विंध्य जनता पार्टी को छोड़कर प्रदेश अध्यक्ष से ली भोपाल में सदस्यता
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ विंध्य जनता पार्टी (वीजेपी) से मैहर का विधानसभा चुनाव लडऩे वाले चार बार विधायक रह चुके नारायण त्रिपाठी ने अंतत: बीएसपी ज्वाइन कर ली। कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के बीच अचानक नारायण त्रिपाठी भोपाल में आयोजित कार्यक्रम के दौरान बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष से पार्टी की सदस्यता प्राप्त की। सुबह नारायण त्रिपाठी ने बीएसपी की सदस्यता ली और शाम को उन्हें सतना लोकसभा का प्रत्याशी घोषित कर दिया गया। ऐसे में लोकसभा सीट सतना में त्रिकोणीय मुकावले की भरपूर संभावना है।
नारायण त्रिपाठी ने मैहर को जिला और विंध्य को अलग प्रदेश बनाने की मांग को लेकर 2023 के चुनाव के दौरान बीजेपी से बागी हुए थे। भाजपा से टिकट कटने के बाद नारायण त्रिपाठी ने वीजेपी से चुनाव लडऩे का ऐलान किया था। श्री त्रिपाठी नई पार्टी बनाने के बाद वह प्रदर्शन नहीं कर सके थे। 2023 के पहले तक हुए चुनाव में उनके नाम एक रिकार्ड यह भी था कि वे जिस दल से भी विधानसभा चुनाव लड़े और विजय अर्जित की। हालांकि यह सिलसिला 2023 के विधानसभा में टूट गया। उन्हें चौथा स्थान ही मिल पाया।
दूसरी बार लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे
बीएसपी ने टिकटों की घोषणा नहीं की है। विंध्य की दो सीटों पर अभी प्रत्याशी तय हुए हैं। सतना से बीएसपी ने नारायण त्रिपाठी को प्रत्याशी घोषित किया। इससे पहले सपा की टिकट पर वर्ष 2004 में चुनाव लड़े थे। तब उन्हें 50841 वोट मिले थे। सपा सतना में चौथे स्थान पर थी। इस चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी गणेश सिंह थे जिन्हें 239706 वोट मिले थे। एक बार फिर लोकसभा में इनका आमना-सामना होगा।
चार बार बने विधायक
नारायण त्रिपाठी मैहर विधानसभा सीट से चार बार विधायक चुने गए। वर्ष 2004 में उन्होंने सपा की टिकट पर चुनाव लड़ा और विधायक बने। इसके बाद उन्होंने सपा से नाता तोड़ कर कांग्रेस ज्वाइन कर ली। वर्ष 2013 में कांग्रेस की टिकट प्राप्त कर मैहर से चुनाव लड़े और विधायक बने। उन दिनों मैहर के विकास का एजेंडा लेकर वे लोकसभा चुनाव के दौरान नाटकीय अंदाज में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए। नारायण के इस कदम के बाद मैहर सीट में वर्ष 2016 में उप चुनाव हुआ जिसमें नारायण त्रिपाठी ने एक तरफा जीत दर्ज की। वहीं 2018 के विधानसभा चुनाव में भी उन्हें भाजपा ने प्रत्याशी बनाया और जीत दर्ज की। 2023 में बीजेपी से बागी होकर अपनी नई पार्टी बनाई लेकिन कोई बड़ा कमाल नहीं कर पाए।