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पाकिस्तान सरकार ने ईरान के साथ गैस पाइपलाइन के निर्माण को दी मंजूरी

पाकिस्तान सरकार ने ईरान के साथ गैस पाइपलाइन के निर्माण को दी मंजूरी

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख का यूक्रेन संकट ख़त्म करने का आह्वान

स्वीडन के नाटो में शामिल होने के लिए मतदान से पूर्व हंगरी ने खरीदे स्वीडिश लड़ाकू विमान

इस्लामाबाद
पाकिस्तान सरकार ने आखिरकार ईरान-पाकिस्तान (आईपी) गैस पाइपलाइन के अपने खंड पर निर्माण कार्य शुरू करने की मंजूरी दे दी है। इससे नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी।

अंतरिम सरकार की ऊर्जा पर मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीओई) ने पाकिस्तान के अंदर 80 किलोमीटर के खंड के पहले चरण के लिए कई वर्षों की देरी के बाद मंजूरी दी।

आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘पाकिस्तान सरकार ने ईरान-पाकिस्तान (आईपी) गैस पाइपलाइन के अपने खंड पर निर्माण कार्य शुरू करने की मंजूरी दे दी है।’

समिति ने पेट्रोलियम डिवीजन की सिफारिश पर कार्य करते हुए प्रारंभिक चरण में पाकिस्तान-ईरान सीमा से शुरू होकर बलूचिस्तान प्रांत के बंदरगाह शहर ग्वादर तक परियोजना की शुरुआत का समर्थन किया है।

बयान के अनुसार, ‘सभी संबंधित प्रभागों ने पाकिस्तान की जनता को गैस आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए सकारात्मक मंजूरी दी, जिससे देश की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा किया जा सके।’

पाकिस्तान की इंटरस्टेट गैस सिस्टम्स (प्राइवेट) लिमिटेड इस परियोजना को निष्पादित करने के लिए तैयार है, जिसे गैस इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सेस (जीआईडीसी) के माध्यम से वित्तपोषित किया जाएगा।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने सप्ताह की शुरुआत में रिपोर्ट दी थी कि परियोजना को समय पर पूरा करने में विफल रहने पर 18 अरब डॉलर के संभावित जुर्माने के डर से पाकिस्तान को कई वर्षों की देरी के बाद काम शुरू करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

अंतरराष्ट्रीय अदालतों में मुकदमेबाजी से बचने के उद्देश्य से ईरान ने सितंबर 2024 तक 180 दिन का विस्तार दिया है।

विशेषज्ञों ने कहा कि यदि पाइपलाइन परियोजना से संबंधित अपने अधिकारों की रक्षा के लिए ईरान कानूनी कार्रवाई करता तो दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध तनावपूर्ण हो सकते थे।

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख का यूक्रेन संकट ख़त्म करने का आह्वान

संयुक्त राष्ट्र,
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने यूक्रेन संकट को समाप्त करने का आह्वान किया है।समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने  यूक्रेन में रूस के विशेष सैन्य अभियान की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर होने वाली सुरक्षा परिषद की बैठक में यह अपील की।

गुटेरेस ने कहा, यह शांति का सही समय है – संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्तावों पर आधारित न्यायसंगत शांति।

उन्होंने कहा, अंतर्राष्ट्रीय विवादों को शांतिपूर्ण तरीकों से सुलझाया जाएगा और सभी राज्यों को किसी अन्य राज्य की क्षेत्रीय अखंडता या राजनीतिक स्वतंत्रता के खिलाफ धमकी या बल के प्रयोग से बचना चाहिए।

उन्होंने कहा, यूक्रेन संघर्ष दुनिया में भू-राजनीतिक विभाजन को गहरा कर रहा है, क्षेत्रीय अस्थिरता को बढ़ावा दे रहा है और अन्य जरूरी वैश्विक मुद्दों के समाधान की संभावना सीमित कर रहा है। यह दुनिया को सुरक्षित बनाने वाले साझा मानदंडों और मूल्यों को कमजोर कर रहा है।

संघर्ष ने खाद्य कीमतों में वृद्धि, आर्थिक झटके और वैश्विक जीवन-यापन संकट को बढ़ा दिया है। इससे विकासशील देश सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, इस संघर्ष के परिणामस्वरूप परमाणु युद्ध की आशंका से दुनिया भर में भय व्याप्त है।

गुटेरेस ने कहा, "यह यूएन चार्टर के प्रति फिर से प्रतिबद्ध होने और अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति सम्मान का समय है। यूक्रेन और दुनिया भर में यही शांति और सुरक्षा का मार्ग है।"

स्वीडन के नाटो में शामिल होने के लिए मतदान से पूर्व हंगरी ने खरीदे स्वीडिश लड़ाकू विमान

बुडापेस्ट
 हंगरी ने स्वीडन के नाटो में शामिल होने पर हंगरी की संसद में 26 फरवरी को होने वाले मतदान से पहले स्वीडन से चार नए ग्रिपेन फाइटर जेट खरीदने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इस समझौते की घोषणा हंगरी के प्रधान मंत्री विक्टर ओर्बन और उनके स्वीडिश समकक्ष उल्फ क्रिस्टर्सन के बीच बुडापेस्ट में एक द्विपक्षीय बैठक के दौरान की गई।

नेताओं ने हंगरी में ग्रिपेन लड़ाकू विमानों और उनकी सहायता प्रणालियों के किराये के संबंध में मौजूदा समझौते में संशोधन का भी खुलासा किया।

प्रशिक्षण कार्यक्रमों सहित ग्रिपेंस से संबंधित लॉजिस्टिक सेवाओं के लिए एक नए अनुबंध पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं।

यह समझौता ऐसे समय हुआ है, जब स्वीडन दो साल पहले शुरू हुए रूसी-यूक्रेनी सशस्त्र संघर्ष के मद्देनजर तटस्थता की अपनी दीर्घकालिक नीति को छोड़कर नाटो गठबंधन में शामिल होना चाहता है।

स्वीडन की नाटो सदस्यता की पुष्टि करने के लिए सोमवार को हंगरी की संसद की बैठक बुलाई गई है।

 

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