- रविवार सुबह 5.45 बजे जिला अस्पताल के पास डाक्टर लेन के सामने हुआ हादसा
- रेफर के बाद ढाई घंटे तक नहीं मिली एंबुलेंस, इमरजेंसी ड्यूटी डाक्टर भी मिले गायब
- स्वजनों को बिलखता देख एसपी की आंखें हुई नम
Madhya pradesh bhind bhind accident bike collided with divider one youth died two injured: digi desk/BHN/भिंड/ पुलिस भर्ती की तैयारी करने कोचिंग पर जा रहे तीन युवकों की बाइक जिला अस्पताल के पास डाक्टर लेन के सामने सब्जी के ठेले से टकराने से अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा गई। जिससे तीनों युवकों के सिर में चोट लग गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने घायलों को तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया।
ट्रामा सेंटर में ड्यूटी पर पदस्थ दो में से एक डाक्टर गायब मिले। ड्यूटी पर मौजूद डाक्टर ने प्राथमिक इलाज के बाद घायलों को ग्वालियर के लिए रेफर दिया। करीब ढाई घंटे तक एंबुलेंस नहीं मिली। कोतवाली टीआइ ने प्राइवेट एंबुलेंस चालक को बुलाकर घायलों को ग्वालियर रवाना किया। एंबुलेंस में आक्सीजन नहीं थी।
ऐसे में एक युवक की मालनपुर के पास मौत हो गई। इसके बाद स्वजनों ने इटावा रोड स्थित आफिस कालोनी के सामने सुबह 9.15 बजे से जाम लगा दिया। इस दौरान स्वजनों को समझाइश देने पहुंचे अटेर एसडीएम ने लोगों ने अभद्रता कर दी। बाद में एसपी की समझाइश के बाद 11.30 बजे जाम खुला। एसपी अपनी गाड़ी में स्वजनों को बैठाकर मृतक के घर पहुंचे। यहां स्वजनों को रोता हुआ देखकर एसपी की आंखें नम हो गईं।
जानकारी के अनुसार भिंड एसएएफ 17वीं बटालियन में पदस्थ हवलदार संतोष यादव निवासी परसोना हाल कुशवाह कालोनी का 22 वर्षीय बेटा सोमेश यादव पुलिस भर्ती की तैयारी कर रहा हैं फिजिकल में सोमेश के 98 नंबर आए थे। वह अपनी तैयारी को और बेहतर करने के लिए धर्मपुरी स्थित कोचिंग कर रहा था। रविवार सुबह 5.30 बजे सोमेश बाइक क्रमांक एमपी 30 जेडसी 0614 से साथ में तैयारी कर रहे चाचा 22 वर्षीय अजीत यादव पुत्र जयवीर सिंह यादव और 23 वर्षीय रोहित यादव पुत्र रघुराज यादव निवासी कुशवाह कालोनी के साथ कोचिंग के लिए घर से निकला।
जिला अस्पताल के पास डाक्टर लेन के सामने अचानक सब्जी का ठेला आने के कारण बाइक टकराकर अनियंत्रित हो गई और डिवाइडर से टकरा गई। जिससे तीनों युवक सिर में चोट लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए। राहगीरों ने तत्काल तीनों युवक को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया और स्वजनों को हादसे की सूचना दी।
ड्यूटी से डाक्टर गायब, ढाई घंटे तक नहीं मिली एंबुलेंस
ट्रामा सेंटर में रात में डा. एसके मीणा और डा. विपिन भदकारिया की ड्यूटी थी। स्वजनों का आरोप है, कि सुबह ड्यूटी पर एक डाक्टर था, वह भी इलाज नहीं कर पा रहे थे। जैसे-तैसे डाक्टर ने घायलों को प्राथमिक इलाज दिया और ग्वालियर के लिए रेफर कर दिया। करीब ढाई घंटे तक सरकारी एंबुलेंस नहीं आई।
