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मंत्री नेताम ने दिया उचित कार्यवाही करने का आश्वासन

रायपुर

छत्तीसगढ़ चेम्बर आॅफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी,विक्रम सिंहदेव, राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल ने बताया कि चेंबर अध्यक्ष अमर परवानी के नेतृत्व में प्रदेश कृषि मंत्री राम विचार नेताम से चेंबर प्रतिनिधि मंडल मिला जहां कृषि उपज धान आधारित खाद्य प्रसंस्करण पोहा उद्योगों को राहत देने तथा गेहूं और दलहन में लगने वाले मंडी एवं कृषक कल्याण शुल्क में छूट देने ज्ञापन सौंपा।

चेंबर प्रदेश अध्यक्ष श्री अमर परवानी ने बताया कि आज प्रदेश कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम से चेंबर प्रतिनिधि मंडल ने उनसे मुलाकात कर शासन द्वारा कृषकों से 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी करने पर उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया एवं कृषि उपज धान आधारित खाद्य प्रसंस्करण पोहा उद्योगों को राहत देने तथा गेहूं और दलहन में लगने वाले मंडी एवं कृषक कल्याण शुल्क में छूट देने ज्ञापन सौंपा। पारवानी ने बताया कि धान आधारित पोहा प्रसंस्करण उद्योगों पर पहले 100 पर 1 की दर से मंडी शुल्क वसूला जाता था परंतु वर्तमान में जारी नवीन अधिसूचना के अंतर्गत विनिर्माण में उपयोग में ले जाने के पश्चात 100 पर मंडी शुल्क 1.5: एवं 0.5: कृषक कल्याण शुल्क लागू किया गया है जिससे कृषि आधारित पोहा प्रसंस्करण उद्योगों पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है।

परवानी ने कहा कि प्रदेश में कृषि उपज धान पर आधारित लगभग 250 खाद्य प्रसंस्करण की पोहा उद्योग की लघु इकाइयाँ स्थापित हैं जिसमें लगभग 25000-30000 लोगों को प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त होता है और विशेष रूप से शत-प्रतिशत स्थानीय श्रमिकों को ही रोजगार प्रदान किया जाता है। इन उद्योगों के उत्पादन का लगभग 90: भाग अन्य राज्यों को निर्यात किया जाता है। वर्तमान स्थिति में प्रतिस्पर्धी राज्यों मध्यप्रदेश, गुजरात, बिहार एवं महाराष्ट्र आदि राज्यों में शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी नहीं की जाती, अत: वहां के पोहा उद्योगों को काफी सस्ती दरों पर धान उपलब्ध हो जाता है और वर्तमान में तो दरों में काफी ज्यादा अंतर हो गया है। इसके चलते प्रदेश में पोहा एवं मुरमुरा उद्योग अन्य राज्यों के मुकाबले प्रतिस्पर्धा में पिछड़ गए हैं तथा छत्तीसगढ़ में लगभग 50-60 इकाइयाँ बंद हो गई हैं और बची शेष इकाइयां भी संकट के दौर से गुजर रही हैं । जिसका उद्योग एवं रोजगार के क्षेत्र में काफी विपरीत प्रभाव देखने को मिल रहा है तथा इस नए आदेश के लागू होने से प्रदेश के कृषि आधारित खाद्य प्रसंस्करण  उद्योग गंभीर संकट में आ जायेंगे क्योंकि लगने वाले  अतिरिक्त शुल्क से उद्योग व्यापार में प्रतिस्पर्धा से बाहर हो जायेंगे तथा शेष बचे उद्योग बंद होने की कगार पर आ जायेंगे जिससे प्रदेश के आर्थिक विकास की गति में भी विपरित प्रभाव पड़ेगा।

पारवानी ने यह भी बताया कि विगत कई वर्षों से मंडी शुल्क एवं कृषक कल्याण शुल्क में छूट प्रदान की जाती रही है इससे प्रदेश के व्यवसायी पड़ोसी राज्यों से प्रतिस्पर्धी दरों पर व्यापार कर पाते हैं। विगत वर्ष भी छूट प्रदान की गई थी जो वर्तमान में मार्च 2023 को समाप्त हुई है। उन्होंने मंत्री से अनुरोध किया कि पदेश के आर्थिक विकास को गति देने हेतु इस नए आदेश को निरस्त करते हुए, नया संशोधित आदेश जारी कर,पोहा एवं दाल प्रसंस्करण हेतु उपयोग किये जाने वाले धान एवं दलहन पर मंडी-टैक्स एवं कृषक कल्याण शुल्क की सभी नए एवं पूर्व स्थापित पोहा एवं दाल उद्योगों को पूर्णत: छूट प्रदान की जाये। कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम ने उक्त समस्याओं विचार कर सकारात्मक रूख अपनाते हुए उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।  

इस अवसर पर चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, कार्यकारी अध्यक्ष राम मंधान, मंत्री जवाहर थौरानी, छत्तीसगढ़ पोहा मुरमुरा उत्पादक संघ के अध्यक्ष कमलेश कुकरेजा, रायपुर दाल मिल एसोसियेशन के अध्यक्ष संजीत गोयल, सचिव नानक तनवानी, रमेश अग्रवाल, रविन्द्र तिवारी आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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