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MP: सीएम ऑफिस के नाम पर OSD बनकर लाखों की ठगी, शिक्षक-इंजीनियर को बनाते थे शिकार

  1. मुख्यमंत्री कार्यालय के नाम पर ओएसडी बनकर बीस लाख की ठगी
  2. पुलिस कर्मियों से भी ठगी को कोशिश कर चुके थे आरोपी
  3. शिक्षक, इंजीनियर और लिपित को बनाया शिकार

Madhya pradesh bhopal mp news cheating of lakhs by posing as osd in name of cm office used to make teachers engineers victims: digi desk/BHN/भोपाल/ साइबर क्राइम ब्रांच ने ग्राम कोयली थाना जेरोन तहसील पृथवीपुर जिला निवाडी के रहने वाले 22 वर्षीय सौरभ बिलगैया और 23 वर्षीय हरबल कुशवाहा नाम के दो जालसाज युवकों को गिरफ्तार किया है। नौवीं और 12 वीं पास यह दोनों प्रदेश के अलग – अलग जिलों में शिक्षक , इंजीनियर और शासकीय विभाग के लिपिक को तबादला होने की जानकारी देकर बाद में ट्रांसफर रूकवाने का झांसा देकर रुपये ऐंठ रहे थे।

पुलिस कर्मियों से भी ठगी को कोशिश

आरोपित इतने ज्यादा शातिर हैं कि उन्होंने पुलिस कर्मियों से भी रुपये लेने की कोशिश की, लेकिन वह उनकी बातों में नहीं आए हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि वह दोनों ठग अपने आपको मुख्यमंत्री कार्यालय के नाम से फोन कर खुद को सीएम का ओएसडी बनाकर धोखाधड़ी करते थे, अभी तक उनके खाते में करीब बीस लाख की ठगी की बात सामने आ चुकी है।

साइबर क्राइम ब्रांच के मुताबिक तबादला होने जानकारी देकर उसे रूकवाने के झांसे में ढाई लाख रुपये की ठगी के शिकार भोपाल के एक शासकीय कर्मचारी की शिकायत पर पुलिस ने धोखाधड़ी की धाराओं में एफआइआर दर्ज जांच शुरू की थी, जांच के दौरान निवाड़ी के इन दिनों युवकों तक पहुंच गई।

ऐसे बनाते थे शिकार

मामले के जांच करता देवेंद्र साहू ने बताया कि आरोपित बेहद शातिर हैं, वह इंटरनेट मीडिया के माध्यम फेसबुक , गूगल और टविटर के एक्स से भी लोगों के नंबर निकल कर उनको फोन करते थे और अपना परिचय मुख्यमंत्री कार्यालय के बताते थे और खुद को मुख्यमंत्री का ओएसडी बताकर उनको अपने झांसे में लेते थे। बाद में तबादला होने की बात कहते थे, ,उनको फर्जी सूची बनाकर भी भेज दिया करते थे, बाद में तबादला रूकवाने के नाम पर उनसे दो से पांच लाख रुपये तक वसूल कर लेते थे।

जो उनके झांसे में फंस जाता थे, उनसे अपने गांव के पास के मनी ट्रांसफर वाले खाते रुपये डलवा कर मोबाइल बंद कर लेते थे, मनीट्रांसफर वाले से कहते थे कि रिश्तेदार ने रुपये भेजे हैं। बाद में मोबाइल से सिम निकालकर फेंक देते थे। गगूल पे और फोन पे से रुपये लेने से साफ इनकार कर देते थे। आरोपितों के पास से दो मोबाइल फोन ओर दो सिम बरामद हुए हैं। इनमें सौरभ ओएसड़ी बनकर बात करता था और हरबल मनीट्रांसफर में रुपये जमा करवाता था।

12 और नौवीं तक पढ़े हैं आरोपित

दोनों आरोपित 12 वीं और नौवीं कक्षा तक पढ़े हैं, पहले गांव में मजदूरी किया करते थे, बाद में लोगों को तबादले के लिए परेशान शिक्षकों को देखा तो उन्होंने ठगी का यह तरीका शुरू कर दिया था, उन्होंने इंजीनियर, लिपिक और शिक्षकों को अपना शिकार बनाया है। इसमें शिक्षकों की संख्या अधिक है। आरोपितों से पूछताछ अभी जारी है। साइबर ठगी घटना घटित होने की सूचना भोपाल साइबर क्राइम के हेल्पलाइन नम्बर 9479990636 अथवा राष्ट्रीय हेल्पलाईन नंबर 1930 पर दें।

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