- दो सीआईएसएफ कांस्टेबल परिवारों का मामला
- पेट दर्द के बाद आधी रात को पड़ोसी से मांगा था नींबू
- 6 साल की बच्ची के साथ घर में अकेली थी महिला
National lemon story it is wrong to ask for lemon at midnight bombay high court gave this punishment to the neighbor: digi desk/BHN/मुंबई/ पड़ोसी धर्म निभाना एक बात है, लेकिन कोई पड़ोसी बेवक्त दरवाजा खटखटाए, तो क्या किया जाए? मुंबई में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। विवाद हाई कोर्ट तक पहुंचा, जहां आधी रात को नींबू मांगने के लिए दरवाजा खटखटाने के लिए पड़ोसी को अर्थदंड की सजा सुनाई गई है।
किस्सा नींबू का, जानिए आखिर किया हुआ था
यह विवाद सीआईएसएफ में सेवाएं दे रहे दो परिवारों का है। 19 अप्रैल 2021 को सीआईएसएफ कांस्टेबल अरविंद कुमार ने अपने साथी कांस्टेबल के फ्लैट का दरवाजा आधी रात को खटखटाया।
अरविंद को पता था कि सामने वाले फ्लैट में महिला अपनी छह साल की बेटी के साथ अकेली है और उसका पति चुनाव ड्यूटी में गया है। अरविंद कुमार को देखकर महिला बुरी तरह डर जाती है और उसे डांट कर भगा देती है।
इतना ही नहीं, महिला ने अपने पति की मदद से सीआईएसएफ के आला अधिकारियों से अरविंद कुमार की शिकायत की। डिपार्टमेंटल इंक्वायरी हुई और अरविंद कुमार को दोषी पाया गया।
सजा के तौर पर अरविंद कुमार की तीन साल के लिए सैलरी में कटौती कर दी गई और उसका इंक्रीमेंट भी रोक दिया गया। अपने डिपार्टमेंट के इस फैसले के खिलाफ अरविंद कुमार ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
हाई कोर्ट से भी नहीं मिली राहत
अब हाई कोर्ट ने भी माना कि अरविंद कुमार का बेवक्त पड़ोसी का दरवाजा खटखटाना बेतुका था। अरविंद कुमार की यह दलील भी हाई कोर्ट ने खारिज कर दी कि घटना के वक्त वह ड्यूटी पर नहीं था।
अरविंद कुमार ने कोर्ट बताया कि उसके पेट में दर्द हो रहा था, इस कारण वह नींबू मांगने गया था। कोर्ट ने यह तर्क भी खारिज कर दिया और डिपार्टमेंट द्वारा लगाई गई पेनाल्टी बहाल रखी।