फैक्ट्री प्रबंधन ने नहीं सुनी बात तो विधायक के साथ पहुंचे कलेक्ट्रेट



सतना,भास्कर हिंदी न्यूज़/ भिलाई जेपी सीमेंट प्लांट बाबूपुर में तैनात एक कमज़्चारी ने वेतन नहीं मिलने पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना के बाद प्लांट कर्मचारी के परिजनों में आक्रोश भड़क गया और वे गेट पर एकत्र होकर हंगामा करने लगे। हंगामा की सूचना मिलते ही कोलगवां थाना प्रभारी सुदीप सोनी सहित भारी संख्या में पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गई। यही नहीं मृतक की ओर से कांग्रेस के सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा भी पहुंच गए। काफी देर तक परिजनों का हंगामा चलता रहा, इसके बाद भी प्रबंधन उनकी बात सुनने को राजी नहीं हुआ ऐसे में उन्होंने सतना-सेमरिया मार्ग जाम करने की कोशिश की। इसके बाद भी बात नहीं सुनी गई तो नाराज परिजन विधायक के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट पहुंच गए। जहां पर प्रशासनिक अधिकारियों ने समझाने की कोशिश की हालांकि यथा स्थिति कायम रही।
परिजनों ने बताया कि सत्यम सिंह पिछले पांच वर्ष से भिलाई जेपी सीमेंट बाबूपुर में काम करता था। लेकिन बीजे आठ महीने से उन्हें कोई वेतन नहीं दी गई। ऐसे में उसकी माली हालत बेहद खराब हो गई। बीती रात उसने आत्महत्या कर अपनी जान दे दी। वहीं मंगलवार को जब पोस्टमार्टम हुआ उसके बाद परजिनों ने उसका शव ले जाकर प्लांट बाबूपुर के गेट में रखकर विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।
जमीन के बदले दी थी नौकरी
ग्रामीणों ने बताया कि भिलाई जेपी सीमेंट प्लांट बाबूपुर के आसपास के किसानों की जमीन नौकरी देने के बदले ली थी। इस दौरान तमाम लोगों को कंपनी ने जमीन लेने के बाद नौकरी दी। इसके बाद कई लोगों का स्थानांतरण छत्तीसगढ़ के भिलाई प्लांट में कर दिया। आरोप यह भी है कि वहां के प्लांट में काम करने वाले कर्मचारियों ने मुश्किल से पांच से दस प्रतिशत का वेतन हर माह दिया जाता है। इसके अलावा रहने-खाने की सुविधा भी सही नहीं की गई। ऐसे में तमाम कर्मचारी आत्महत्या के लिए विवश हो चुके हैं।
प्लांट गेट छोड़, कलेक्ट्रेट पहुंचा हंगामा
कमज़्चारी की आत्महत्या के मामले में हंगामा होने के बाद भी प्रबंधन ने गंभीरता नहीं दिखाई। जिसके बाद नाराज सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा और मृतक के परिजन विरोध प्रदर्शन करने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंच गए। विधायक ने कहा कि किसानों की जमीन का अधिगृहण कर प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं। इसके बाद उन्हें आत्महत्या का मजबूर किया जा रहा है। इसके लिए अन्न-जल भी त्यागना पड़ेगा तो त्याग देंगे।
नौकरी और सहायता राशि के बाद माने
बताया जाता है कि फैक्ट्री गेट पर हंगामा करने के बाद जब बात नहीं बनी तो विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा की अगुवाई में परिजन कलेक्ट्रेट पहुंच गए। इस दौरान एसडीएम सिटी नीरज खरे, सीएसपी महेन्द्र सिंह सहित पुलिस फोर्स ने समझाने की कोशिश की तब भी नहीं माने। इसके बाद जिला प्रशासन के द्वारा इस मामले की जानकारी जेपी निगरी प्लांट को दी गई। जहां से प्रबंधन के प्रतिनिधि पहुंचे और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की। इसके बाद प्रतिनिधि मंडल को बुलाया गया। सीएसपी महेन्द्र सिंह ने बताया कि मृतक के परिजनों को नौकरी और एक लाख की आर्थिक सहायता दी गई है।