों को केवल 12 अंकों के साथ सबसे नीचे 179वें स्थान मिला है।

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