हादसे की सूचना पर अस्पताल पहुंचे कोतवाली टीआई प्रवीण सिंह चौहान ने प्राइवेट एंबुलेंस चालक को काल कर बुलाया, लेकिन चालक ने कहा कि कलेक्टर व विधायक ने प्राइवेट एंबुलेंस अस्पताल में खड़ी करने से मना किया है, इसलिए हम नहीं आएंगे। किसी तरह टीआइ ने चालक को बुलाकर घायलों को 8.30 बजे एंबुलेंस से ग्वालियर रवाना किया। लेकिन मालनपुर के पास सोमेश की मौत हो गई।
आफिसर कालोनी के सामने हाइवे पर लगाय जाम
सोमेश की मौत की खबर लगते ही स्वजन व अन्य लोग इटावा रोड पर आफिसर कालोनी के सामने एकत्रित होने लगे। 9.30 बजे एंबुलेंस शव लेकर भिंड आ गई। स्वजनों ने हाइवे पर एंबुलेंस खड़ी कर जाम लगा दिया। जाम की सूचना मिलते ही कोतवाली टीआइ के अलावा देहात थाना टीआइ प्रदीप सोनी और यातायात टीआइ राघवेंद्र भार्गव पहुंच गए।
टीआइ ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माने। इसके बाद फूफ थाना टीआइ सत्येंद्र सिंह राजपूत, ऊमरी टीआइ रविंद्र शर्मा, मेहगांव टीआइ आशुतोष शर्मा, बरोही थाना प्रभारी अतुल सिंह भदौरिया, नयागांव थाना प्रभारी वैभव सिंह तोमर आ गए। इस दौरान सीएसपी अरुण उइके, अटेर एसडीएम पराग जैन और जिला पंचायत सीईओ मनोज सरियाम आ गए।
आक्रोशित लोग बोले- तुम कौन हो, कलेक्टर को बुलाओ
हाइवे पर जाम के दौरान अटेर एसडीएम पराग जैन ने स्वजनों से बातचीत करनी चाही तो वह आक्रोशित हो गए। यहां मौजूद युवकों ने प्रशासनिक अफसरों और पुलिस को खूब खरी खोटी सुनाई। इस दौरान एक युवक ने एसडीएम से यहां तक कह दिया तुम कौन हो और यहां क्यों आए।
जब लोगों ने युवक को बताया कि ये एसडीएम साहब है तो वो बोला- होंगे। युवक का कहना था कि कलेक्टर व विधायक ने जिला अस्पताल से प्राइवेट एंबुलेंस भगाई हैं। अगर प्राइवेट एंबुलेंस समय रहते मिल जाती तो सोमेश ग्वालियर पहुंच जाता। इसलिए कलेक्टर को बुलाओ।
एसपी ने खुलवाया जाम
जाम के चलते कोतवाली से लेकर आफिसर कालोनी गेट व एसएएफ गेट तक दोनों ओर वाहनों की कतार हाइवे पर लग गई। करीब 10.45 पर एसपी डा. असित यादव आए और उन्होंने शोकाकुल परिवार के सदस्य जाेकि धरना पर बैठे थे। उनसे बातचीत की। इससे पहले पिता एंबुलेंस से सोमेश के शव घर लेकर पहुंच चुके थे। एसपी ने मृतक के घर जाने की इच्छा जाहिर की और मृतक के स्वजन को अपने साथ गाड़ी में बैठाया और रवाना हो गए। इसके बाद जाम खुल गया।
एसपी की आंखें हुई नम
बताया जाता है, कि सोमेश का सपना पुलिस में सेवा करने का था। एमजेएस कालेज से द्वितीय वर्ष का छात्र था। एमपी पुलिस परीक्षा पास कर चुका था। वो फिजिकल की तैयारी कर रहा था। सोमेश अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। सोमेश से छोटी एक बहन शिवानी और मां गुड्डी देवी का रो-रोकर बुरा था। मृतक के स्वजनों को बिलखता देखकर एसपी डा. यादव की भी आंखें नम हो गई।