- थाने पहुंचे तो मंत्री का बेटा भी पहुंच गया और धमकाने लगा
- दंपती ने कहा कि किसी तरह हमें मेडिकल के लिए भेजा गया
- मंत्री का बेटा पुलिसवालों के साथ भी झूमाझटकी करने लगा था
Madhya pradesh bhopal bhopal news restaurant operator couple scared of ministers son hooliganism: digi desk/BHN/भोपाल/ रंगपंचमी (शनिवार) की रात करीब सवा आठ बजे शाहपुरा थाना इलाके में त्रिलंगा स्थित अम्मा-बाबूजी रेस्टोरेंट में लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल के बेटे अभिज्ञान और उसके साथियों द्वारा मचाए उत्पात से रेस्टोरेंट संचालक डेनिस मार्टिन (33) और उनकी पत्नी अलीशा सक्सेना (31) डरे हुए हैं। सोमवार को नवदुनिया से बात करते अनीशा फूट-फूटकर रोने लगीं। उनका कहना है कि अब कारोबार चलाना मुश्किल हो जाएगा। रेस्टोरेंट के पीछे ही मंत्री का घर है। उस रात सिर्फ मारपीट करने से रोकने पर ही उन्होंने मेरे पति का सिर फोड़ दिया।
मंत्री के बेटे को पावर का इतना नशा था कि वह जानवर बन गया था। हम रेस्टोरेंट में काम कर रहे थे, तभी देखा एक युवक को दो-तीन लोग बुरी तरह पीट रहे हैं। मुझसे रहा नहीं गया तो दुकान के अंदर से ही उन्हें मारपीट न करने को कहा तो उधर से कहा गया कि तुम्हें भी उठाकर फेंक दूंगा… जानती नहीं हो, मैं मंत्री का बेटा हूं।
डेनिस मार्टिन उर्फ सोनू ने बताया कि जब हम थाने पहुंचे तो मंत्री का बेटा भी पहुंच गया और हमें धमकाने लगा, पुलिसवालों के साथ भी झूमाझटकी करने लगा। थोड़ी देर में सैकड़ों लोग जमा हो गए। पुलिस ने बचाने के लिए मुझे मेरी पत्नी के साथ कार में और हमारे कुक को टेबल के नीचे छिपा दिया। किसी तरह हमें मेडिकल के लिए भेजा गया।
अलीशा ने बताया कि पुलिस ने पति के सिर में गंभीर चोट लगने के बाद भी हत्या के प्रयास की एफआइआर दर्ज नहीं की। आरोपितों ने मेरे साथ अभद्रता, छेड़खानी, मारपीट की, लेकिन एफआइआर मामूली धाराओं में दर्ज की गई। उधर, मीडियाकर्मी विवेक सिंह (जिनसे मंत्री के बेटे का विवाद हुआ था) ने बताया कि पुलिस उनकी एफआइआर करना नहीं चाह रही है।
मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी नहीं, पुलिस दे रही है नोटिस
अब तक मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी नहीं होने के बारे में भोपाल पुलिस उपायुक्त प्रियंका शुक्ला का कहना था कि जिन धाराओं में एफआइआर दर्ज की गई है, उनमें गिरफ्तारी का नोटिस दिया जा रहा है। जब यह पूछा गया कि दंपती की शिकायत पर हत्या के प्रयास और छेड़खानी की धाराएं क्यों नहीं लगाई गईं तो उनका कहना था कि एफआइआर कराते समय उन्होंने छेड़खानी जैसी बात नहीं बताई थी, हत्या के प्रयास की धाराओं के लिए फिर चिकित्सक की सलाह मांगी गई है।
मीडियाकर्मी की शिकायत पर अलग से एफआइआर दर्ज नहीं करने के बारे में उन्होंने कहा कि घटना की शुरुआत जहां से हो रही है, उस पर दंपती की एफआइआर में उनकी शिकायत शामिल कर ली गई है। उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले में लापरवाही के आरोप में शाहपुरा थाने के एसआइ जयसिंह, एएसआइ कन्हैयालाल, आरक्षक आशीष त्यागी एवं नरेश गुर्जर को निलंबित कर दिया है। उनके खिलाफ जांच भी चल रही है।